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कारोबारभारत

ओला की साप्ताहिक जांच नीति: तरक्की या रुकावट?

प्रेरणा देशपांडे
८ मार्च २०२५

ओला के भाविश अग्रवाल अब कर्मचारियों से साप्ताहिक रिपोर्ट कार्ड चाहते हैं. क्या यह उत्पादकता बढ़ाने का सही तरीका है या यह माइक्रोमैनेजमेंट है?

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कोलकाता में ओला इलेक्ट्रिक का एक्सपीरिएंस सेंटर
तस्वीर: Debarchan Chatterjee/NurPhoto/picture alliance

"आज से हम 'क्या चल रहा है?' शुरू कर रहे हैं. इससे आप हर हफ्ते के अपने काम के अपडेट्स सीधे मुझे और आपके मैनेजर को बता सकेंगे." यह आदेश ओला के भाविश अग्रवाल ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को दिया है. अमेरिका के सरकारी कुशलता विभाग के प्रमुख इलॉन मस्क के नक्शे कदम पर चलते हुए, ओला के सीईओ ने अपने कर्मचारियों के लिए नया नियम बनाया है. अब हर हफ्ते, हर कर्मचारी को अपने काम का पूरा हिसाब देना होगा. 

नए नियमों के मुताबिक, हर कर्मचारी को हर रविवार तक हफ्तेभर में किए सारे काम-काज का ईमेल द्वारा 3-5 वाक्यों में सारांश देना होगा. मस्क ने भी कुछ ही दिनों पहले अमेरिका के सरकारी कर्मचारियों से कहा था कि हर हफ्ते अपना रिपोर्ट कार्ड दें, और ऐसा ना किया तो वे नौकरी से निकाल दिए जाएंगे.

भारतीय स्टार्ट अप कंपनी ओला के सह संस्थापक भाविश अग्रवाल
ओला के सह संस्थापक भाविश अग्रवालतस्वीर: Indranil Aditya/NurPhoto/picture alliance

कौन है भाविश अग्रवाल 

पंजाब के लुधियाना में पैदा हुए भाविश अग्रवाल ने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की. शुरुआत में माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया के लिए काम करने के बाद, उन्होंने उद्यमिता की ओर रुख किया और अंकित भाटी के साथ ओला कैब्स (अब ओला कंज्यूमर) की सह-स्थापना की. एक निराशाजनक टैक्सी अनुभव के बाद उन्हें राइड-शेयरिंग का व्यवसाय करने की प्रेरणा मिली.

2015 तक सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी हासिल करने के बाद, ओला को जापानी निवेश दिग्गज सॉफ्टबैंक विजन फंड से 1.1 बिलियन डॉलर का बड़ा निवेश मिला. टाइगर ग्लोबल, टेनसेंट होल्डिंग्स और सिकोइया कैपिटल इंडिया जैसी प्रमुख उद्यम पूंजी फर्मों ने भी उनकी कंपनी में बहुत निवेश किया. अग्रवाल के बिजनेस पोर्टफोलियो में एआई, वित्तीय सेवाओं और क्लाउड किचन जैसे विविध प्रकार के उद्यम शामिल हैं. लगभग 2.6 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ, वह अब दुनिया के सबसे कम उम्र के स्व-निर्मित अरबपतियों में से एक हैं.

मुंबई में ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ लॉन्च करने के दौरान भाविश अग्रवाल
उबर और लोकल टैक्सियों से भी मिल रही है ओला को कड़ी चुनौतीतस्वीर: Indranil Aditya/NurPhoto/picture alliance

बैलेंस शीट में झलकती मुश्किलें 

ओला कंज्यूमर लंबे समय से राइड-हेलिंग मार्केट में सब से आगे रही है, लेकिन अब उसकी पकड़ कमजोर होती नजर आ रही है. प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में कम राजस्व वृद्धि और ज्यादा शुद्ध घाटे (वित्त वर्ष 23 तक) के चलते, ओला कंज्यूमर की बैलेंस शीट में उबर के साथ-साथ रैपिडो जैसे नए खिलाड़ियों से मिलती तगड़ी चुनौती साफ दिख रही है.

आग की घटनाओं के बाद ओला वापस बुलाएगी 1,441 ई-स्कूटर

दूसरी ओर, कंपनी के इलेक्ट्रिक वाहन विभाग ओला इलेक्ट्रिक का नुकसान बढ़ता जा रहे है. वित्त वर्ष 2024-2025 की तीसरी तिमाही में उसका शुद्ध घाटा 376 करोड़ रुपये से बढ़कर 564 करोड़ रुपये हो गया. घाटे को कम करने के लिए, ओला इलेक्ट्रिक ने हाल ही में बड़ी छंटनी की घोषणा की, जिसमें 1000 से अधिक कर्मचारी और ठेके पर काम करने वाले लोग नौकरियां गंवा रहे हैं. कंपनी में 5 महीने के भीतर छंटनी का यह दूसरा दौर है.

ओला के इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरियां
ई मोबिलिटी में बढ़त लेना चाहती है ओला तस्वीर: Ashish Vaishnav/SOPA/picture alliance

ओला में चल क्या रहा है

इस तरह की चुनौतियों के बीच, साप्ताहिक रिपोर्ट कार्ड के नियम का एलान किया गया. यह कदम अग्रवाल की उत्पादकता बढ़ाने की कोशिश का नया हिस्सा है. दिसंबर 2024 में, उन्होंने कम हाजिरी को फटकारते हुए कहा कि कर्मचारी घर से काम करने की पॉलिसी का "दुरुपयोग” ना करें. इन निर्देशों पर ऑनलाइन काफी वाद-विवाद हुआ है.

सोशल मीडिया पर कई लोगों को लगता है कि यह एक माइक्रोमैनेजमेंट का विशिष्ट उदहारण है. ओला के गिग वर्कर अभी भी खराब कामकाजी हालात और कम वेतन से जूझ रहे हैं. ओला के सामने अब चमकदार स्टार्ट अप से एक टिकाऊ कंपनी बनने की चुनौती है. कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि यही छलांग सबसे मुश्किल साबित होती है.