साध्वी प्रज्ञा ने एटीएस पर लगाया प्रताड़ना का आरोप
२५ नवम्बर २००८महाराष्ट्र के एंटी टैररिज़्म स्क्वाड (एटीएस) को झटका लगा है. सोमवार को मकोका अदालत ने मालेगांव विस्फोटों के सिलसिले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित और अजय राहिरकर समेत सात आरोपितों को एटीएस की हिरासत में भेजने के बजाय न्यायिक हिरासत में भेज दिया. एटीएस ने इन के लिए पुलिस रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे मंजूर नहीं किया.
साध्वी प्रज्ञा ने अदालत में एटीएस पर आरोप लगाया था कि उसे यातनाएं दी गईं, पुरूष अधिकारियों के सामने गन्दी ज़ुबान में बातें की गईं और अश्लील सीडी दिखाई गई. लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित ने आरोप लगाया कि उनके हाथ बांध कर उन्हें पीटा गया और आरडीएक्स की बरामदगी कुबूल करने के लिए ज़ोर डाला गया.
मकोका संगठित अपराध रोकने के लिए बना क़ानून है जिसमें अपने आप को बेग़ुनाह साबित करने की ज़िम्मेदारी आरोप झेल रहे व्यक्ति की होती है और पुलिस के सामने दिया गया बयान अदालत में सुबूत माना जाता है. भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की गई है. वरिष्ठ बीजेपी नेता और दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार विजय कुमार मल्होत्रा ने एटीएस अधिकारियों के नार्को टेस्ट कराये जाने की मांग तक कर डाली है.
उधर मध्य प्रदेश के शहर जबलपुर में एक चुनावसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री पद के लिए बीजेपी के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी ने भी साध्वी प्रज्ञा को यातनाएं दिए जाने का ज़िक्र किया. इस मामले में वह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पहले बात कर चुके हैं. विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता गिरिराज किशोर ने आतंकवाद के सिलसिले में प्रवीन तोगड़िया का नाम उछाले जाने पर आपत्ति प्रकट की है.