धोनी को भारत का सबसे बड़ा खेल सम्मान
४ अगस्त २००८पूर्व फ़र्राटा धावक मिल्खा सिंह की अध्यक्षता में एक एक्सपर्ट कमेटी की नई दिल्ली में बैठक हुई. इसमें ट्वेन्टी 20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का नेतृत्व करने के लिए धोनी को राजीव गांधी खेल रत्न देने पर रज़ामंदी बन गई. पिछले साल पाकिस्तान को हरा कर टीम इंडिया ने पहला ट्वेन्टी 20 विश्व कप जीता था, जिसकी कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी ने की थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने खेल मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस बात का औपचारिक एलान 20 अगस्त को किया जाएगा.
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने फ़ैसले पर बेहद ख़ुशी जताई है. बोर्ड के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी रत्नाकर शेट्टी ने कहा कि दो मौक़ों पर क्रिकेट के बड़े खिलाड़ियों को पुरस्कार नहीं मिले थे, जिससे उन्हें काफ़ी दुख था लेकिन धोनी को यह सम्मान दिए जाने के फ़ैसले से वह बहुत ख़ुश हैं. इससे पहले क्रिकेट बोर्ड ने दो बार राहुल द्रविड़ का नाम इस सम्मान के लिए दो बार भेजा गया लेकिन उन्हें इसके लिए नहीं चुना गया. इसके अलावा युवराज सिंह को अर्जुन पुरस्कार के लिए नहीं चुना गया था. क्रिकेट को यह सम्मान 10 साल बाद मिल रहा है. इससे पहले 1998 में सचिन तेंदुलकर को इससे नवाज़ा गया था. तेंदुलकर के अलावा अभी तक किसी और क्रिकेटर को राजीव गांधी खेल रत्न नहीं दिया गया है.
रत्नाकर शेट्टी ने कहा कि वनडे कप्तान धोनी को खेल के सबसे बड़े पुरस्कार के लिए चुने जाने का फ़ैसला वाक़ई बहुत ख़ुशी वाला है. उन्होंने कहा कि धोनी एक बढ़िया मिज़ाज वाले क्रिकेटर हैं, जो शानदार तरीक़े से टीम की अगुवाई करते हैं.
सिर्फ़ 27 साल की उम्र में विकेटकीपर धोनी भारतीय टीम के सबसे बड़े नाम बन गए हैं. अभी उन्होंने सिर्फ़ 29 टेस्ट, 115 वनडे और 10 ट्वेन्टी 20 मैच खेले हैं. वनडे टीम में 2004 और टेस्ट में 2005 में शामिल किए गए धोनी ने छोटे से वक्त में ही अलग पहचान बना ली है. क्रिकेट के स्टाइल बुक से अलग शॉट्स खेलने वाले धोनी को बैटिंग करते देखने पर कभी नहीं लगता कि वह पारंपरिक तरीक़े से खेल रहे हैं. उनका अलग देसी स्टाइल है, जिसमें वह बड़े कामयाब रहे हैं. वनडे मैचों में चार सैकड़ा और 22 अर्धशतक इस बात को पक्का करता है. टेस्ट मैचों में उनके नाम एक शतक है. धोनी मूल रूप से एक विकेटकीपर हैं और विकेट के पीछे उनकी भूमिका पर कई बार सवाल भी खड़े हुए. लेकिन हाल के दिनों में उनकी कीपिंग सुधरी है. धोनी ने अपनी कप्तानी में उस मिथक को भी तोड़ दिया है कि विकेटकीपर अच्छा कप्तान नहीं होता.
भारत में हुए आईपीएल ट्वेन्टी 20 लीग मुक़ाबलों में धोनी को सबसे महंगे खिलाड़ी के तौर पर पेश किया गया था और चेन्नई क्रिकेट टीम को उन्हें हासिल करने के लिए छह करोड़ रुपये ख़र्च करने पड़े थे. हालांकि धोनी ने अपनी टीम के लिए पैसा वसूल कर दिया और इसे फ़ाइनल तक पहुंचा दिया था. आख़िरी गेंद पर फ़ाइनल मैच हारने के बाद धोनी ने जिस तरह से टीम को इकट्ठा किया था, वह वाक़ई तारीफ़ के क़ाबिल है.