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इस्राएली सेना का लेबनान में हमास के नेता को मारने का दावा

१७ फ़रवरी २०२५

इस्राएली सेना (आईडीएफ) ने लेबनान में हमास के एक नेता को मार दिया है. सेना ने टेलिग्राम के अपने चैनल पर इसकी जानकारी दी है. आईडीएफ का कहना है कि वह दक्षिणी लेबनान के कुछ ठिकानों पर समय सीमा खत्म होने के बाद भी बनी रहेगी.

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नवंबर में हिज्बुल्ला के कथित ठिकाने पर इस्राएली सेना का हवाई हमला
लेबनान के इलाके में इस्राएली सेना ने हिज्बुल्लाह के कई कथित ठिकानों को निशाना बनाया हैतस्वीर: Israeli Army/Handout via REUTERS

हमास के मोहम्मद शाहीन को लेबनान में हमास के ऑपरेशंस डिपार्टमेंट का प्रमुख बताया जाता है. टेलिग्राम पर इस्राएल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने लिखा है, " लेबनान के इलाके से इस्राएली नागरिकों के खिलाफ हाल के आतंकवादी हमलों की योजना बनाने वाले मोहम्मद शाहीन को मिटा दिया गया."

आईडीएफ का यह भी कहना है कि फलीस्तीनी मिलिशिया हमास में शाहीन को जानकारी का एक "प्रमुख स्रोत" माना जाता था. हमास की सैन्य ईकाई अल कासिम ब्रिगेड ने एक बयान जारी कर शाहीन के मौत की पुष्टि की है. अल-कासिम ब्रिगेड के बयान में कहा गया है कि लेबनान के दक्षिणी बंदरगाह शहर सिडॉन में इस्राएली हवाई हमले में शाहीन की मौत हुई है.

इससे पहले लेबनान की सरकारी नेशनल न्यूज एजेंसी (एनएनए) ने खबर दी थी कि सिडॉन में एक कार पर इस्राएली ड्रोन हमले में एक आदमी की मौत हुई है. लेबनानी सुरक्षा सूत्रों ने पहले ही कयास लगाया था कि जिस कार को निशाना बनाया, उसमें "हमास का कोई सैन्य अधिकारी हो सकता है."

एनएनए का कहना है कि हमले में गाड़ी पूरी तरह जल गई. एनएनए के मुताबिक, "दमकलकर्मियों के आग बुझाने के बाद इस्राएली ड्रोन का शिकार बनी गाड़ी के अंदर से एक शव निकाला गया."

दक्षिणी लेबनान में इस्राएली सेना के सैनिक
बीते साल सितंबर में इस्राएल ने अपनी थल सेना दक्षिणी लेबनान में भेज दी थीतस्वीर: Ilia Yefimovich/dpa/picture alliance

इस्राएली सेना पर वापसी के लिए दबाव

यह घटना ऐसे वक्त में हुई है जब लेबनान के राष्ट्रपति जोसेफ आउन ने इस्राएल और हिज्बुल्लाह के बीच संघर्ष विराम कराने वालों से आग्रह किया है कि वे इस्राएल की सेना को दक्षिणी लेबनान से हटाने के लिए उस पर दबाव बनाएं. इसके लिए समय सीमा मंगलवार को खत्म हो रही है.

अपुष्ट मीडिया खबरों के मुताबिक इस्राएल इस समय सीमा को 28 फरवरी तक बढ़ाने की मांग कर रहा है. लेबनान के हिज्बुल्लाह से जुड़े, संसद के स्पीकर नबीह बेरी और आउन ने इस मांग को खारिज किया है. लेबनान के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है, "हम अलग अलग स्तरों पर अपने संपर्कों से इस्राएल पर तय समय पर वहां से हटने और कैदियों को लौटाने के समझौते को पूरा करने के लिए दबाव बना रहे हैं. समझौते के प्रायोजकों को हमारी मदद करने की अपनी जिम्मेदारी उठानी चाहिए."

