भारत में खेलने में कोई 'दिक़्कत नहीं'
१९ फ़रवरी २०१०चैपल और साइमंड्स का कहना है कि भारत में खेलने में क्रिकेटरों को सुरक्षा की चिंता नहीं करनी चाहिए. साइमंड्स और चैपल का यह बयान पुणे में बम धमाके के बाद सुरक्षा से जुड़ी बहस के तेज़ होने के बीच आया है. भारत में इंडियन प्रीमियर लीग का तीसरा संस्करण मार्च में शुरू होना है और विदेशी खिलाड़ी पुणे में विस्फोट के बाद फिर से सोचने पर मजबूर हो गए हैं.
ऐसी रिपोर्टें थीं कि राजस्थान रॉयल्स के शेन वॉर्न चाहते है कि अगर सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं जायज़ हैं तो भारत को आईपीएल किसी और देश में कराने पर विचार करना चाहिए. लेकिन साइमंड्स को भारत में मैच खेलने में कोई मुश्किल नहीं है और उन्होंने कहा है कि डेक्कन चार्जर्स के लिए खेलने के लिए वह पूरी तरह तैयार हैं.
"भारत उन देशों में हैं जहां मुझे कभी डर नहीं लगता. तब भी जब दर्शक थोड़ा नाराज़ हो जाते हैं. मुझे दक्षिण अफ़्रीका में गोली लगने या चाकू से हमले का ख़तरा ज़्यादा महसूस होता है. भारत में ऐसा मुझे कभी नहीं लगता. फ़िलहाल जो स्थिति है उसके हिसाब से मैं भारत जा रहा हूं." एंड्रयू साइमंड्स को 2007 में भारतीय प्रशंसकों की छींटाकशी का सामना करना पड़ा था.
भारतीय टीम को कोचिंग के आख़िरी दिनों में भले ही ग्रेग चैपल को विरोध का सामना करना पड़ा हो लेकिन वह भी मानते हैं इस तरह की चिंताओं से खेल नहीं रोका जाना चाहिए.
"यह ज़रूर है कि आतंकवादी धमकी खिलाड़ियों की चिंता बढ़ाती है लेकिन भारतीय आम तौर पर शांत होते हैं और लड़ाई झगड़े से दूर रहते हैं. उनका व्यवहार दोस्ताना और खुला होता है." चैपल के मुताबिक़ धमकी देने वालों के आगे नहीं झुका जाना चाहिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा मोंढे