महिला आरक्षण बिल 100 दिन में!
४ जून २००९संसद के साझा सत्र में गुरुवार को राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने साफ किया कि भारत आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस यानी शून्य सहनशीलता की नीति अपनाता रहेगा. इसके साथ ही उसने अपने सभी पडोसी देशों के साथ सभी लंबित मुद्दे सुलझाने और अच्छे सम्बन्ध कायम करने की अपनी पुरानी नीति को भी दुहराया.
गुरुवार को संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ संबंधों को नया रूप देना चाहता है लेकिन वह इस पर निर्भर करेगा कि आंतंकवादी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान क्या कार्रवाई करता है.
पाटिल ने अपने अभिभाषण में यह भी वादा भी किया कि सरकार अगले सौ दिनों के भीतर न केवल महिला आरक्षण विधेयक पेश और पारित कराएगी बल्कि स्थानीय निकायों में महिला आरक्षण को बढाकर पचास प्रतिशत करने के लिए संविधान में संशोधन भी कराएगी.
महिला आरक्षण बिल पर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की पुत्री और सांसद सुप्रिया सुले ने विशवास व्यक्त किया कि आम सहमति के आधार पर महिला आरक्षण विधेयक को पारित करा लिया जाएगा. बीजेपी के वरिष्ठ नेता वेंकैया नायडू ने विधेयक का समर्थन करते हुए भी कहा कि उसके स्वरूप को देखने के बाद ही कोई प्रतिक्रिया दी जायेगी. उधर समाजवादी पार्टी की सांसद जयप्रदा ने पार्टी के पुराने ऐतराज़ को दुहराया. सीपीएम ने विधेयक को समर्थन देने की बात कही.
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने अगले पांच सालों के दौरान मनमोहन सिंह सरकार द्वारा किये जाने वाले कामों को गिनाने के अलावा एक दस-सूत्री कार्यक्रम की घोषणा भी की जिस पर प्राथमिकता के आधार पर अमल किया जाएगा. इसमें आतंरिक सुरक्षा और साम्प्रदायिक सदभाव पर भी ज़ोर दिया गया है.
रिपोर्ट: कुलदीप कुमार, नई दिल्ली
संपादन: ए कुमार