फिल्म 'मुल्क' से देशभक्ति पर उठ रहे हैं सवाल
३ अगस्त २०१८बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी ने आईएएनएस को ई-मेल के जरिए दिए साक्षात्कार में कहा, "फिल्म में सच्ची देशभक्ति और राष्ट्रवाद को दिखाया गया है और अगर किसी को इस फिल्म से तकलीफ है, तो शायद उसका दिमाग इतना खुला नहीं है कि वह दूसरे पक्ष के विचारों को भी समझ सके. जिस किसी को भी इससे समस्या है, वह समस्या दरअसल उसके दिमाग में है."
तापसी ने आगे कहा, "मैं समझती हूं कि इस फिल्म में हम जो कहना चाह रहे हैं, उसे देखने के लिए आपको खुली मानसिकता की जरूरत होगी. मुल्क में हमने किसी समुदाय की आलोचना नहीं की है और ना ही हमने कहा कि कोई समुदाय अच्छा या बुरा है. हमने बस सच्चाई दिखाई है और निर्णय दर्शकों पर छोड़ दिया है."
यह पूछे जाने पर कि यह फिल्म कैसे लोगों की मानसिकता बदलने में सहयोग देगी, तापसी ने कहा कि उनका उद्देश्य उपदेश देना नहीं है. उन्होंने कहा, "समुदाय, धर्म और जाति को लेकर काफी पूर्वाग्रह हैं. इस फिल्म में हमने दर्शाया है कि यह पूर्वाग्रह गलत हैं. हमारे दिमाग में कई सालों के दौरान भरे गए इन पूर्वाग्रहों ने क्या किया है और कैसे इसका कुछ लोगों को फायदा मिलता है."
तापसी आगे कहती हैं, "सालों से हमें बताया जा रहा है कि कुछ समुदायों को विशिष्ट तरीके से देखा जाना चाहिए. तो, मुझे लगता है कि हमें इसके पीछे के तर्क पर सवाल उठाना चाहिए. मुल्क इस तर्क पर और यह क्यों शुरू हुआ, इस पर सवाल उठाती है और इसे तुरंत बदलने की जरूरत बताती है."
फिल्म के संदेश के बारे में वे कहती है, "हमें उम्मीद है कि इस फिल्म के बाद लोग आपस में इन मुद्दों पर चर्चा करेंगे, इससे जुड़े सवालों पर बात करेंगे और जवाब खोजने की कोशिश करेंगे. यह हम और आप ही हैं जो बदलाव ला सकते हैं. कोई तीसरा हमारी मदद नहीं कर सकता."
तापसी ने सिनेमा में कलात्मक स्वतंत्रता पर कहा, "सिनेमा भी एक प्रकार की कला है और इसे भी अभिव्यक्ति की आजादी चाहिए. यह जिम्मेदारी का काम है लेकिन जब हम इसे करते हैं, तो हमें मीडिया और जनता का समर्थन मिलना चाहिए क्योंकि हम समाज में मौजूद मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए सिनेमा को स्वतंत्रता मिलनी चाहिए ताकि निर्देशक और लेखक जो महसूस करत हैं, उसे पर्दे पर दर्शा पाएं. फिर यह दर्शकों का फैसला है कि आप उसे वास्तव में देखना चाहते हैं या नहीं. यह एक लोकतांत्रिक मुल्क है और लोग जो चाहें, वह कर सकते हैं."
पाकिस्तान में मुल्क पर लगी रोक
पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ने फिल्म को देश में बैन कर दिया है. इस पर फिल्म के निर्देशक अनुभव सिंहा ने पाकिस्तान के लोगों से निवेदन किया है कि वे गैरकानूनी तरीके से उनकी फिल्म देखें. ट्विटर पर पाकिस्तानी लोगों के नाम एक पत्र पोस्ट कर उन्होंने लिखा है, "मैं आपसे एक सवाल करना चाहता हूं. ऐसा क्यों है कि वे (सेंसर बोर्ड) नहीं चाहते कि आप ऐसी फिल्म देखें जो मिल कर रहने के बारे में बात करती है." उन्होंने आगे लिखा, "मुझे पता है, आज नहीं तो कल आप तक फिल्म पहुंच ही जाएगी. इसे जरूर देखें और मुझे बताएं कि पाकिस्तान सेंसर बोर्ड ने इसे क्यों बैन किया."
सिंहा ने अपने पत्र की शुरुआत "प्यारे पाकिस्तान के नागरिकों" से की और साथ ही लिखा कि इसके लिए उन्हें बहुत से लोग "राष्ट्रविरोधी" घोषित कर देंगे. सिंहा के अनुसार फिल्म ना ही पकिस्तान के पक्ष में बोलती है और ना ही उसके खिलाफ, बल्कि फिल्म में हिन्दू मुस्लिम एकता पर जोर दिया गया है, जिसकी जरूरत दोनों देशों को है.
निवेदिता (आईएएनएस)
इमेज से बंधे बॉलीवुड के एक्टर्स