संघर्षविराम नवंबर के आखिर में हुआ था. 26 जनवरी को इसकी समय सीमा 18 फरवरी तक बढ़ा दी गई. इस्राएल के मुताबिक लेबनानी सेना को यह सुनिश्चित करना था कि संघर्षविराम का पालन हो और हिज्बुल्लाह दक्षिणी लेबनान के इलाके में वापस ना आए, लेकिन यह काम पर्याप्त तेजी से नहीं हुआ.

इसके साथ ही इस्राएल का यह भी कहना है कि हिज्बुल्लाह संघर्षविराम के समझौते के मुताबिक लितानी नदी तक पीछे नहीं हटा है. यह जगह सीमा से उत्तर की ओर करीब 30 किलोमीटर दूर है.

लेबनान की सीमा के पास इस्राएली सेना के टैंक
इस्राएल और हिज्बुल्लाह के बीच करीब एक साल तक चली जंग के बाद नवंबर में अमेरिका की मध्यस्थता में संघर्ष विराम हुआतस्वीर: Baz Ratner/AP Photo/picture alliance

दक्षिणी लेबनान में इस्राएली सेना

इस्राएली सेना के प्रवक्ता ने सोमवार, 17 फरवरी को कहा है कि 18 फरवरी की समय सीमा खत्म होने के बाद भी लेबनान में कई जगहों पर सेना मौजूद रहेगी. इस बीच इस्राएली नेता उत्तरी इस्राएल के निवासियों को यह भरोसा दिलाने में जुटे हैं कि वे अपने घरों को सुरक्षित लौट सकते हैं.

नवंबर में अमेरिका की मध्यस्थता में हुए संघर्षविराम समझौते के तहत आईडीएफ को दक्षिणी लेबनान के इलाके से बाहर निकलने के लिए 60 दिन का समय दिया गया था. आईडीएफ अक्टूबर से ही लेबनान के हथियारबंद गुट हिज्बुल्ला के खिलाफ जमीनी स्तर पर युद्ध कर रही थी. यह समय सीमा बाद में 18 फरवरी तक बढ़ा दी गई.

आईडीएफ के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल नादाव शोशानी ने पत्रकारों से कहा है, "इस्राएली नागरिकों की रक्षा के लिए कुछ जगहों पर फिलहाल हमें बने रहने की जरूरत है, ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि यह प्रक्रिया पूरी हो गई और आखिरकार इसे लेबनान की सेना को इसे सौंप दिया जाए." प्रवक्ता ने यह भी कहा कि ये जगहें इस्राएली समुदायों के पास हैं या फिर रणनीतिक लिहाज से इस्राएली टाउन मेटुला जैसी जगहों के करीब हैं जो इस्राएल का सुदूर उत्तरी हिस्सा है. प्रवक्ता ने यह भी कहा, "बुनियादी रूप से सुरक्षा स्थिति बेहद जटिल है."

इस बीच फ्रांस ने प्रस्ताव दिया है कि फ्रांसीसी सैनिकों समेत संयुक्त राष्ट्र की सेना सीमा के प्रमुख ठिकानों पर इस्राएली सेना की जगह तैनात कर दी जाए. रविवार को हिज्बुल्लाह ने कहा कि मंगलवार के बाद भी लेबनान में मौजूद इस्राएली सेना को कब्जा करने वाली सेना समझा जाएगा. दक्षिणी लेबनान के इलाके पर 22 वर्षों तक इस्राएल का नियंत्रण था.

लेबनान के इलाके में उसके ठिकानों पर हिज्बुल्लाह के लगातार हमलों के बाद साल 2000 में सेना ने यह इलाका छोड़ दिया. इस्राएल और लेबनान की मौजूदा जंग में दोनों करीब एक साल से एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं. ये हमले मुख्य रूप से सीमावर्ती इलाकों में ही हुए हैं. सितंबर में हिज्बुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व को इस्राएल ने हवाई हमले में मार दिया और दक्षिणी लेबनान में अपनी थल सेना को भेज दिया.

एनआर/वीके (डीपीए, रॉयटर्स)