कई और देशों में है महिला आरक्षण व्यवस्था
१० मार्च २०१०इन देशों में पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल शामिल हैं जहां महिलाओं के लिए संसद में सीटें आरक्षित की गई है. पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली की 342 सीटों में से 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं. यानी 17.5 फ़ीसदी आरक्षण की व्यवस्था है.
बांग्लादेश में 2004 में संविधान में संशोधन किया गया था जिसके ज़रिए महिलाओं के लिए कोटे की व्यवस्था की गई. बांग्लादेश की संसद में सीटों की संख्या बढ़ा कर 345 कर दी गई जिसमें से क़रीब 13 फ़ीसदी (45 सीटें)आरक्षित हैं. नेपाल में 33 फ़ीसदी आरक्षण दिया गया है.
स्वीडन के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फ़ॉर डेमोक्रेसी एंड इलैक्टोरल एसिस्टेंस के मुताबिक़ कई देश ऐसे भी हैं जहां राजनीतिक पार्टियों ने ही पहल करते हुए महिलाओं के लिए टिकट देते समय कोटे की व्यवस्था की है. लेकिन इसी संस्था के आंकड़े बताते हैं कि चीन, श्रीलंका और म्यांमार में महिलाओं को आरक्षण नहीं दिया गया है. अन्य एशियाई देशों में इंडोनेशिया, किर्गिस्तान और उज़बेकिस्तान में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई है.
यूरोप में आठ देश ऐसे हैं जहां महिलाओं की संसद में भागीदारी तय करने के लिए कोटे की व्यवस्था है और इनमें पुर्तगाल, स्पेन, फ़्रांस शामिल हैं जबकि स्वीडन एक अलग तरह का सिस्टम अपनाए हुए है. जर्मनी, ब्रिटेन सहित 14 यूरोपीय देश ऐसे हैं जहां राजनीतिक दलों ने ही महिलाओं के लिए कोटे की व्यवस्था की है. ऑस्ट्रेलिया और कुछ अन्य पश्चिमी देशों में भी यही सिस्टम है.
कज़ाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान में महिलाओं के लिए कोटे की व्यवस्था नहीं है लेकिन दोनों देश लैंगिक असमानता को दूर करने करने के लिए क़दम उठा रहे हैं. अफ़्रीकी देश भी इस दिशा में पीछे नहीं है. यूगांडा में महिलाओं का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने की कोशिशें की गई हैं जो रंग लाई हैं. रवांडा की संसद में 30 फ़ीसदी, नाइजेर में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं जबकि सूडान में महिलाओं के लिए 443 में से 60 सीटें निर्धारित की गई हैं.
लातिन अमेरिकी देशों में 14 देश ऐसे हैं जहां के संविधान में महिलाओं को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देना सुनिश्चित किया गया है. इनमें पेरू, इक्वाडोर और पैराग्वे भी शामिल हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौ़ड़
संपादन: एम गोपालकृष्णन