अर्जेंटीना के पूर्व सैनिक शासक को 15 साल की जेल
३० दिसम्बर २०११गुरुवार को अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में एक संघीय अदालत ने सैनिक शासन (खुंता) के प्रमुख के खिलाफ सजा सुनाई. इसी मामले में बिग्नोने का साथ देने वाले दो और लोगों को 8 और 13 साल कैद की सजा दी गई. यह मामला ब्यूनस आयर्स में पोजादास इलाके के एक अस्पताल का था जहां सेना ने खुफिया यातना केंद्र अल शालेट बना रखा था.
चिकित्साकर्मियों की हत्या
बिग्नोने पर आरोप था कि 1976 में सैनिक तख्तापलट के कुछ दिनों बाद हेलिकॉप्टरों और टैंकों के साथ अस्पताल को सैनिकों के कब्जे में लिए जाने का उन्होंने नेतृत्व किया. अस्पताल के डायरेक्टर और 14 अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया और यातना दी गई. अस्पताल के 14 डॉक्टरों और अधिकारियों को सैनिक तानाशाही के दौरान मार डाला गया. इन हत्याओं की अलग मुकदमे में जांच की गई. बिग्नोने के अलावा पूर्व ब्रिगेडियर हिपोलीटो रफाएल मरियानी को 8 साल कैद की सजा सुनाई गई.
अर्जेंटीना में सेनाधिकारियों का एक गिरोह 1976 से 1983 तक सत्ता में रहा. जून 1982 में लियोपोल्डो गाल्टियेरी ने फॉकलैंड युद्ध में ब्रिटेन से अर्जेंटीना की हार के बाद इस्तीफा दे दिया और उसके बाद बिग्नोने ने इसकी अध्यक्षता संभाल ली. 1983 में उन्होंने निर्वाचित राष्ट्रपति राउल अल्फोंसिन को सत्ता सौंप दी.
20 साल बाद
दो दशक बाद उन्हें अदालत में अपने अपराधों का सामना करना पड़ा. अप्रैल 2010 और अप्रैल 2011 में उन्हें कई मामलों में हत्या, यातना, बंधक बनाने और आजादी छीनने का दोषी पाया गया. सरकारी वकील के अनुसार तानाशाही के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई के सिलसिले में साल 2011 महत्वपूर्ण रहा. इससे पहले कभी भी मानवाधिकारों के हनन के इतने मामलों को पूरा नहीं किया जा सका.
इस साल 21 मामले निपटाए गए जिनमें 69 लोगों को पहली बार कैद की सजा सुनाई गई. अब तक कुल 268 लोगों को सजा दी जा चुकी है. यह 2009 के मुकाबले पांच गुनी अधिक है. इस समय 700 लोग मुकदमे का इंतजार कर रहे हैं, जिनमें से 60 फीसदी या तो नजरबंद हैं या न्यायिक हिरासत में हैं.
मानवाधिकार संगठन अदालतों की धीमी चाल की शिकायत करते रहे हैं क्योंकि बहुत से आरोपी काफी ज्यादा उम्र के हो चुके हैं. सैनिक तानाशाही के समय मानवाधिकारों के हनन के मामलों पर मुकदमा चलाना इसलिए संभव हुआ कि सर्वोच्च अदालत ने 2005 में उस क्षमादान कानून को खारिज कर दिया जिसके तहत तानाशाही काल के अपराधों को माफ कर दिया गया था.
अर्जेंटीना की सैनिक तानाशाही के दौरान 30,000 लोग या तो लापता हो गए या उन्हें मारे जाने के सबूत हैं.
रिपोर्ट: ईपीडी डीपीए/महेश झा
संपादन: ए जमाल