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मुरली के भंवर में फंसे किवी 112 रन से हारे

१८ मार्च २०११

न्यूजीलैंड की कसी गेंदबाजी के बावजूद श्रीलंका के तीन बल्लेबाज क्रीज पर टिके और टीम को 265 के स्कोर तक खींच ले गए. बाकी का काम श्रीलंका के गेंदबाजों ने कर दिया. उन्होंने न्यूजीलैंड को 153 पर समेट दिया. मुरली खूब चले.

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तस्वीर: dapd

19 रन पर दोनों सलामी बल्लेबाजों को खो चुकी श्रीलंकाई टीम को कप्तान संगकारा और अनुभवी बल्लेबाज महेला जयवर्धने ने बखूबी संभाला. दोनों काफी देर तक धीमे धीमे खेलते रहे. लेकिन 30वें ओवर के बाद उन्होंने हाथ खोलने शुरू किए. जयवर्धने ने 66 रन की पारी खेली और तीसरे विकेट के लिए 145 रन जोड़े.

जयवर्धने के आउट होने पर एंगेलो मैथ्यूज आए. उन्होंने भी रनों की रफ्तार धीमी नहीं पड़ने दी. 41वें ओवर तक श्रीलंका 200 के पार पहुंच चुका था. सात विकेट हाथ में थे, लग रहा था कि टीम 300 के पार जाएगी.

लेकिन संगकारा के 111 रन बनाकर आउट होते ही झड़ी सी लग गई. आखिरी छह ओवरों में श्रीलंका ने चार विकेट खोए. टीम सिर्फ 46 रन जोड़ सकी और 265 पर रुक गई.

लेकिन न्यूजीलैंड के लिए यह स्कोर भी काफी साबित हुआ. वानखेड़े की स्पिन भरी पिच पर किवी बल्लेबाज टिक ही नहीं सके. 29 पर पहला विकेट गिरा और 153 पर टीम ही धराशाई हो गई. श्रीलंका की ओर से मुरलीधरन सबसे कामयाब गेंदबाज रहे. उन्होंने आठ ओवर में 25 रन देकर चार विकेट झटके. लगे हाथ मेंडिंस भी दो विकेट ले उड़े.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन