सरकार से बातचीत पर हुर्रियत में टूट
२१ अप्रैल २०११मध्यस्थता करने वाले वार्ताकार दल के अध्यक्ष दिलीप पडगांवकर ने बुधवार शाम पत्रकारों को बताया, "हमने आज सुबह अंसारी से उनके घर पर मुलाकात की. हमने जम्मू और कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए बातचीत को आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार किया."
क्या कहा अंसारी ने
पडगांवकर ने कहा कि मुलाकात एक घंटे से ज्यादा चली और माहौल दोस्ताना और रचनात्मक रहा. उन्होंने बताया कि मौलाना अंसारी सरकार से बातचीत करने के हक में हैं ताकि किसी नतीजे पर पहुंचा जा सके. पडगांवकर ने कहा, "अंसारी का कहना है कि बातचीत उचित स्तर पर होनी चाहिए और केंद्र के वार्ताकारों के अलावा अलगाववादियों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी भी होनी चाहिए."
पडगांवकर ने बताया कि अंसारी मानते हैं कि राज्य में लोगों के अंदर भरोसा कायम करने के लिए ऐसे कदम उठाए जाने की जरूरत है जो जमीन पर साफ साफ नजर आएं. वरिष्ठ पत्रकार पडगांवकर ने कहा, "आखिर में अंसारी ने कहा कि शुरुआती दौर में सरकार के साथ बातचीत उदारवादी हुर्रियत के चार सूत्रीय एजेंडे पर केंद्रित होनी चाहिए."
हुर्रियत नाराज
अंसारी और वार्ताकारों के मिलने की खबर आने के कुछ ही मिनट बाद हुर्रियत कान्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने अंसारी की पार्टी इतेहाद उल मुसलीमीन (आईयूएम) को कान्फ्रेंस ने निलंबित कर दिया. मीरवाइज ने कहा, "आईयूएम ने हुर्रियत के भारत सरकार के वार्ताकार दल से न मिलने के फैसले का उल्लंघन किया है. इसलिए उसे निलंबित कर दिया गया है."
आईयूएम हुर्रियत कान्फ्रेंस की स्थापना करने वाले दलों में शामिल है. यह हुर्रियत की सात पार्टियों की उस कार्यसमिति का हिस्सा है जो अहम फैसले करती है.
मीरवाइज ने कहा कि हुर्रियत की बैठक अगले हफ्ते होनी है और तब तक आईयूएम का निलंबन जारी रहेगा. उन्होंने कहा, "हालांकि हुर्रियत की बैठकों में आईयूएम का प्रतिनिधित्व अंसारी के बेटे मौलाना मसरूर अब्बास अंसारी करते हैं, लेकिन उनकी पार्टी गठबंधन का हिस्सा है और उन्हें हुर्रियत के फैसले का सम्मान करना चाहिए था."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ईशा भाटिया