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ब्रिटेन के सिंहासन पर महिलाओं का भी हक होगा

१७ अप्रैल २०११

ब्रिटेन की सरकार भविष्य में सिंहासन के उत्तराधिकारी को लेकर कानून बदलने की कोशिश में है. इस वक्त कानून केवल बेटे को ही सही उत्तराधिकारी मानता है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

300 साल पुराने इस कानून के बदलने से राजकुमार विलियम और उनकी होने वाली पत्नी केट मिडलटन के पहले बच्चे को सिंहासन का हकदार माना जाएगा, चाहे वह बेटी हो या बेटा. केट मिडलटन और प्रिंस विलियम की शादी से दो हफ्ते पहले ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री निक क्लेग का कहना है कि कानून को बदला जाना चाहिए. "मुझे लगता है और कई लोगों को लगता है कि इस सदी में अगर केट और विलियम को पहले बेटी होती है तो परंपरा को बदलना ठीक रहेगा ताकि वह सिंहासन की हकदार बने. लेकिन यह मामला पेचीदा है क्योंकि इससे केवल ब्रिटेन ही नहीं बल्कि कॉमनवेल्थ के कई देशों को फर्क पड़ेगा. इसलिए हमने सबसे बातचीत शुरू कर दी है."

Großbritannien London Königin Elizabeth II Thronrede
तस्वीर: AP

क्लेग ने हालांकि कहा है कि बदलाव में देर लगेगी क्योंकि इसमें संसद से भी सहमति लेनी होगी और 15 कॉमनवेल्थ देशों से भी उनके मत हासिल करने होंगे. इन 15 देशों ने रानी एलिजाबेथ को अपनी सरकार का प्रमुख माना है.

ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ द्वितीय सिंहासन पर केवल इसलिए आईं क्योंकि उनका कोई भाई नहीं था. अगर उनके माता पिता का बेटा होता, तो वे रानी नहीं बनतीं. बकिंघम महल के प्रवक्ता ने हालांकि कहा है कि यह मुद्दा अब सरकार के फैसले से ही तय होगा. परंपरा के मुताबिक एलिजाबेथ के बाद प्रिंस चार्ल्स राजा बनेंगे. अगर उनके बच्चे नहीं होते, तो शासन का अधिकार उनके भाई प्रिंस एंड्र्यू के पास चला जाता. प्रिंस चार्ल्स की बहन प्रिंसेस ऐन हालांकि प्रिंस एंड्र्यू से बड़ीं हैं लेकिन उत्तराधिकारी की परंपरा उन्हें गद्दी पर आने नहीं देती.

रिपोर्टःरॉयटर्स/एमजी

संपादनःएन रंजन

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