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पोलिश अदालत के फैसले के बाद ईयू से रिश्ते तल्ख

८ अक्टूबर २०२१

संवैधानिक न्यायाधिकरण ने कहा कि वारसॉ के संवैधानिक कानूनों को ब्रसेल्स यानी यूरोपीय संघ के कानूनों पर प्राथमिकता है. अदालत का यह फैसला यूरोपीय संघ के साथ पोलैंड के संबंधों को प्रभावित कर सकता है.

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Polen Verfassungsgericht in Warschau
पोलैंड की संवैधानिक अदालततस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Guz

संवैधानिक ट्रिब्यूनल का फैसला पोलैंड के प्रधान मंत्री मातेउस मोरावित्स्की द्वारा यूरोपीय संघ के कोर्ट ऑफ जस्टिस यानी ईसीजे के एक निर्णय की समीक्षा का अनुरोध करने के बाद आया है, जिसने यूरोपीय संघ के कानून को राष्ट्रीय कानून पर प्राथमिकता दी थी. हालांकि इस पैनल में शामिल 14 जजों में से दो जज बहुमत की राय से असहमत थे.

संवैधानिक ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा, "यूरोपीय न्यायालय द्वारा पोलैंड के कानूनी तंत्र में हस्तक्षेप का प्रयास ऐसे नियमों का उल्लंघन करता है जो संविधान और नियमों को प्राथमिकता देते हैं और जो यूरोपीय एकीकरण की प्रक्रिया के बीच संप्रभुता का सम्मान करते हैं." यूरोपीय संघ संवैधानिक ट्रिब्यूनल को पोलैंड की सत्तारूढ़ कानून और न्याय पार्टी पीआईएस द्वारा वहां की न्यायपालिका पर डाले जा रहे राजनीतिक दबाव के कारण अवैध मानता है.

कोर्ट में मामला किस बात पर

अदालत ने विशेष रूप से यूरोपीय संघ की संधियों के प्रावधानों की पोलैंड के संविधान के साथ अनुकूलता पर विचार किया. इसका उपयोग यूरोपीय आयोग द्वारा सदस्य राज्यों में कानून के शासन की स्थिति पर नजर रखने के लिए किया जाता है. इसी साल मार्च में यूरोपीय अदालत के एक फैसले में कहा गया था कि यूरोपीय संघ, सदस्य राज्यों को संवैधानिक कानून सहित राष्ट्रीय कानून में कुछ प्रावधानों की अवहेलना करने के लिए मजबूर कर सकता है.

Polen Justizreformen
पोलैंड के 80 फीसदी लोग ईयू सदस्यता का समर्थन करते हैंतस्वीर: Omar Marques/Getty Images

ईसीजे का कहना है कि पोलैंड ने अपने सुप्रीम कोर्ट के सदस्यों की नियुक्ति के लिए हाल ही में जो प्रक्रिया अपनाई है वो यूरोपीय संघ के कानून का उल्लंघन है. ईसीजे का फैसला संभावित रूप से पोलैंड को विवादास्पद न्यायिक सुधार के कुछ हिस्सों को निरस्त करने के लिए मजबूर कर सकता है. यूरोपीय संघ को चिंता है कि पोलैंड में कानून का शासन ठीक से नहीं चल रहा है और इसीलिए वह कोविड महामारी के बाद पुनर्निर्माण के लिए पोलैंड को दी जाने वाली अरबों यूरो की सहायता रोक रहा है.

अदालत के फैसले पर पोलैंड की प्रतिक्रिया

कोर्ट के फैसले के बाद पीआईएस सरकार के प्रवक्ता पियोत्र मुलर ने ट्विटर पर लिखा, "कानून के अन्य स्रोतों पर संवैधानिक कानून की प्रधानता सीधे पोलैंड गणराज्य के संविधान से उत्पन्न होती है. आज एक बार फिर संवैधानिक न्यायाधिकरण द्वारा इसकी स्पष्ट पुष्टि की गई है." सरकार की आलोचना करने वाले यूरोपीय संघ के समर्थक वकील मिशाएल वावरीकीवित्स ने इसे पोलैंड के इतिहास में एक 'काला दिन' बताया. उन्होंने ट्वीट किया है, "यह यूरोपीय संघ में पोलैंड की सदस्यता के खिलाफ लोकतंत्र विरोधी ताकतों का एक संघ है."

उदारवादी-रूढ़िवादी विपक्षी गठबंधन सिविक कोएलिशन के बोरिस बुदका ने लिखा, "ईसीजे के फैसलों की गैर-मान्यता वास्तव में पोलेक्जिट यानी संघ से पोलैंड के बाहर होने का रास्ता है." यूरोपीय संघ के समर्थक प्रदर्शनकारियों का एक समूह 'वी आर यूरोपियंस' लिखे बैनरों के साथ वारसॉ में संवैधानिक अदालत के बाहर प्रदर्शन कर रहा था जो यह दिखाता है कि पोलैंड की अस्सी फीसद आबादी यूरोपीय संघ में बने रहना चाहती है.

यूरोपीय संघ ने दी ये प्रतिक्रिया

यूरोपीय संघ के नेताओं और संस्थानों ने यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड सासोली के साथ अदालत के फैसले पर आक्रोश व्यक्त करते हुए यूरोपीय आयोग से पोलैंड के खिलाफ 'आवश्यक कार्रवाई करने' का आह्वान किया है. ससोली ने कहा, "पोलैंड में आज का फैसला परिणामों के बिना नहीं रह सकता. यूरोपीय संघ के कानून की प्रधानता निर्विवाद होनी चाहिए. इसका उल्लंघन करने का मतलब हमारे संघ के संस्थापक सिद्धांतों में से एक को चुनौती देना है."

