मथुरा में पुलिस फायरिंग में किसान मरे
२१ जनवरी २००९समाचार माध्यमों के मुताबिक यमुना एक्सप्रेस वे पर मुआवजा बढ़ाने और अन्य मांगों को लेकर धरने पर बैठे किसानों पर मंगलवार को पुलिस ने देर शाम फायरिंग कर दी. पुलिस की फायरिंग से दो किसानों के मरने की खबर है जबकि कई किसान गंभीर रूप से घायल हो गए है. इधर प्रशासन का दावा है कि किसी किसान को गोली लगी ही नहीं.
फायरिंग के बाद गुस्साए किसानों ने पुलिस चौकी फूंक दी और कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस बाजना कस्बे में घुस गई और वहां लोगों को खदेड़ा. गुस्साए लोगों के साथ पुलिस झड़प आज भी जारी रही.
किसानों ने सोमवार को ही एलान कर दिया था कि मांग स्वीकार नहीं की गयी हैं एक्सप्रेस वे की कार्यदायी संस्था के कैंप पर कब्जा कर लिया जाएगा. इसे देखते हुए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया. प्रदर्शनकारी किसान डीएम को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे. जाम स्थल पर पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि मंडलायुक्त के दौरे के कारण डीएम व्यस्त हैं. किसान इस बात पर अड़ गए कि डीएम के आए बगैर जाम नहीं खोला जाएगा.
इस बीच आक्रोशित किसान जैसे ही यमुना एक्सप्रेस वे की कार्यदायी संस्था जेपी ग्रुप के कैंप पर कब्जा करने के लिए आगे बढ़े पुलिस ने उनको रोकने के लिए बल प्रयोग किया. मामला धीरे धीरे नियंत्रण से बाहर हो गया और पुलिस फायरिंग की चपेट में किसान आ गए.