पुणे में बस ड्राइवर के पागलपन ने नौ लोगों की जान ली
२५ जनवरी २०१२बस ड्राइवर का आंतक सुबह के वक्त काफी भीड़भाड़ वाले समय शुरू हुआ. पुलिस के मुताबिक 30 साल के ड्राइवर ने रोडवेज बस डिपो से बस निकाली और दो पदयात्रियों को कुचल दिया. इसके बाद ड्राइवर पुणे की भीड़ भाड़ वाली सड़कों पर गया और सामने आने वाले हर वाहन को टक्कर मारता चला गया. घंटे भर के दौरान उसने करीब 40 वाहनों को टक्कर मारी. नौ लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. 27 घायल हैं.
ड्राइवर के पागलपन का शिकार स्कूली बच्चे भी हो जाते लेकिन कुछ जगहों पर आम लोगों ने जान पर खेल कर बच्चों को सड़कों से हटाया. पुणे की पुलिस कमिश्नर मीरान बोरवांकर के मुताबिक, "वह पूरी तरह अपना दिमागी संतुलन खो चुका था. उसने काफी नुकसान पहुंचाया. आम लोगों ने सामने आकर बच्चों को सड़कों से दूर फेंका. वह खतरनाक मनोस्थिति में था. आखिर में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया."
ड्राइवर को लोंगों की मदद से पुलिस ने गिरफ्तार किया. कुछ लोग बस में चढ़ गए और उन्होंने संतोष माने नाम के ड्राइवर को दबोच लिया. उसके खिलाफ हत्या समेत कुछ और मुकदमे दर्ज किए गए हैं. पुणे की पुलिस कमिश्नर ने कहा, "पुलिस ने बस रोकने के लिए गोलियां भी चलाईं. आखिर कुछ लोगों के बस में चढ़ने के बाद उसे रोका जा सका."
ड्राइवर के सिरफिरेपन के गवाह एक व्यक्ति ने कहा, "मैं सुबह की सैर पर था, तभी आवाजें आई. मैं तुरंत कूदा, इसी वजह से मेरी जान बची. यह मेरी दूसरी जिंदगी है. मैं मर सकता था."
पुलिस ने पूछताछ के बाद ड्राइवर को अदालत में पेश कर दिया है.
रिपोर्ट: एएफपी, एपी/ओ सिंह
संपादन: एम गोपालकृष्णन