भारत चीन की बातचीत बिना नतीजे खत्म
१९ सितम्बर २००८चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि चीनी विदेश मंत्रालय में सलाहकार ताई पिंगकुओ और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने बातचीत में हिस्सा लिया, जो बेहद दोस्ताना माहौल में हुई. बयान के मुताबिक दोनों पक्षों ने विवाद को सुलझाने के लिए तौर तरीकों पर विस्तार से बात की. लेकिन इस बयान में ऐसा कोई संकेत नहीं है कि मतभेदों को दूर करने के मामले में कोई प्रगति हुई है. अगले दौर की बातचीत भारत में होगी.
चीनी विदेश मंत्री यांग चिएची ने पिछले दिनों अपनी भारत यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर बातचीत की. उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की. भारत और चीन ने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 1988 में एक साझा कार्यदल बनाया. दोनों देशों के बीच चार हजार किलोमीटर तक फैली सीमा के आसपास एक बड़े क्षेत्र को लेकर विवाद है. जम्मू कश्मीर के एक इलाके पर भी चीन का कब्जा है जिसे भारत गैरकानूनी बताता है. भारत का आरोप है कि चीन ने जम्मू कश्मीर में 43 हजार वर्ग किलोमीटर पर कब्जा कर रखा है जबकि चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश के एक बड़े हिस्से पर अपनी दावेदारी जताता है. पहले सिक्किम पर भी उसकी दावेदारी थी, जिसे वह छोड़ चुका है.
बढ़ते व्यापार के कारण हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरे हैं.