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महिलाओं की बढती भागीदारी और मीडिया पर आपकी राय

५ जून २००९

भारतीय राजनीति में बढ़ती महिलाओं की भागदारी और बॉन में ग्लोबल मीडिया फोरम के बारे में कई श्रोताओं ने हमें ईमेल, एसएमएस के ज़रिए अपने विचार से अवगत कराया है. आईए देखते हैं कि क्या कहते हैं हमारे श्रोता.

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आपकी अहम रायतस्वीर: Picture-Alliance /dpa

अन्ततः लोकसभा स्पीकर का पद मीरा कुमार को मिल ही गया. निश्चित रूप से ये एक ऐतिहासिक क्षण है और हम महिलाओं के लिए गर्व करने का मौका भी है क्योंकि 15वीं लोकसभा में पहली बार सर्वाधिक महिलाएं चुनकर पहुंची हैं, देश का सर्वोच्च पद भी एक महिला ही सुशोभित कर रही हैं और तो और कांग्रेस को बहुमत के करीब तक ले जाने वाली सोनिया गांधी भी एक महिला हैं. दुनिया की आधी आबादी कही जाने वाली महिलाओं की भागीदारी अब भारतीय राजनीति में बढ़ती नज़र आ रही है और ये शुभ संकेत कहे जा सकते हैं. हमारी ओर से लाख लाख बधाईयां. बहरहाल हमें डॉएचे वैले से कोई शिकायत नहीं है क्योंकि यहाँ महिलाओं को पूरा प्रतिनिधित्व मिला हुआ है.

श्रीमती विमलेश, इंटरनेशनल फ्रैंडस क्लब, इलाहाबाद

कांग्रेस द्वारा मीरा कुमार को लोक सभा का स्पीकर बनाया जाना, महिलाओं एवं दलित वर्ग के मतदाताओं को रिझाने का प्रयास है. लेकिन मीरा कुमार को सारा जीवन राजनीतिक गलियारे में बिताने और एक सुलझी हुई नेता होने के कारण लोक सभा की अध्यक्षता करने में विशेष कठिनाई नहीं होगी. इंदिराजी, प्रतिभा देवी जी की तरह वह भी अपने दायित्व को बखूबी निभायेंगी।

चुन्नीलाल कैवर्त, सोनपुरी, जिला बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

अंतरा में जर्मनी की तीन युवा महिला गायकों पर जो जानकारी बताई गई वो महिलाओं के प्रति सम्मान बढ़ाने वाली थी. 99 बलून्स गाने के माधयम से शीत य़ुद्ध में शांति का संदेश देकर मशहूर होने वाली नीना ने तो कमाल कर दिखाया था. आज के दौर में महिलाओं को कमज़ोर मानना एक गलती होगी क्योंकि अपने बलबूते पर महिला हर एक क्षेत्र में आगे आने की कोशिश कर रही हैं, सिर्फ मौका मिलना चाहिए. भारत में संगीत क्षेत्र में लता मंगेशकर ने अपने बच्चपन से ही अपनी प्रतिभा दिखाकर आज एक महिलाओं के सामने एक आदर्श रखा है.

सविता जावले, पारली वैजनाथ, महाराष्ट्र

"संघर्ष शांत कर सकते है पत्रकार" पढ़कर एक रोचक जानकारी मिली. सचमुच मीडिया चाहे तो दुनिया में शांति की क्रांति ला सकती है. मैं छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं. मैं यह नहीं कहता कि सभी मीडिया के लोग खराब होते हैं पर फिर भी हमारे यहां पर अवैध वसूली का धंधा बना हुआ है. जिसके कारण अपराध बढ़ रहे है.

अशोक कुमार साहू, गुड़गांव, हरियाणा

जनता और जागरूकता में डीडब्ल्यू ग्लोबल मीडिया फोरम में पत्रकारों की भूमिका, मीडिया के बदलते दौर के बारे में चर्चा और आज के मीडिया के सामने चुनौतियों पर जो प्रकाश डाला गया वो काफी विचार करने लायक था. आज के युग में पत्रकारों के लिए सौभाग्य की बात है कि आज सब इंटरनेट और आधुनिक तकनीक से भरपूर लाभ उठा सकते है जिससे उनका बहुत सा काम आसान हो गया है.

संदीप जावले, मारकोनी डीएक्स क्लब, महाराष्ट्र