पश्चिम बंगाल के 18 वर्षीय बाबर अली सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर काम करने का जज्बा रखने वालों के लिए शानदार मिसाल हैं. वह नौ साल की उम्र से अपना खुद का स्कूल चला रहे हैं जिसमें अब 800 बच्चे पढ़ते हैं.
इसी साल 12वीं की परीक्षा पास करने वाले बाबर अली को इस स्कूल को चलाने में क्या दिक्कतें पेश आती हैं और कौन सी बातें उन्हें लगातार प्रेरित करती हैं, जानिए इस बार हलो जिंदगी में.