चीनी पनडुब्बियों को टक्कर देगा भारत का नया एंटी-सबमरीन
भारत अमेरिका से 24 एंटी-सबमरीन हेलिकॉप्टर खरीदने जा रहा है. माना जा रहा है कि हिंद महासागर में अपने पैर पसारते पड़ोसी और प्रतिद्वंद्वी चीन की पनडुब्बियों से मुकाबला करने के लिए भारत ये हेलीकॉप्टर खरीद रहा है.
कैसा है 'रोमियो'
इस हेलिकॉप्टर को तकनीकी भाषा में एमएच-60आर कहा जाता है लेकिन इसका दूसरा नाम 'रोमियो' है. इसे अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन बनाती है और इसे खास तौर पर पनडुब्बियों का शिकार करने के लिए डिजाइन किया गया है. पनडुब्बियों के अलावा रोमियो समुद्री जहाजों को निशाना बना सकता है और आपदा की स्थिति में पानी में सर्च-एंड-रेस्क्यू ऑपरेशन भी चला सकता है.
अमेरिका का साझेदार
अमेरिका ने वैधानिक जरूरत को पूरा करते हुए अपनी संसद को सूचित कर दिया है कि वह भारत को 24 हेलिकॉप्टर बेचने जा रहा है. इस डील की कीमत करीब 2.6 अरब डॉलर होगी. अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने भारत को अपना "अहम रक्षा पार्टनर" बताते हुए आधिकारिक बयान में कहा है कि भारत इंडो-पैसिफिक और दक्षिण एशिया क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक विकास की एक महत्वपूर्ण शक्ति है.
चीन की बढ़ती ताकत
शीतयुद्ध के बाद लंबे समय तक भारत और अमेरिका के बीच तनावपूर्ण संबंध रहे. लेकिन बाद के समय में दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ता ही गया और चीन की बढ़ती ताकत और वहां बढ़ते इस्लामी अतिवाद पर काबू पाने की कोशिशों में अमेरिका अब भारत को अपने महत्वपूर्ण साझेदारों में गिनता है.
चीन-पाकिस्तान साथ
भारत भी इस बात को लेकर चिंतित है कि चीन ने हाल के समय में हिंद महासागर में अपनी दिलचस्पी काफी बढ़ा दी है. भारत और अमेरिका चीन की रणनीति को "स्ट्रिंग ऑफ पर्ल्स" कहते हैं, जिसके अनुसार चीन ने हिंद महासागर में अपने नेवल बेस की तादाद बढ़ा दी है और ग्वादार पोर्ट जैसी कुछ जगहों को वह भारत के चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ विकसित कर रहा है.
पुराने बेड़े में नई जान फूंकना
भारतीय नौसेना के बेड़े में अभी भी ब्रिटेन में बने सी-किंग हेलिकॉप्टर्स हैं, जो काफी पुराने हो चुके हैं. रोमियो समुद्र में निगरानी और निशाना बनाने को और प्रभावी बनाने में बहुत काम आ सकता है. इसके अलावा भारतीय नौसैनिक नीतिकारों ने सैद्धांतिक तौर पर पूरे हिंद महासागर में आजादी से आवाजाही को बढ़ावा देते हुए, होर्मुज की खाड़ी से लेकर मलाका की खाड़ी तक निगरानी बढ़ा दी है.