भारत के प्रतिबंधों से कड़वे हुए अमेरिकी बादाम
२८ जून २०१९अमेरिका ने कुछ वक्त पहले भारत का जीएसपी दर्जा समाप्त किया था. बदले में कुछ ही दिन बाद भारत ने बादाम समेत कई अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिया. बादाम पर बीते साल चीन ने भी तब टैरिफ बढ़ा दिया था, जब अमेरिका के साथ उसकी तनातनी शुरु हुई थी. अमेरिकी शहर मांटेका में ट्रैवेले एंड फिपेन इंक नाम की फार्म और प्रोसेसिंग कंपनी चलाने वाले डेविड फिपेन कहते हैं, "हम किसी एक देश के बाजार में परेशानियों से निपट सकते हैं लेकिन कई देशों में ऐसा हो तो उससे निपटना एक बड़ी चुनौती बन जाता है."
अपने कारोबारी प्रोग्राम के अंतर्गत दिए गए 'जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस' (जीएसपी) के दर्जे के तहत अमेरिका भारत जैसे विकासशील देशों के आर्थिक विकास में मदद करता था. इस दर्जे के कारण अब तक भारत को सबसे ज्यादा फायदा होता था और हर साल भारत से 5.6 अरब डॉलर तक का ड्यूटी फ्री निर्यात होता था. जिस पर अब ड्यूटी भरनी पड़ेगी.
बादाम को देखें तो दुनिया भर के कुल बादाम का 82 फीसदी हिस्सा केवल कैलिफोर्निया से निर्यात किया जाता है. इस काम में करीब 7,000 उत्पादक लगे हुए हैं. आलमंड बोर्ड ऑफ कैलिफोर्निया का अनुमान है कि इस उद्योग के कारण केवल कैलिफोर्निया में ही एक लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होती हैं. अब बादाम पर लगे नए शुल्क का असर इन सब पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. भारत इनके लिए कितना अहम बाजार है इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि आलमंड बोर्ड ने नई दिल्ली में भी अपना दफ्तर खोला हुआ है और कंपनी सालाना 60 लाख डॉलर केवल विज्ञापनों पर खर्च करती है.
नए टैरिफ के कारण हर प्रति एक पाउंड छीले हुए बादाम की कीमत में 12 सेंट और जुड़ जाएंगे, जो कि करीब 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. बिना छीले बादामों की कीमत में भी करीब 17 फीसदी की बढ़त होगी. आलमंड बोर्ड की अध्यक्ष जूली ऐडम्स कहती हैं, "यह सुनने में बहुत बड़ी संख्या भले ना लग रही हो लेकिन हमारे निर्यातों के लिए चीन के बजाय भारत एक अहम विकल्प था." ऐडम्स इस टैरिफ के दीर्घकालीन प्रभावों के बारे में सोच कर भी चिंतित हैं.
हालांकि बादाम उत्पादकों को चीन के टैरिफ के कारण कहीं ज्यादा झटका लगा था. अमेरिका के साथ अपनी कारोबारी तनातनी बढ़ने पर चीन ने अमेरिकी बादामों पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया था. आलमंड बोर्ड के मुताबिक टैरिफ बढ़ोतरी के बाद से चीन को किए जाने वाले कुल निर्यात में तकरीबन एक तिहाई की गिरावट आई है.
अगर भारत में भी बादाम का कम निर्यात होता है तो बाजार में उसकी कमी हो सकती है. जिसके कारण बादाम और महंगा हो सकता है. भारतीय विक्रेताओं को डर है कि इससे कई लोग तो बादाम खरीदना ही छोड़ देंगे. भारत में लोगों की आय में बड़ा अंतर है और लाखों लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं. 2017-18 में अमेरिका से भारत को करीब 65 करोड़ डॉलर के मूल्य के बादाम का निर्यात हुआ. वहीं चीन और हांगकांग को अमेरिका से करीब 54.9 करोड़ डॉलर के बादाम का निर्यात हुआ.
चीन जैसे तमाम देश ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी बादाम मंगवाने के बारे में सोच सकते हैं. ऑस्ट्रेलिया के साथ चीन का मुक्त व्यापार समझौता है. हाल के सालों में सूखे के कारण अमेरिका के बादाम उगाने वाले बहुत परेशान रहे और बीते कुछ सालों से वे बाजार के उथल पुथल के भी आदी होते जा रहे हैं.
आरपी/एए (एपी)
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