अमेरिका का कहना है कि भारत को उसके प्रेफरेंशियल ट्रेड स्टेटस (तरजीह) से सबसे ज्यादा फायदा होता है. ऐसे में अगर कारोबारी लाभ समाप्त कर दिए जाएंगे तो भारत को तकरीबन 5.6 अरब डॉलर के उत्पादों पर कस्टम ड्यूटी चुकानी होगी.
कारोबारी प्रोत्साहन और व्यापार बढ़ाने के लिए अमेरिका दुनिया के कई विकासशील देशों के साथ अलग-अलग तरह के कार्यक्रम चलाता है. ऐसा ही एक कार्यक्रम है जीएसपी.