यूरोपीय आयोग ने एक बयान में पोलैंड की शीर्ष अदालत के फैसले को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया. बयान में कहा गया है, "यूरोपीय संघ के कानून में संवैधानिक प्रावधानों सहित किसी भी सदस्य देश के राष्ट्रीय कानून पर प्रधानता है. यूरोपीय न्यायालय के सभी फैसले राष्ट्रीय न्यायालयों सहित सभी सदस्य राज्यों के प्राधिकारियों पर बाध्यकारी हैं. यूरोपीय आयोग संघ के कानून के एक समान अमल और अखंडता की रक्षा के लिए संधियों के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करने में संकोच नहीं करेगा."

Grüne Jugend Europawahl Kandidatin Terry Reintke
ग्रीन पार्टी की टेरी राइंटके ने ईयू नेताओं से की कार्रवाई की मांगतस्वीर: Monika Keiler

यूरोपीय संसद में ग्रीन्स-यूरोपियन फ्री एलायंस ग्रुप की पोलैंड पर रिपोर्टर टेरी राइंटके ने अदालत के फैसले पर कहा, "पोलिश सरकार ने यूरोपीय संघ के सदस्य के रूप में जो हस्ताक्षर किए हैं, यह फैसला उसके सामने कहीं नहीं ठहरता." उनका कहना था, "यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की सरकारों को अब पोलैंड के साथ खड़ा नहीं होना चाहिए और कुछ भी नहीं करना चाहिए क्योंकि पोलिश सरकार अपने हितों के अनुरूप लोकतंत्र के नियमों को फिर से लिखने का प्रयास कर रही है."

यूरोपीय संसद में सेंटर-राइट ब्लॉक ईपीपी भी अदालत के फैसले के खिलाफ दृढ़ता से सामने आया है. सत्तारूढ़ पीआईएस भी इसी ग्रुप से संबंधित है. समूह के प्रवक्ता जेरोन लेनियर्स कहते हैं, "पोलिश अधिकारियों और पीआईएस पार्टी पर विश्वास करना कठिन है. वे दावा करते हैं कि वे यूरोपीय संघ से पोलैंड की सदस्यता को समाप्त नहीं करना चाहते हैं लेकिन उनके कार्य विपरीत दिशा में जाते हैं. अब बहुत हो गया है. पोलिश सरकार ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है. यह समग्र रूप से यूरोपीय संघ पर हमला है."

यूरोपीय संघ के साथ पोलैंड के तनावपूर्ण संबंध

यूरोपीय संसद ने मोरावित्स्की से पिछले महीने पारित एक प्रस्ताव में अदालती मामले को रद्द करने का आह्वान किया था. संसद ने 'यूरोपीय संघ के कानून के आधारभूत सिद्धांत के रूप में यूरोपीय संघ के कानून की प्रधानता की मौलिक प्रकृति' पर जोर दिया था. एलजीबीटीक्यू अधिकारों, महिलाओं के अधिकारों और मीडिया की स्वतंत्रता से संबंधित कई मुद्दों पर पोलैंड का यूरोपीय संघ से बार-बार टकराव हो रहा है.

Julia Przylebska | Präsidentin polnischer Verfassungsgerichtshof
मुख्य न्यायाधीश यूलिया सिलेब्स्कातस्वीर: Jacek Dominski/REPORTER/Eastnews/imago images

पीआईएस सरकार द्वारा न्यायपालिका में सुधार को 27 सदस्यीय ब्लॉक के भीतर पोलैंड की सदस्यता के साथ-साथ पूरे यूरोपीय संघ की स्थिरता के लिए एक खतरे के रूप में देखा गया है. पोलैंड के संवैधानिक अदालत  का फैसला थोड़ा हैरान करने वाला था. सत्तारूढ़ सरकार द्वारा नियुक्त पीठासीन न्यायाधीश, यूलिया सिलेब्स्का सरकार के प्रति वफादार दिखती हैं.

यूरोपीय संघ का एक 'बड़े मुद्दे' से सामना

ब्रसेल्स में डीडब्ल्यू के संवाददाता जैक पैरॉक ने यूरोपीय संघ में पोलैंड की भूमिका पर फैसले के महत्व को कुछ इस तरह रेखांकित किया है. वो कहते हैं, "यूरोपीय संघ की सदस्यता के आधारभूत तत्वों में से एक यह भी है कि यूरोपीय संघ के कानून की अन्य सभी कानूनों पर प्रधानता है और यूरोपीय संघ के भीतर यूरोपीय न्यायालय सर्वोच्च न्यायालय है और ये न्यायाधीश जो कह रहे हैं उसका सीधा मतलब है कि ये लोग यूरोपीय संघ के कानून के कुछ पहलुओं में विश्वास नहीं करते हैं."

पैरॉक आगे कहते हैं, "यह सब इसलिए शुरू हुआ क्योंकि यूरोपीय न्यायालय ने फैसला सुनाया कि पोलैंड की सरकार की न्यायपालिका के साथ छेड़छाड़ के कदम यूरोपीय संघ के कानून के अनुरूप नहीं थे. यह मामला लंबे समय से चल रहा था, और यह अब यूरोपीय संघ के लिए एक बहुत बड़ा मुद्दा है. हमने पहले ही यूरोपीय सांसदों की ओर से कुछ बहुत ही तीखी प्रतिक्रियाएं देखी हैं और मुझे यकीन है कि हम यूरोपीय आयोग की ओर से भी इस फैसले की कुछ कठोर आलोचना देखने को मिलेगी."

रिपोर्ट: अलेक्स बेरी

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