होड़ सुपर कंप्यूटरों की
३ मार्च २००८सबसे तेज़ कंप्यूटरों की होड़ में वैसे तो अमेरिका की नाक सबसे आगे है, पर जर्मनी भी उससे केवल बित्ता भर ही पीछे है. जर्मनी में कोलोन के निकटवर्ती युलिश नगर के भौतिक विज्ञान शोध संस्थान में संसार के एक सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर ने काम करना शुरु किया है. इसी संस्थान के भौतिकशास्त्री पेटर ग्रुइनबेर्ग को 2007 का भौतिकशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला था. युलिश का पिछला कंप्यूटर भी एक सुपर कंप्यूटर ही था, किंतु नया उससे भी सवा सेर है. डेढ़ करोड़ यूरो के बराबर लागत वाले इस कंप्यूटर को संक्षेप में यूजीन (JUGINE) कहा जाता है. संसार के 500 सबसे चोटी के सुपर कंप्यूटरों की सूची में उसे असैनिक उद्देश्यों वला सबसे तेज़ कंप्यूटर घोषित किया गया है. संसार में यूजीन से भी तेज़ केवल एक ही कंप्यूटर है, और वह है अमेरिका में कैलीफ़ोर्निया के परमाणु अनुसंधान केंद्र का सैनिक उद्देश्यों वाला सुपर कंप्यूटर.
यूजीन कोई ऐसा छोटा-मोटा कंप्यूटर नहीं है कि आप उसे अपनी मेज़ के ऊपर या नीचे कहीं रख सकें. उसमें 65 हज़ार प्रॉसेसर लगे हैं, जिन्हें काले रंग की 16 आल्मारियों में बैठाया गया है. हर आल्मारी किसी टेलीफ़ोन-बूथ जितनी बड़ी है. यूजीन और उसके दोनो पूर्वगामी सुपर कंप्यूटरों युंप (JUMP) और युबल (JUBL)को एक बड़े-से हॉल में जगह दी गयी है. युलिश शोध संस्थान में कंप्यूटर विभाग के प्रमुख डॉ. नोर्बेर्ट अतिश जैसे ही हॉल का दरवाज़ा खोलते हैं, एक शोर कानों पर हमला बोल देता हैः हॉल के दरवाज़े पर लिखा भी है कि अंदर जाने से पहले अपने कानों को ढंक लें. कानफोड़ शोर का कारण बताते हुए डॉ. अतिश कहते हैं:
यह मुख्य रूप से एयर कंडिशनिंग और कंप्यूटरों में लगे पंखों का शोर है. यूजीन के हम जितना ही पास जायेंगे, यह शोर उतना ही बढ़ता जायेगा, क्योंकि वह इतनी गर्मी पैदा करता है कि कई पंखे तो केवल उसी को ठंडा करने में लगे रहते हैं. 16 आल्मारियों वाली उसकी हर इकाई करीब 30 किलोवाट के बराबर गर्मी पैदा करती है.
सुचारु रूप से काम करने के लिए यूजीन को केवल 16 डिग्री तापमान वाला वातावरण चाहिये. उसकी गणना क्षमता एकसाथ काम कर रहे 20 हज़ार पी सी, यानी पर्सनल कंप्यूटर कहलने वाले 20 हज़ार सामान्य कंप्यूटरों के बराबर है. उसकी गणना-गति, तकनीकी भाषा में, 223 टेराफ्लॉप (Teraflop) प्रति सेकंड के बराबर है. दूसरे शब्दों में, यूजीन प्रतिसेकंड 2230 खरब गणनाएँ कर सकता है. डॉ. अतिश इसे इस प्रकार समझाते हैं:
यह कुछ ऐसे ही है जैसे पृथ्वी के सात अरब निवासी एक साथ 30 हज़ार गणनाएं करने में जुट जायें. ये गणनाएँ भी एक-जमा-एक जैसे साधारण हिसाब नहीं होंगे बल्कि जटिल किस्म के हिसाब-किताब होंगे, जैसे-- पी गुणे पी या पी गुणे 3.274-- या ऐसा ही कोई दूसरा हिसाब.
