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जर्मन फ़ुटबॉल टीम को और दमख़म की ज़रूरत

२६ मार्च २००९

जर्मन राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम के खिलाड़ियों के फ़िटनेस टेस्ट का मिला जुला नतीजा रहा. मैदान पर तेज़ी में अव्वल लेकिन दमख़म में सुस्त. कोच की परेशानी कि अगले साल विश्व कप खेलना है.

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खिलाड़ियों को दमख़म बढ़ाने की ज़रूरततस्वीर: picture-alliance/ dpa

जर्मनी के राष्ट्रीय कोच योआखिम लौएव ने अपने खिलाड़ियों को दमख़म का और अभ्यास करने को कहा है. अभी दो दिन पहले खिलाड़ियों का फिटनेस टेस्ट कराया गया था. ट्रेनर लोएव ने आज लाइपज़िग शहर में कहा है कि दमख़म के मामले में खिलाड़ियों की स्थिति सिर्फ़ संतोषजनक है.

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प्रैक्टिस करती राष्ट्रीय टीमतस्वीर: AP

कोच ने खिलाड़ियों को चेतावनी दी है कि इस सिलसिले में कुछ किए जाने की ज़रूरत है. इसके विपरीत लोएव ने मैदान पर खिलाड़ियों की तेज़ी में कोई नुक्स नहीं पाया है. दौड़ने भागने के मामले में मिशाएल बलाक की अगुवाई वाले जर्मन फ़ुटबॉल खिलाड़ियों ने पिछले सालों के मुक़ाबले औसत से अच्छा प्रदर्शन किया है.

राष्ट्रीय टीम के ट्रेनरों का दल टीम के फ़िज़ियो और फिटनेस टेस्ट करने वाली टीम के प्रमुख टिम मायर के साथ दो दिन पहले किए गए टेस्ट के परिणामों पर विस्तृत चर्चा करेगा. पिछला टेस्ट लगभग डेढ़ साल पहले कराया गया था, लेकिन अब कोच ने कहा है कि अगला टेस्ट इसी साल सितंबर में होगा, जब जर्मन टीम दक्षिण अफ़्रीका और अज़रबाइजान के खिलाफ़ घरेलू मैदान पर खेलेगी. जर्मन टीम अगले साल दक्षिण अफ्रीका में होने वाले वर्ल्ड कप की तैयारी कर रही है.

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दमख़म बढ़ाने की ज़रूरततस्वीर: picture-alliance / Sven Simon

जर्मन टीम शनिवार को लाइपज़िग में लिश्टेनश्टाइन के ख़िलाफ़ और चार दिन बाद कारडिफ़ में वेल्स के ख़िलाफ़ विश्वकप क्वालिफ़ाइंग मैच खेलेगी. जर्मनी ने 1954, 1974 और 1990 में तीन बार वर्ल्ड कप फ़ुटबॉल जीता है लेकिन एकीकृत टीम के तौर पर जर्मनी कभी भी विश्वकप नहीं जीत पाई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए जमाल