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डॉयचे वेले हिंदी से दूर जाने का गम

२० जुलाई २०११

महिला फुटबॉल विश्वकप की कवरेज पर हमारे पाठकों की प्रतिक्रियाओं के साथ साथ डॉयचे वेले से उनका अनूठा प्यार झलकता है उनके संदेशों से....

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तस्वीर: dapd

बेशक डॉयचे वेले तो हमारा है लेकिन इस पर हम श्रोताओं का अधिकार बिल्कुल नहीं है. अभी रेडियो से दूर जाने का ग़म हम भूल भी नहीं पाये थे कि आपने हम से वह आवाजें भी जुदा कर दीं जिन्हें हम नेट के माध्यम से सुनकर अपने टूटे हुए दिलों को बहला लिया करते थे. आपने भले ही हम से आवाज की दुनिया का रिश्ता तोड़ लिया हो लेकिन हम डॉयचे वेले का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे क्योंकि डॉयचे वेले हमारे जीने का सहारा है.
चैम्पियन बना जापान आपकी वेबसाइट पर यह ताजा रिपोर्ट पढ़ने को मिली. महिला फुटबॉल विश्व कप का विजेता बनने वाली जापान की महिला टीम ने फ्रैंकफर्ट के स्टेडियम में अमेरिका को हरा कर वास्तव में सुनहरा इतिहास रच ही दिया है.
आबिद अली मन्सूरी, देशप्रमी रेडियो लिस्नर्स क्लब, पैगानगरी-मीरगंज, बरेली, उत्तर प्रदेश.
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महिला फुटबॉल विश्व कप के लीग मैच से लेकर जापान के विश्व चैम्पियन बनने तक, हर मैच के बारे में सटीक और विस्तृत जानकारी हमें डॉयचे वेले की वेबसाइट से मिली. जर्मनी में आयोजित महिला फुटबॉल विश्व कप से सम्बंधित फोटो और वीडियो बहुत ही आकर्षक लगे. शानदार कवरेज के लिए डॉयचे वेले की पूरी टीम को बहुत बहुत बधाई एवं धन्यवाद.
चुन्नीलाल कैवर्त, ग्रीन पीस डी एक्स क्लब, जिला बिलासपुर, छत्तीसगढ़.
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जर्मनी में होने वाले फीफा वीमेंस वर्ल्ड कप 2011 के बेहतरीन पिक्चर डॉयचे वेले की वेबसाइट पर डालने के लिए डॉयचे वेले की पूरी टीम को धन्यवाद. हमें विस्तार से बताएं कि अब हम लोगों को पहेली के विजेताओं की सूचना कैसे मिलेगी. आप लोग वेबसाइट के किस लिंक पर इसकी जानकारी डालेंगे.
पहले तो आपकी बारी आपकी बात में विजेताओं के नाम की जानकारी हो जाती थी लेकिन अब तो वो रहा नहीं इसलिए मुझे आप लोगो से यह बात पूछनी पड़ रही है.
सतीश चंद मद्धेशिया, फेसबुक से.
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मैं पिछले 10 सालों से डीडब्ल्यू का नियमित श्रोता हूं. अब जमाना बदल गया है, श्रोता मित्र अब आपको फेसबुक या ईमेल द्वारा संदेश भेज रहे हैं, लेकिन मुझे तो आपको हाथ से पोस्टकार्ड लिखने में बड़ा मजा आता था. आजकल उज्ज्वल भटाचार्य जी कहां हैं? मुझे एक शिकायत भी है आपसे, मैं पिछले 10 साल से आपकी पहेली प्रतियोगिता में भाग ले रहा हूं लेकिन मुझे कभी भी इनाम नहीं मिला है. लेकिन मैं भी हार नहीं मानूंगा या जब तक डीडब्ल्यू हिंदी चालू रहेगा, मैं आपकी हर पहेली का जवाब भेजता रहूंगा.
युवराज जांगिड, जिला नागौर, राजस्थान.
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कविता

हवाओं में बिखरना चाहता हूं, मैं फूलों सा महकना चाहता हूं
मुझे तूफान सदा-ए दे रहा है, समुंदर में उतरना चाहता हूं
पड़ा हूं बर्फ की चट्टान बन कर, मगर मैं भी पिघलना चाहता हूं
ये जंगल मेरे पीछे भागता है, जब भी बाहर निकलना चाहता हूं
पड़ोसी जानी दुश्मन हो गया है, मकान अपना बदलना चाहता हूं
सुनो दरिया का साहिल कह रहा है, मैं तेरे संग चलना चाहता हूं
मेरा कोई है उस गली में, मगर यूं ही गुजरना चाहता हूं
जमी पर जैसे है जीवन की सूरत, मैं ये सूरत बदलना चाहता हूं
डॉ हेमंत कुमार,प्रियादर्शिनी रेडियो लिस्नर्स क्लब,भागलपुर,बिहार.

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संकलनः विनोद चढ्डा
संपादनः ओ सिंह