लंदन की हिंसा और शहरों में फैली
९ अगस्त २०११लंदन के टोटेनहैम में भड़की हिंसा तीन दिन बाद ब्रिटेन के कई शहरों में फैल गई है. रात भर लंदन के कई हिस्सों से आगजनी के बाद धुएं का गुबार उठता दिखता रहा. लीवरपुल, बर्मिंघम और ब्रिस्टल में नकाबपोश दंगाइयों ने सड़कों पर तोड़फाड़ की और गाड़ियों तथा घरों में आग लगा दी. बर्मिंघम में उपद्रवियों ने गहनों की दुकानों और इलेक्ट्रॉनिक शॉप्स में लूटपाट की. एक पुलिस चौकी में आग लगाने की खबर है.
सुलगता लंदन
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन इटली के तोस्काना में अपनी छुट्टी छोड़कर लंदन वापस लौट गए हैं और उन्होंने मंगलवार को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है. दंगों पर काबू पाने के लिए फुटबॉल लीग मैच स्थगित कर दिया गया है. बुधवार को ब्रिटेन और नीदरलैंड के बीच होने वाले दोस्ताना मैच को भी स्थगित कर दिया गया है.
पश्चिमी इलाके के इलिंग में नकाबपोश दंगाइयों ने दुकानों के शीशे तोड़ दिए और सड़क पर आगजनी की. बीबीसी के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सोनी का एक गोदाम जला दिया गया. क्रॉयडॉन इलाके में एक पूरे रास्ते पर आगजनी हुई और फर्नीचर की एक दुकान में आग लगा दी गई. क्लैपहैम, पेकहैम, हैकनी और लेवीशैम से भी तोड़ फोड़ की खबर है. क्लैपहैम में एक रिहायशी इमारत में आग लगा दी गई.
लंदन और बर्मिंघम में मंगलवार की सुबह तक 350 से ज्यादा संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है और 69 पर आरोप लगे हैं. पुलिस ने मंगलवार को दंगा रोकने के लिए और 1700 कर्मियों को लंदन में तैनात किया है.
'मौकापरस्त अपराधी'
इस बीच लंदन में पुलिस कार्रवाई की आलोचना हो रही है. एक लूटे गए दुकान के मालिक ने पुलिस प्रतिक्रिया को बहुत कम और बहुत देर से उठाया गया कदम बताया है. दंगाइयों में अब 10 से 14 साल के बच्चे भी शामिल हो गए हैं. उप प्रधानमंत्री निक क्लेग ने दंगाइयों को 'मौकापरस्त अपराधी' बताया है.
दंगों की शुरुआत रविवार को समस्या प्रभावित इलाके टोटेनहैम से हुई थी. वहां दो दिन पहले पुलिस ने 29 वर्षीय मार्क डूगन को मार दिया था. यह साफ नहीं है कि क्या परिवार वाले अश्वेत डूगन ने पहले गोली चलाई थी. बैलिस्टिक परीक्षणों के नतीजे मंगलवार को घोषित किए जाएंगे. उसके बाद दंगाइयों ने टोटेनहैम में दफ्तरों, घरों, सुपर बाजारों और पुलिस कारों पर हमले किए और एक डबल डेकर बस में आग लगा दी. उन्होंने दुकानों में लूटपाट भी की. तीन दिन के दंगों में करोड़ों का नुकसान हुआ है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: ए कुमार