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सेक्स संबंधों पर खुलकर बोलतीं महिलाएं

२३ अप्रैल २०११

यूरोप में प्रति व्यक्ति बलात्कारों के मामले में स्वीडन सबसे आगे है. लेकिन वहां की महिलाएं कहती हैं कि इससे पता चलता है वे कितनी आजाद और साहसी हैं.

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तस्वीर: fotolia-piumadaquila.com

विकीलीक्स के फाउंडर जूलियन असांज अपने ऊपर लगे बलात्कार के आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हैं. बहुत से लोग इस बात को मानते भी हैं. उन पर आरोप लगाने वाली महिलाएं स्वीडन की हैं. और स्वीडन में जब इस बात पर बहस होती है, तो लोग महिलाओं के साथ खड़े नजर आते हैं. लेकिन इसकी वजह उनका स्वीडन का होना नहीं है.

सड़कों पर लोग

पुशचेयर्स की एक लंबी कतार जा रही है. उनमें बच्चे भी हैं. और सबने हल्के नीले रंग का कवर ढका हुआ है. स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में बीच सड़क पर निकली इस कतार ने ट्रैफिक को रोक दिया है. सब उस ओर देख रहे हैं. इतनी सारी मांएं कहां चली जा रही हैं? नहीं, कुछ पिता भी नजर आ रहे हैं...यह महिला अधिकारों के लिए एक प्रदर्शन है.

Ein junges Paar schmust zusammen verliebt im Bett, aufgenommen am 02.12.2006 in Berlin (Symbolbild zum Thema Beziehung, Sexualität, Erotik, Liebe, Schlafzimmer). Foto: Jörg Lange - Model relase vorhanden - +++(c) dpa - Report+++
तस्वीर: picture alliance/dpa

जब से स्वीडन की दो महिलाओं ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज पर बलात्कार के आरोप लगाए हैं, पूरी दुनिया का मीडिया उत्तरी यूरोप के इस देश की ओर देख रहा है. लेकिन इस पूरी बहस का स्वीडन पर क्या असर हुआ है? प्रदर्शन में शामिल कुछ महिलाएं कहती हैं -

मुझे लगता है कि इससे महिलाओं को बोलने की ताकत मिली है. मैं उम्मीद कर रही हूं कि असांज स्वीडन आएंगे और उन पर मुकदमा चलेगा."

अब लोग ट्विटर और ब्लॉग्स के जरिए अपने अनुभव बांट रहे हैं, यह बताने के लिए कि आप अकेले नहीं हैं.

अपनी बात कहने को

टॉक अबाउट इट...यानी, बात करो...स्टॉकहोम की सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतरी इन महिलाओं का यही संदेश है. स्वीडन की एक पत्रकार योहाना कोलियोनेन ने इसी नाम से एक वेबसाइट बनाई है. इस वेबसाइट पर वह सेक्स को लेकर अपने अनुभवों को दूसरों के साथ बांटती हैं. वह बताती हैं कि उन्हें पता ही नहीं चला, शारीरिक संबंधों की सीमा क्या होनी चाहिए. उनके कदम बढ़ाने के बाद और भी बहुत से पत्रकार इस राह पर चल पड़े हैं. इतनी सारी कहानियां सामने आ रही हैं.

स्टॉकहोम के अपने अपार्टमेंट में जोन्या श्वार्त्सनबेर्गर टॉक अबाउट इट वेबसाइट पर आईं टिप्पणियां पढ़ रही हैं. वह टीवी और रेडियो एंकर हैं. कुछ वक्त पहले तक देश की जानीमानी महिला मैगजीन बैंग की संपादक भी थीं. वह कहती हैं, "मुझे अचानक न सिर्फ ऐसा लगा कि अपनी कहानी बताई जानी चाहिए, बल्कि यह भी महसूस हुआ कि मैं इसे बता सकती हूं. एक कमरा सा बन गया जहां मैं अकेली नहीं थी. लगा कि इसके बारे में बात करना वर्जित नहीं है."

Gelbes Schild, Warnschild.
तस्वीर: WoGi/Fotolia

दो दिन बाद जोन्या ने एक राष्ट्रीय अखबार में लेख लिखा. उन्होंने अपने बेहद निजी अनुभव बयान किए...कि कैसे उनके बॉयफ्रेंड ने उनसे सोते में सेक्स किया. पर असल में उन्होंने यह बताया कि शारीरिक संबंधों में सीमाएं तय करना कितना मुश्किल होता है. वह कहती हैं, "मैं यह बताना चाहती थी कि कैसे एक तरह का अपराध बोध आपको घेर लेता है, जबकि इसकी वजह समझ में नहीं आती. और यह भी कि किस पर उंगली उठाई जाए. हो सकता है कि आप बड़े तगड़े नारीवादी हों, फिर भी आप बता नहीं पाते और अपराध बोध से घिरे रहते हैं."

देखते ही देखते ऐसे लोगों की बाढ़ आ गई जो सेक्स से जुड़े अपने संबंधों की बात कर रहे थे. बहस छिड़ चुकी थी.

क्या है बहस

लोटी हेलस्ट्रोम स्वीडन के एकमात्र रेप क्राइसिस क्लीनिक में डॉक्टर हैं. टॉक अबाउट इट की बहस में वह भी शामिल हैं. वह बताती हैं, "मुझे तो लगता है कि बहुत सारी औरतें इस बारे में बहुत कुछ बता सकती हैं. वे बताएंगी कि कई बार वे बहुत खुश हुईं या उन्हें यकीन हो गया या फिर उन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया. बहस यह है कि यह बलात्कार है या नहीं. और बहुत से मामलों में आप इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि असहमति से सेक्स बलात्कार है."

Symbolbild Menschenhandel Prostitution
तस्वीर: Alexey Klementiev/Fotolia.com

यूरोप में प्रति व्यक्ति बलात्कारों के मामले में स्वीडन सबसे आगे है. लोटी कहती हैं कि यहां बलात्कार दूसरे देशों से ज्यादा नहीं होते बल्कि यहां की औरतें यह कह सकती हैं कि उनका शोषण हुआ है. उनके मुताबिक, "स्वीडन में बलात्कार के काफी मामलों की शिकायत कराई जाती है. दूसरे देशों में शायद ऐसा न हो क्योंकि वहां औरतें इसके लिए खुद को ही दोषी मान लेती हैं और व्यवस्था में उनकी आवाज की कोई जगह नहीं है."

कौन है शोषित

अपने पार्टनर को छोड़ने के बाद एना ने रेड क्रॉस के साथ काम करना शुरू किया. उन्होंने शोषितों की मदद का बीड़ा उठाया. जोन्या की तरह वह भी मानती हैं कि सेक्स से जुड़े शोषण का हल ज्यादा से ज्यादा और खुलकर बात करने में है. वह कहती हैं, "हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां सेक्स को एक तोहफे की जगह ताकत के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. जब यह बात सब तक पहुंच जाएगी तो मेरी कही बात से सभी सहमत होंगे और कहेंगे कि हां ऐसा ही करना चाहिए. यह समस्या को समझने का एक तरीका ही है. हमें पीड़ित मत समझिए, विशेषज्ञ समझिए."

रिपोर्टः जोआना इंपे/वी कुमार

संपादनः उभ

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