सुपर कंप्यूटर की कार्यविधि
यूजीन की प्रचंड गणना क्षमता उसके हज़ारों प्रॉसेसरों की ही देन नहीं है. हर प्रॉसेसर किसी बड़े गणनाकार्य के केवल किसी एक भाग को ही संभालता है.असली चीज़ है एक ऐसा नेटवर्क, एक ऐसा संयोजन, जो गणनाकार्य से जुड़े डेटा को विवेकसंगत ढंग से आपस में जोड़ कर देखेः
गणनाकार्य ऐसी एकल इकाइयों में बाँटने लायक होना चाहिये, जिन्हें विभिन्न प्रॉसेसरों को दिया जा सके. गणनाकार्य के दौरान प्रॉसेसर इन इकाइयों का आपस में विनिमय करते हैं. यह विनिमय तभी हो सकता है, जब ये प्रॉसेसर एक बहुत ही तेज़ गति वाले नेटवर्क के द्वारा आपस में जुड़े होंगे.
जर्मनी का नया सुपर कंप्यूटर केवल जर्मनी के शोधकर्ताओं के लिए ही नहीं, सारे यूरोप के शोधकर्ताओं को अपने प्रय़ोगों एवं गणनाकार्यों के लिए उपलब्ध रहेगा. एक स्वतंत्र समिति तय किया करेगी कि कौन उसका लाभ उठा सकता है और कौन नहीं. युलिश के सुपर कंप्यूटर सेंटर में डॉक्टर की उपाधि के लिए अपनी थीसिस, यानी शोधप्रबंध लिख रहे मथियास बोल्टन बताते हैं:
किसी नयी दवा का विकास करते समय मुझे बहुत सारे प्रयोग करने पड़ते हैं, देखना पड़ता है कि नया औषधीय तत्त्व काम का भी है या नहीं. यदि मैं ये प्रयोग प्रयोगशाला में करता हूँ, तो बड़ा मँहगा पड़ता है. लेकिन यदि मैं अपने प्रयोग को कंप्यूटर पर सिम्युलेट करूँ, कंप्यूटर पर उसकी नकल उतारूँ, तो कम-से-कम ये
तो पता चल ही जाता है कि मुझे किस दिशा में जाना चाहिये और किस दिशा में नहीं. इससे काफ़ी पैसा बचता है.
समीकरण सरल हो जाते हैं
29 वर्षीय मथियास बोल्टन गणित के ऐसे-ऐसे लंबे समीकरणों को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं, जिन्हें सामान्य कंप्यूटरों पर नहीं सुलझाया जा सकताः
एक्स और वाई जैसे कई-कई अज्ञात घटकों वाले कई-कई समीकरण होते हैं, अरबों अज्ञात घटक होते हैं. ऐसे समीकरणों को हल करने में यूजीन से बेहद मदद मिलेगी. काँपी-पेंसिल से तो न जाने कितना समय लग जाये. Quantum Physics अर्थात प्रमात्रा भौतिकी में शोध कर रहे स्टेफ़ान क्रीग का तो यूजीन जैसे सुपर कंप्युटर के बिना काम ही नहीं चल सकताः
हम प्रकृति के सबसे शक्तिशाली बलों की खोज में लगे हैं. उदाहरण के लिए, वह प्रचंड बल, जो क्वार्क (Quarks) कहलाने वाले मूलकणों को न्यूट्रोनों या प्रोटोनों में बाँधता है या परमाणु नाभिक में न्यूट्रोनों और प्रोटोनों को आपस में बाँधे रखता है. क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों को प्रचलित क़िस्म के तरीकों से नहीं परखा जा सकता. सामान्य भौतिकशास्त्र यहाँ हमारी मदद नहीं कर सकता. हमारे पास एक ही रास्ता है, कंप्यूटर की सहायता लेना.
बहुत संभव है कि सुपर कंप्यूटरों की सूची में यूजीन का आज का शिखर स्थान लंबे समय तक न बना रह सके. उसका सबसे निकट प्रतिद्व्द्वी अमेरिका में टेक्सास विश्विविद्यालय का रैंजर (RANGER) भी शीघ्र ही अपना काम शुरू करने वाला है. युलिश वाले सुपर कंप्यूटर सेंटर के प्रमुख डॉ. नोर्बेर्ट अतिश के शब्दों में :
टॉप 500 सुपर कंप्यूटरों की सूची हर साल दो बार प्रकाशित होती है. पिछले कुछ वर्षों से इसमें हर बार ढाई सौ से तीन सौ नये नाम होते हैं. इससे पता चल जाता है कि सुपर कंप्यूटरों के मामले में कैसी होड़ चल रही है.