कर्ज में डूबे अमेरिकी छात्रों को कितनी राहत मिलेगी
२५ अगस्त २०२२अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश भर के छात्रों का 10,000 डॉलर तक का कर्ज माफ करने का एलान किया है. इस कदम का लंबे समय से इंतजार था. निक मार्सिल के लिए 10,000 डॉलर की कर्ज माफी का मतलब है कि अब वो अपने मां बाप के घर से बाहर निकल सकेंगे. 24 साल के मार्सिल पेंसिल्वेनिया स्टेट कॉलेज के छात्र हैं. डिग्री की पढ़ाई के दौरान उन्हें स्कॉलरशिप मिली उन्होंने कुछ नौकरियां भी की लेकिन उन पर अभी 18,000 डॉलर का कर्ज है. बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने छात्रों के 10 हजार डॉलर के कर्ज को माफ करने का एलान किया है. मार्सिल का कहना है, "मुझे ऐसा लग रहा है कि अब मुझ पर कोई बोझ नहीं, बहुत संभव है कि अब मैं बाहर निकलूंगा, कोशिश करूंगा कि मेरा अपना ठिकाना हो."
कर्ज खत्म हो तो आगे बढ़े जिंदगी
अमेरिका में मार्सिल जैसे कर्जदारों की संख्या लाखों में हैं और इनमें से बहुतों का सारा कर्ज एक झटके में माफ हो जायेगा. इस फैसले का मतलब है कि वो अब जीवन में आगे बढ़ सकेंगे यानी अपना परिवार शुरू कर सकते हैं या फिर छोटी मोटी नौकरियां करते हुए अपनी रुचि और सपनों के मुताबिक जिंदगी जी सकेंगे. हालांकि बहुत से लोगों के लिये लंबे इंतजार के बाद आई यह योजना कुछ कड़वाहटें और निराशा ले कर आई है.
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बहुत से छात्र जो कर्ज में डूबे हैं वो इस योजना का लाभ नहीं ले पायेंगे. इसकी वजह है उनका निजी कर्जों पर निर्भर होना या फिर संघीय कर्जों की योग्यता के दायरे में नहीं आना. जाहिर है कि ऐसे कर्ज कर्जमाफी के दायरे में नहीं आयेंगे. बहुत से अमेरिकी ऐसे भी हैं जिन्हें इसका फायदा इसलिये नहीं मिलेगा क्योंकि उन्होंने पहले ही कर्ज चुका दिया है या फिर कॉलेज के कर्ज से बचने के लिये काम किया या फिर तार्किक आधार पर इस कदम का विरोध कर रहे हैं.
पढ़ाई की भारी फीस
इस कर्जमाफी का देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर की वजह से भी कई लोग चिंता में हैं. महंगाई पर नजर रखने वाले कह रहे है कर्जदारों की क्रय शक्ति बढ़ने के कारण कीमतें और ऊपर जायेंगी. कर्जमाफी से सरकार के लगभग 300 अरब डॉलर खर्च होंगे और कॉलेजों में पढ़ाई का खर्च जिस तरह से बढ़ता जा रहा है उस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
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अमेरिका में 5 लाख से ज्यादा ऐसे छात्र हैं जिन्होंने 2 लाख डॉलर से ज्यादा का संघीय कर्ज ले रखा है. ऐसे लोगों के लिए पढ़ाई के ऊंचे खर्च को देखते हुए 10,000 से 20,000 डॉलर का कोई महत्व नहीं है. अमेरिका में सरकारी कॉलेजों के लिये औसत फीस पिछले साल 10 हजार डॉलर से ज्यादा थी जबकि निजी कॉलेजों के लिये यह औसत 37,000 डॉलर प्रति वर्ष है.
32 साल की क्रिश्चियन स्मिथ अगले साल जब कोलोराडो डेनेवर यूनिवर्सिटी से अपनी अंडरग्रेजुएट डिग्री पूरी करेंगी तब तक उन पर 60,000 डॉलर का कर्ज चढ़ चुका होगा. यह उनके परिवार की सालाना आय के लगभग बराबर होगी. स्मिथ एक गैरलाभकारी संस्था में फुल टाइम नौकरी करती हैं और उन्हें उम्मीद है कि ग्रेजुएट होने के बाद वो और उनके पति दोनों मिल कर हर महीने 900 डॉलर की रकम कर्ज चुकाने के लिये देंगे.
