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म्यांमार दौरे पर विदेश मंत्री कृष्णा

२० जून २०११

भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा सोमवार को म्यांमार के दौरे पर रवाना हुए. म्यांमार में नई सरकार बनने के बाद से यह किसी भारतीय उच्चाधिकारी का पहला दौरा है. भारत म्यांमार में चीन के बढ़ते असर को कम करना चाहता है.

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*** Bildauschnitt *** U.S. Secretary of State Hillary Rodham Clinton, left, shares a light moment with Indian Foreign Minister SM Krishna, as they exchange documents after signing an agreement on an endowment fund for science and technology in New Delhi, India, Monday, July 20, 2009. Clinton touted prospects for strengthening U.S.-India relations, despite sharp differences on carbon emissions, as they readied a pact giving U.S. companies more access to India's expanding markets. (AP Photo/Mustafa Quraishi)
म्यांमार में कृष्णातस्वीर: AP

किसी जमाने में म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची का पक्का समर्थक रहने वाला भारत अब वहां की सैन्य सरकार के साथ रिश्तों को बढ़ा रहा है. सुरक्षा और ऊर्जा से जुड़े मुद्दों पर दोनों देश सहयोग कर रहे हैं. कृष्णा ने इस बारे में कुछ नहीं कहा कि वह अपने दो दिन के दौरे में सू ची से मिलेंगे या नहीं, लेकिन भारतीय सूत्रों का कहना है कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता सू ची से मिलने का कोई कार्यक्रम तय नहीं किया गया है.

पिछले साल नवंबर में म्यांमार में 20 साल में पहली चुनाव हुए. इसके बाद 'नाममात्र' के चुने हुए प्रतिनिधियों की सरकार बनी है जिसे सेना का पूरी तरह समर्थन प्राप्त है. सू ची को चुनाव से कुछ दिन पहले ही लंबी नजरबंदी से रिहा किया गया, लेकिन उन्हें और उनकी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी को चुनावों में हिस्सा नहीं लेने दिया गया.

म्यांमार में नई सरकार बनने के बाद यह भारत के किसी उच्च प्रतिनिधिमंडल का पहला दौरा है. अपनी यात्रा से पहले कृष्णा ने कहा कि म्यांमार के नेताओं से उनकी बातचीत में सुरक्षा सहयोग बढ़ाने के साथ ऊर्जा और बुनियादी ढांचे के निर्माण जैसे क्षेत्रों में मिल कर आगे बढ़ने पर बात होगी. भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए म्यांमार के तेल और गैस भंडारों को अहम मानता है. साथ ही भारत को पूर्वोत्तर में उग्रवाद से निपटने के लिए भी म्यांमार की सेना का सहयोग चाहिए.

भारत की नजर चीन पर भी है जो म्यांमार की सैनिक सरकार का लंबे समय से साथी रहा है. वीटो शक्ति से लैस चीन ने मानवाधिकारों के हनन के मुद्दे पर म्यांमार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रतिबंध से बचाया है. पिछले साल अगस्त में जब दो चीनी युद्धपोत यांगोन पहुंचे तो विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने भारतीय संसद में कहा, "भारत को इस बात पर विचार करना होगा कि चीन हिंद महासागर में सामान्य से अधिक रूचि दिखा रहा है."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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