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इराकी प्रदर्शनकारियों ने नजफ में ईरानी कॉन्सुलेट फूंका

२८ नवम्बर २०१९

इराक के नजफ शहर में प्रदर्शनकारियों ने ईरान के कॉन्सुलेट में आग लगा दी है. इसके बाद सुरक्षा बलों की कार्रवाई में आठ प्रदर्शनकारियो के मौत की खबर आई है.

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Irak Proteste iranisches Konsulat Feuer Brand
तस्वीर: Reuters

दक्षिणी इराकी शहर नसीरिया में गुरुवार को सुबह होने से पहले एक पुल पर जमा प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर गोलियां दागी गईं जिसके बाद कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है. मेडिकल सूत्रों ने यह जानकारी दी है. इस घटना में दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं.

इससे पहले दक्षिण इराक के पवित्र शहर नजफ में प्रदर्शनकारी ईरानी कॉन्सुलेट में घुस गए और उन्होंने इमारत को आग के हवाले कर दिया. इसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. मीडिया खबरों के मुताबिक शहर में सरकारी दफ्तरों और दुकानों को बंद कर दिया गया है.

ईरान ने कॉन्सुलेट जलाए जाने की निंदा की है. ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए के मुताबिक गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मुसावी ने इराकी सरकार से इस मामले में एक “जिम्मेदार, मजबूत और असरदार“ जवाब की मांग की है. इस घटना में कॉन्सुलेट के किसी कर्मचारी को नुकसान नहीं हुआ. सभी कर्मचारी कॉन्सुलेट के पिछले दरवाजे से बाहर निकल गए थे.

Nassiriya Irak Proteste
तस्वीर: Reuters

पुलिस का कहना है कि कॉन्सुलेट में प्रदर्शनकारियों को घुसने से रोकने के दौरान बल प्रयोग में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई जबकि 35 लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियो ने कॉन्सुलेट से ईरानी झंडे को हटा कर वहां इराकी झंडा लहरा दिया.

कई हफ्तों से इराक में प्रदर्शन जारी हैं लेकिन ईरान का कॉन्सुलेट जलाने के बाद यहां हिंसा भड़क उठी है. प्रदर्शनकारी ईरान समर्थित सरकार को सत्ता से हटाना चाहते हैं. ये लोग इस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं.

इराकी प्रदर्शनकारियों ने ईरानी कॉन्सुलेट को जला कर ईरान विरोधी भावना को बहुत मजबूती से दिखाया है. बगदाद और दक्षिण के दूसरे शिया बहुल इलाकों में बीते कई हफ्तों से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस दौरान इराकी सुरक्षाबलों की कार्रवाई में सैकड़ों लोग मारे गए हैं.

सेना के एक बयान के मुताबिक इराकी अधिकारियों ने कई जिलों में व्यवस्था बहाल करने के लिए "क्राइसिस सेल" बनाए हैं. सेना का कहना है कि "क्राइसिस सेल" का नेतृत्व प्रांतीय गवर्नर करेंगे लेकिन इनमें सैन्य अधिकारी भी शामिल होंगे जो स्थानीय सुरक्षा और सैन्य बलों की जिम्मेदारी संभालेंगे.

इराक में ये प्रदर्शन 1 अक्टूबर को बगदाद से शुरू हुए और जल्दी ही पूरे दक्षिणी इराक में फैल गए. शियाओं के प्रभुत्व वाली सरकार के लिए ये प्रदर्शन एक बड़ी चुनौती बन कर उभरे हैं. 2003 में इराक पर अमेरिका के हमले के बाद देश की ज्यादातर संस्थाओं पर शिया समुदाय का ही नियंत्रण है. इससे पहले सद्दाम हुसैन के नेतृत्व में सुन्नी समुदाय ने लंबे समय तक देश पर नियंत्रण रखा था.

Nassiriya Irak Proteste
तस्वीर: Reuters

प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर शिया युवा हैं जो बेरोजगार हैं और ये लोग देश की मौजूदा राजनीति में सक्रिय नेताओं की पूरी तरह से विदाई चाहते हैं. इराक की सत्ता पर काबिज नेताओं को ईरान से समर्थन मिलने की बात कही जाती है.

सुरक्षा बलों ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस, गोलियां और हथगोलों तक का इस्तेमाल किया है. कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम, पत्थरों और गुलेल से हमला किया है. पुलिस और मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक इन प्रदर्शनों में अब तक 350 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.

एनआर/एके(रॉयटर्स)

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