ना घर ना बच्चे
स्मिथ का कहना है, "हम घर खरीदने के बारे में बात करते हैं लेकिन ऐसा कुछ मैं कभी कर सकूंगी इसके कोई आसार नहीं दिखते." बच्चे पैदा करने के बारे में भी सोचना अभी मुश्किल है स्मिथ ने मां बनना तब तक टालने का फैसला किया है जब तक कि स्कूल का कर्ज नहीं चुक जाता. उन्होंने कहा, "मैं गरीबी में पली बढ़ी और अपने बच्चे के लिये ऐसा नहीं चाहती. मैं नहीं चाहती कि बच्चा घूमे फिरे नहीं, या फिर किसी के दिये कपड़े पहने या वो सब मस्तियां ना करे जो दूसरे बच्चे करते हैं."
स्मिथ का कहना है कि अगर राष्ट्रपति ने छात्रों के कर्ज में और ज्यादा माफी का फैसला किया होता तो उसका बड़ा असर होता खासतौर से उनके जैसी काली महिला के लिये. आंकड़े बताते हैं कि छात्रों के कर्ज में बड़ी हिस्सेदारी गोरे छात्रों की बजाय काले छात्रों की है. आमतौर पर इसकी वजह है उनके पास पारिवारिक संपत्ति का ना होना जिससे कि उन्हें पढ़ाई का पैसा मिल सके.
अपना कर्ज चुकायें या बच्चों को पढ़ायें
डैलस की अटॉर्नी अडवोआ आसांते ने एमोरी यूनिर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में पढ़ने के लिये 147,000 डॉलर का संघीय एजेंसी से कर्ज लिया था. 2015 में उनकी पढ़ाई पूरी हुई और तब से अब तक उन्होंने 15,000 डॉलर का कर्ज चुकाया है. ब्याज मिला कर उन पर अब भी 162,000 डॉलर का कर्ज है. असांते का कहना है कि 10,000 डॉलर की कर्ज माफी, "कुछ नहीं मिलने से अच्छा है" लेकिन पूरी कर्जमाफी से काले और गोरे अमेरिकी लोगों की संपत्ति में अंतर को घटाया जा सकता था.
कर्ज में डूबे लोगों के लिए भले ही 10,000 या 20,000 ज्यादा ना लगे लेकिन बहुत से छात्र कर्जदार इसे भी बहुत ज्यादा मान रहे हैं. ये लोग इस योजना को करदाताओं पर नया बोझ मानते हैं. जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के छात्र 19 साल के जैकसन होप्पे का कहना है, "मेरे मां बाप को अपने कॉलेज का कर्च चुकाने में कई साल लगे और अब उन्हें कहा जा रहा है कि अगर कुछ साल इंतजार कर लेते तो वो अपने आप ही खत्म हो जाता."
होप्पे खुद कर्जदार हैं और जब तक उनकी डिग्री पूरी होगी तब तक उन पर 18,000 डॉलर का कर्ज होगा. उनका कहना है कि कर्जमाफी, "अमेरिकी लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालेगी, उनमें से बहुत तो कभी कॉलेज नहीं गये. ऐसा कर्ज मत लीजिये जो आप चुका ना सकें और दूसरे लोगों से अपना कर्ज चुकाने के लिये मत कहिये."
सरकार के इस कदम से उन लोगों को ज्यादा खुशी हुई है जिनका सारा कर्ज माफ हो गया है. लुइसियाना में तीन बच्चों की अकेली मां एमिली टेलर पर 12,000 डॉलर का कर्ज है जो उन्होंने पढ़ाई के लिये लिया तो था लेकिन डिग्री पूरी नहीं कर पाईं. उन्हें अब इस कर्ज से मुक्ति की उम्मीद है. उनका कहना है कि कर्जमाफी से उन्हें अपने बच्चों की पढ़ाई के लिये पैसा बचाने में मदद मिलेगी.
एनआर/आरपी (एपी)