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डॉयचे टेलिकॉम में महिलाओं को 30 फ़ीसदी कोटा

१६ मार्च २०१०

यूरोप की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी डॉयचे टेलिकॉम ने अपने टॉप मैनेजमेंट में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत नौकरियों को आरक्षित करने का फैसला किया है. लेकिन जर्मन मीडिया में यह फैसला विवाद का कारण बन गया है.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

तमाम क़ानूनों और आगे बढ़ने के लिए अनुकूल माहौल होने के दावों के बावजूद जर्मन कंपनियों में अब भी महिलाएं उच्च पदों पर कम ही दिखती हैं. शायद इसी वजह से टेलिकॉम ने कहा है कि वह अपनी कंपनी के उच्च प्रबंधन में महिलाओं को नियुक्त करना चाहता है.

Deutsche Telekom hat Journaslisten aus Südosteuropa eingeladen
तस्वीर: Dw / Ani Ruci

कंपनी के मुताबिक़ 2015 तक 30 प्रतिशत महिलाओं को ऊंचे पदों पर नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है. दो साल पहले तक टेलिकॉम में केवल 13 प्रतिशत महिलाएं एक्ज़ीक्यूटिव स्तर पर काम करती थीं.

टेलिकॉम प्रमुख रेने ओबरमान ने कहा कि उच्च स्तर पर महिलाओं के होने से कंपनी और कार्यकुशल होगी. डॉयचे टेलिकॉम जर्मनी की पहली प्रमुख कंपनी बन गई है जिसने महिलाओं के लिए पदों को आरक्षित किया है. हालांकि यूरोपीय देश नॉर्वे भी एलान कर चुका है कि कंपनियों को उच्च स्तर पर 40 प्रतिशत महिलाओं को नियुक्त करना होगा.

जर्मनी के अख़बारों की इस ख़बर को लेकर मिश्रित प्रक्रिया देखी जा रही है. नॉये औस्नाब्र्युकर त्साइटुंग का मानना है कि महिलाओं के लिए पदों का आरक्षण कंपनी की मैनेजमेंट नीति की असफलता दिखाता है. अख़बार का कहना है कि अगर एक पद के लिए कुछ पुरुष और महिलाएं आवेदन देते हैं और महिला को सिर्फ उसके महिला होने की वजह से चुना जाता है तो यह ग़लत है.

इसके अलावा कुशल महिलाओं पर भी सवाल उठेंगे क्योंकि लोग तो बस यही मानेंगे कि उसे आरक्षण की वजह से यह पद मिला है.

बिल्ड त्साइटुंग का तो कहना है कि यह महिलाओं के लिए एक संदेश है कि आप अकेले अपने दम पर सफल नहीं हो सकते, आपको कोटे की ज़रूरत है. कुछ अख़बारों ने यह भी कहा है कि जर्मनी में परिवार संबंधित क़ानूनों के बाद भी महिलाओं को अपने व्यावसायिक जीवन में परेशानी हो रही है और इस लिहाज़ से ऐसे क़ानून की ज़रूरत है. लेकिन एक विश्लेषक कहती हैं कि मसला कुछ और ही है और वह यह, कि महिलाएं घर परिवार और एक सफल कैरियर एक साथ नहीं संभाल सकतीं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एम गोपालकृष्णन

संपादनः एस गौड़