इस्राएल ने हमास नेता मोहम्मद सिनवार को मारने का दावा किया
२८ मई २०२५मोहम्मद सिनवार के भाई याह्या सिनवार की 2024 में इस्राएली सेना की कार्रवाई में मौत हुई थी. याह्या सिनवार को इस्राएलपर सात अक्टूबर, 2023 के हमले की साजिश रचने वाला माना जाता है. बुधवार को संसद में प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा, "हमने मोहम्मद सिनवार को खत्म कर दिया है." इससे पहले इस्राएली मीडिया ने खबर दी थी कि इसी महीने दक्षिणी गाजा पर इस्राएली सेना के हवाई हमले में सिनवार को निशाना बनाया गया था.
संसद में इस्राएली प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने आतंकवादियों को इलाके से बाहर निकाल दिया है, गाजा पट्टी में हम ताकत से घुसे, हजारों आतंकवादियों को खत्म किया..मोहम्मद सिनवार को खत्म किया."
मोहम्मद सिनवार कौन है
नेतन्याहू ने सिनवार की मौत के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी. हालांकि इस्राएली मीडिया ने खबर दी थी कि सिनवार को 13 मई को हुए हमलो में निशाना बनाया गया था. इस्राएली मीडिया के मुताबिक यूरोपीय हॉस्पीटल के नीचे हमास कमांड सेंटर पर हमले में सिनवार की मौत हुई. यह अस्पताल सिनवार के गृहनगर खान यूनिस में है. हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया था कि उस हमले में 6 लोगों की मौत हुई थी और 40 घायल हुए. इस्राएली सेना ने यह नहीं बताया था कि यह हमला सिनवार को लक्ष्य बना कर किया गया था या फिर सेना के हमले में सिनवार की मौत हो गई.
मोहम्मद सिनवार का जन्म 1975 में खान यूनिस के शरणार्थी शिविर में हुआ था. सिनवार का परिवार उन लाखों फलीस्तीनियों में एक था जिन्हें 1948 के युद्ध में उनके इलाकों से निकाला गया. इसी युद्ध के बाद इस्राएल की स्थापना हुई. ये शरणार्थी और उनके वंशज गाजा की आबादी का बड़ा हिस्सा हैं.
इस्राएल पर दबाव बनाने के लिए स्पेन में बैठक
अपने बड़े भाई याह्या की तरह ही सिनवार ने युवावस्था में ही हमास से नाता जोड़ लिया. सिनवार का संबंध हमास की सैन्य शाखा कासम ब्रिगेड से था. संगठन में सिनवार बहुत जल्द आगे बढ़ कर कासम ब्रिगेड के कथित ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ में शामिल हो गए. सिनवार को कासम ब्रिगेड के लंबे समय तक कमांडर रहे दाइफ का करीबी माना जाता है. दाइफ की पिछले साल एक हमले में मौत हुई थी.
मोहम्मद सिनवार ने 2006 में इस्राईली सेना की पोस्ट पर सीमा पार हमले की योजना बनाई थी. उस हमले में हमास के लड़ाकों ने इस्राएली सैनिक गिलाड शालित को पकड़ लिया था. पांच साल तक शालित उनकी गिरफ्त में रहे और बाद में याह्या सिनवार समेत एक हजार से ज्यादा फलीस्तीनी कैदियों के बदले रिहा हुए.
हमास का कहना है कि मोहम्मद सिनवार को इस्राएल ने कई बार निशाना बनाने की कोशिश की थी और 2014 में भी कुछ समय के लिए मान लिया गया था कि सिनवार की हत्या हो गई है. माना जाता है कि जिन चंद लोगों को 7 अक्टूबर के हमले की जानकारी थी उनमें एक नाम सिनवार का भी है.
गाजा में सहायता कार्यक्रम पर सवाल
नेतन्याहू ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब संयुक्त राष्ट्र ने अमेरिका और इस्राएल समर्थित सहायता कार्यक्रम की निंदा की है. गाजा में भोजन बांटने की जगह पर हुई गड़बड़ में दर्जनों लोग घायल हो गए हैं. इस्राएली सेना ने इन आरोपों से इनकार किया है कि उसने भीड़ पर गोली चलाई है.
मानवीय सहायता के मुद्दे पर इस समय दुनिया की नजर है, क्योंकि गाजा में भूख का संकट बढ़ता जा रहा है. इसी दौर में गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन, जीएचएफ का मुद्दा उठा है. यह संगठन संयुक्त राष्ट्र के तंत्र को किनारे कर इलाके में सहायता कार्यक्रम चला रहा है.
गाजा में इस्राएल की कार्रवाई का अब और बचाव मुमकिन नहीं
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि मंगलवार को जीएचएफ के खाना बांटने वाली जगह पर हजारों फलीस्तीनी लोग पहुंचे थे. उस दौरान वहां मचे उधम में 47 लोग घायल हो गए. वहां कम से कम एक आदमी के मरने की भी खबर है.
फलीस्तीन में संयुक्त राष्ट्र मानवीय सहायता कार्यालय के प्रमुख अजित सुंगहाय का कहना है कि वहां पर ज्यादातर लोग इस्राएली गोलीबारी में घायल हुए हैं. इस्राएली सेना ने इससे इनकार किया है. सेना के प्रवक्ता कर्नल ओलिवर राफोविज का कहना है कि इस्राएली सैनिकों ने, "हवा में चेतावनी देने के लिए गोली चलाई," वह भी राफाह ड्रिस्ट्रीब्यूशन सेंटर के "बाहर के इलाके में" और, "किसी भी हाल में लोगों की तरफ नहीं."
जीएचएफ ने भी इस बात से इनकार किया है कि सहायता के लिए इंतजार कर रहे लोगों पर गोली चलाई गई. संगठन का कहना है कि उसका काम जारी है और उसने एक नया डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर शुरू किया है. उसकी योजना गाजा में ऐसे कई सेंटर आने वाले दिनों में खोलने की है.