मानवाधिकार सार्वभौम अधिकार: ओबामा
१७ नवम्बर २००९अपने चीन दौरे के आरंभ में बराक ओबामा ने शंघाई में चुनिंदा छात्रों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वे इंटरनेट के स्वतंत्र उपयोग के पक्षधर हैं. "हम जितने ही खुले होंगे, उतना ही बेहतर संवाद कर पाएंगे और इससे दुनिया निकट आएगी." ओबामा ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सूचना की उपलब्धता और राजनीतिक भागीदारी को सार्वभौम अधिकार बताते हुए कहा, "इन्हें सभी लोगों के लिए होना चाहिए, जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी."
विवादों पर मौन
मानवाधिकारों और इंटरनेट के समर्थन के बावजूद ओबामा ने विवादास्पद मुद्दों को नहीं छुआ. उन्होंने तिब्बत विवाद की चर्चा नहीं की. पेइचिंग में चीनी नेताओं से मुलाक़ात से पहले उन्होंने आर्थिक और मौद्रिक मतभेदों को ठंडा करने की कोशिश की. राष्ट्रपति ने कहा, हम चीन के विकास को बांधना नहीं चाहते.इसके विपरीत हम चीन का राष्ट्रों के समुदाय में मजबूत, समृद्ध और सदस्य के रूप में स्वागत करते हैं.
राष्ट्रीय चैनलों में नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति ने चीन और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि इसकी वजह से और अधिक रोज़गार और समृद्धि पैदा हुई है. उन्होंने संतुलित व्यापार की वकालत करते हुए शिक़ायत की कि चीन अमेरिका को अधिक उत्पाद बेचता है जबकि उससे कहीं कम का आयात करते हैं.
शंघाई के अधिकारियों ने ओबामा के भाषण की पूरी तैयारी की थी. निर्देशित लगते इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए लेकिन वह सचमुच के बहस का रूप नहीं ले पाया. ओबामा के भाषण को राष्ट्रीय चैनलों पर प्रसारित नहीं किया गया. सिर्फ़ शंघाई के कुछ चैनलों ने राष्ट्रपति के भाषण का सीधा प्रसारण किया. राष्ट्रपति ओबामा मंगलवार को रेइचिंग में चीनी राष्ट्रपति हू जिनताओ से मिल रहे हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा
संपादन: आभा मोंढे