क्रिकेट विश्व कप विवादों के घेरे में
२९ अप्रैल २००७2007 क्रिकेट के महाकुंभ के ख़त्म होते होते एक और विवाद इसमें जुड़ गया। जहां एक तरफ़ बारिश ने फ़ाइनल मुक़ाबले को नीरस बना दिया, वहीं अंपायरों के क्रिकेट ज्ञान पर भी सवालिया निशान लग गए हैं। तकनीकी तौर पर अंपायरों के उस फ़ैसले को ग़लत बताया जा रहा है, जिसमें खेल के आखिरी लम्हों में श्रीलंका को तीन ओवर खेलने के लिए मैदान पर दोबारा बुलाया गया।
क्रिकेट वर्ल्ड कप इतिहास का ये पहला फ़ाइनल था, जो बारिश के बीच खेला गया और निर्धारित ओवरों से पहले ही खत्म करना पड़ा। वो तो गिलक्रिस्ट की बल्लेबाज़ी की चमक थी, जिसने मैच में थोड़ी जान फूंकी। ऑस्ट्रेलिया पहले बल्लेबाज़ी करते हुए पूरे पचास ओवर नहीं खेल पाया और उसकी पारी सिर्फ अड़तीस ओवरों की ही हुई। डकवर्थ लेविस नियमों के मुताबिक बाद में श्रीलंका की पारी भी घटा कर 36 ओवरों की कर दी गई। बीच में बारिश हो जाने की वजह से तैंतीसवें ओवर में खेल रोकना पड़ा। क्रिकेट के नियमों के मुताबिक मैच का फ़ैसला इसी वक्त हो चुका था लेकिन पाकिस्तानी अंपायर अलीम दार और दक्षिण अफ्रीका के स्टीव बकनर ने खिलाड़ियों को बताया कि उन्हें बचे हुए तीन ओवर और खेलने हैं। इतना ही नहीं, अंपायर ने कहा कि अगर मैच पूरा नहीं होता, तो इसे रविवार को पूरा किया जाएगा।
दोनों कप्तान रिकी पोटिंग और महेला जयवर्धने इस फैसले से दंग रह गए क्योंकि इन दोनों को ही क्रिकेट के नियमों का पता था कि अगर दोनों टीमों ने बीस ओवर की बल्लेबाज़ी पूरी कर ली है तो इसे पूरा माना जाएगा। बाद में मैच रेफ़री जे़फ़ क्रो ने भी इस बात को माना कि अंपायरों ने ग़लत फ़ैसला किया। वर्ल्ड कप फ़ाइनल जैसे मुकाबले में अंपायरों कि इस ग़लती से विवाद पैदा हो गया है। इसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया के जश्न मनाने में थोड़ी देरी हुई।
वैसे जिस वक्त ये मैच चल रहा था, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री जॉन हावर्ड ब्रिसबेन में रात भर टीवी से चिपके थे। उन्होंने गिलक्रिस्ट की आतिशी बल्लेबाज़ी देखी और बाद में टीम के वो क्षण भी देखे, जब उसने लगातार तीसरी बार ख़िताब पर कब्जा किया। ये मैच ऑस्ट्रेलियाई वक्त के अनुसार रात भर चला और रविवार की सुहावनी सुबह एक और वर्ल्ड कप ख़िताब के साथ शुरू हुई।
दूसरी तरफ़ लिट्टे ने अपना वादा तोड़ते हुए हवाई हमला किया। उसने पहले कहा था कि फ़ाइनल के दिन हमले नहीं होंगे। राष्ट्रपति महेंदा राजपक्षे बारबाडोस में अपनी टीम को हारते देखते रहे और आखिरी लम्हों में राजधानी कोलंबो की बिजली भी गुल हो गई।
ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप के पिछले तेईस मुकाबले में जीत हासिल की है और अब सवाल उठने लगा है कि उसकी ये जीत कब तक जारी रहेगी। वैसे जहां तक इस बार के वर्ल्ड कप का सवाल है। इसे खाली स्टेडियमों, विवादित कार्यक्रम और नीरस मैचों और पाकिस्तान के क्रिकेट कोच बॉब वुल्मर की रहस्यमय हत्या के लिए याद किया जाएगा। साथ ही याद किए जाएंगे ब्रायन लारा, इंज़माम उल हक़, ग्लेन मैकग्रा और अनिल कुंबले, जिन्होंने इस वर्ल्ड कप के साथ ही अलविदा कह दिया।