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जर्मनी में 1,000 अरब यूरो से ज्यादा के कर्ज का रास्ता साफ

१९ मार्च २०२५

जर्मन सरकार ने संविधान में बड़ा संशोधन कर 1,000 अरब यूरो से ज्यादा राजकीय कर्ज का रास्ता साफ कर दिया है. इतना जोखिम लेने की वजह क्या है?

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यूरोप की सुरक्षा की प्रतीकात्मक तस्वीर
500 अरब यूरो के कर्ज को सेना और सुरक्षा में खर्च करेगा जर्मनीतस्वीर: Mykhailo Polenok/PantherMedia/IMAGO

जर्मन संसद ने एक ऐतिहासिक संवैधानिक सुधार कर राजकीय ऋण की सीमा पर लगी बंदिशों को तोड़ दिया. हफ्ते भर बाद भंग होने वाली पुरानी संसद की आखिरी बैठक में दो तिहाई बहुमत से यह सुधार पास किया गया. राजकीय कर्ज की सीमा पर बंदिश (डेट ब्रेक) लगाने वाले प्रावधानों को बदलने के लिए क्रिश्चन डेमोक्रैटिक यूनियन (सीडीयू), जर्मन सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी (एसपीडी) और ग्रीन पार्टी साथ आए. संवैधानिक सुधारों के प्रस्ताव को सदन में मौजूद 513 सदस्यों में से 207 का समर्थन मिला.

जर्मनी में भावी सरकार बनाने जा रही सीडीयू और एसपीडी ने संवैधानिक सुधारों का यह प्रस्ताव रखा. प्रस्ताव में कार्बन उत्सर्जन के लिए रकम तय करने के बाद ग्रीन पार्टी भी इसके समर्थन में आ गई. संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में पास होने के बाद अब ये सुधार ऊपरी सदन बुंडेसराट के सामने हैं. शुक्रवार को बुंडेसराट को इसे स्वीकृति देनी है.

एसपीडी और चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने भी ऐसा ही प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी, लेकिन तब गठबंधन में शामिल एफडीपी और विपक्ष में बैठी सीडीयू ने इसका विरोध किया था. फरवरी 2025 में हुए आम चुनावों में जीत के बाद खुद सीडीयू इन सुधारों की सबसे बड़ी पैरोकार बन गई. भावी चांसलर और सीडीयू के नेता फ्रीडरिष मैर्त्स बार बार कहने लगे कि जर्मनी के पुर्नउद्धार के लिए राजनीतिक दलों को साथ आकर यह सुधार करने ही होंगे.

जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में सीडीयू के नेता फ्रीडरिष मैर्त्स
संसद में डेट ब्रेक पर मतदान के दौरान जर्मनी के भावी चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्सतस्वीर: Pool/REUTERS

क्या कहता है जर्मनी का संविधान

जर्मनी में राजकीय कर्ज की तयशुदा सीमा को लांघने के लिए संविधान में संशोधन की जरूरत थी. कर्ज की सीमा या डेट ब्रेक को लेकर जर्मन संविधान के आर्टिकल 109 और 115 में बहुत साफ प्रावधान हैं. इनके तहत संघीय सरकार, जीडीपी के मुकाबले सिर्फ 0.35 फीसदी ही नया कर्ज ले सकती है. दूसरे प्रावधान के मुताबिक आर्थिक मुश्किलें आने पर अतिरिक्त कर्ज लिया जा सकता है, लेकिन जैसे ही आर्थिक स्थिति सुधरे तो उसे चुकाया जाना चाहिए. वैसे संविधान में एक "एस्केप क्लॉज" भी है, जिसके तहत सरकार के बूते से बाहर की प्राकृतिक आपदा या असाधारण आपातकालीन परिस्थिति में डेट ब्रेक को निलंबित किया जा सकता है. इसी प्रावधान के तहत 2020 से 2022 तक जर्मनी ने डेट ब्रेक को निलंबित किया था.

2024 के आर्थिक आकलन के मुताबिक जीडीपी का एक फीसदी कर्ज, करीब 43 अरब यूरो होगा. इस लिहाज से देखें तो जर्मन सरकार का प्रस्तावित खर्च इस सीमा से इससे कई गुना ज्यादा है.

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स
अंतरिम चांसलर के तौर पर शॉल्त्स के कार्याकाल में हुआ ऐतिहासिक डेट ब्रेक सुधारतस्वीर: Peter Kneffel/picture alliance/dpa

पुरानी सरकार के दौर में सुधार पर इतना जोर क्यों

डेट ब्रेक की सीमा में सुधार करने या इसे हटाने के लिए संसद में दो तिहाई बहुमत की जरूरत पड़ती है. मंगलवार को जर्मनी की पुरानी संसद की आखिरी बैठक हुई. डेट ब्रेक में सुधार के लिए दो तिहाई वोटों की जरूरत थी.

जर्मनी में फरवरी 2025 में हुए चुनावों के बाद धुर दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) और लेफ्ट पार्टी को कुल एक तिहाई सीटें हासिल हुईं. 630 सदस्यों वाली नई संसद में दोनों पार्टियां इस स्थिति में थी कि वे मिलकर इस पैकेज को ब्लॉक कर देतीं. दोनों इसका विरोध कर भी रही थीं. इसी वजह से पुरानी संसद के आखिरी दिन इस सुधार को पास कराने के लिए पूरा जोर लगाया दिया गया.

जर्मनी में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अखबार बिल्ड त्साटुंग के मुताबिक, इस कर्ज को मुख्य रूप से दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है. पहला, 500 अरब डॉलर का कर्ज सैन्य तैयारियों के लिए. और दूसरा, 500 अरब यूरो के ऋण से आधारभूत ढांचे पर खर्च. आधारभूत ढांचे पर खर्चे जाने वाले वित्त से 100 अरब यूरो नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन पर निवेश किए जाएंगे. जर्मनी ने 2045 तक कार्बन न्यूट्रल देश बनने का लक्ष्य रखा है.

संघीय सरकार, राज्यों को भी कर्ज की सीमा के सख्त दायरे से बाहर निकालना चाहती है. इसके लिए सभी राज्यों को अपने प्रांतीय संविधान में यह सुधार करना होगा. हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि अगर सभी राज्य भी डेट ब्रेक की सीमा से बाहर जाने लगे तो भविष्य में कुल बजट कैसा दिखाई पड़ेगा.

जर्मनी में फ्रीडरिष मैर्त्स के नेतृत्व में सीडीयू/सीएसयू और एसपीडी भावी सरकार बनाने जा रहे हैं. सीडीयू के नेता और भावी चांसलर मैर्त्स का कहना है कि सैन्य निवेश के लिए जो भी जरूरी है वो किया जाएगा. अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने और अमेरिका का यूरोप के बजाए एशिया पर ज्यादा ध्यान देने की वजह से, यूरोपीय संघ के देशों को अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है. यूरोप के नेताओं को आशंका है कि यूक्रेन पर हमला करने वाला रूस, भविष्य में यूरोप के लिए खतरा बना रहेगा.

दक्षिणी हिंद महासागर में अभ्यास के दौरान जर्मन नौसेना
रक्षा पर खर्च किए जाने वाले 500 अरब यूरो से यूक्रेन की मदद भी करेगा जर्मनीतस्वीर: DW

डेट ब्रेक की आलोचना

एएफडी और लेफ्ट पार्टी ने अलग अलग कारणों से डेट ब्रेक की आलोचना की है. एएफडी और लेफ्ट पार्टी ने पुरानी संसद में इस डेट ब्रेक प्रस्ताव को रोकने के लिए संवैधानिक कोर्ट का भी सहारा लिया. लेकिन दोनों पार्टियों को वहां से नाकामी मिली.

अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जर्मनी 1,000 अरब यूरो के कर्ज तक गया तो इसके वित्तीय बाजार में गंभीर नतीजे सामने आएंगे. फ्राइबुर्ग के वाल्टर यूकेन इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर लार्स फेल्ड के मुताबिक, जर्मनी का राष्ट्रीय कर्ज अभी के 62 फीसदी से बढ़कर अगले 10 साल में 90 फीसदी तक पहुंच जाएगा.

कंपनियों का दिवालियापन जर्मनी में संकट बन रहा है

फेल्ड कहते हैं कि इसका परिणाम यह होगा कि 250 से 400 अरब यूरो का अतिरिक्त ब्याज सिर पर पड़ेगा. हालांकि ब्याज कितना होगा, ये सरकारी बॉन्डों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा. लेकिन फेल्ड मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड बाजार अभी घबराहट की मुद्रा में है.

न्यूरेम्बर्ग टेक्निकल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर वेरोनिका ग्रिम, जर्मन सरकार के इस फैसले को "यूरोप की स्थिरता के लिए एक चुनौती" मानती हैं. उन्होंने यही तर्क बजट कमेटी के सामने भी रखा. वह कहती हैं कि अगर जर्मन सरकार के बॉन्डों पर ब्याज दरें ऊपर गईं, तो पहले से कर्ज में फंसे इटली और स्पेन जैसे देशों के लिए ब्याज दर इतनी हो जाएगी कि वे इसे संभाल नहीं सकेंगे.

बर्लिन में फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों साथ जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों भी जर्मनी के फैसले से खुश हुएतस्वीर: Michael Kappeler/dpa/picture alliance

नाटो ने जर्मनी के फैसले का स्वागत किया

नीदरलैंड्स के पूर्व प्रधानमंत्री और वर्तमान में नाटो के महासचिव मार्क रूटे ने जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स और उनके उत्तराधिकारी मैर्त्स को इस "ऐतिहासिक समझौते" के लिए बधाई दी है. रूटे के मुताबिक जर्मनी के रक्षा क्षेत्र में अरबों यूरो खर्च करने से यूरोप की सुरक्षा भी बेहतर होगी.

रूटे ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर लिखा, "यह हमारी साझा सुरक्षा के लिहाज से हमारे नेतृत्व और हमारी वचनबद्धता का एक शक्तिशाली संदेश देता है. यह प्रतिरोध और सुरक्षा के नजरिए से नाटो की क्षमताओं पर एक असरदार अंतर पैदा करेगा."

ओएसजे/सीके (डीपीए, एएफपी)