अब क्या विमानवाही युद्धपोत भी लाएगा जापान?
२६ दिसम्बर २०१७1945 में दूसरे विश्व युद्ध में हार के बाद से ही जापान के पास कोई विमानवाही युद्धपोत नहीं है. इजुमो को अपग्रेड कराने का मकसद है जापान को उस स्थिति के लिए तैयार करना जब उसके रनवे मिसाइल हमलों में नष्ट हो जाएंगे. इसके साथ ही युद्धपोत से जापान के दक्षिण पश्चिमी द्वीपों की सुरक्षा भी मजबूत होगी जहां चीन ने अपनी समुद्री गतिविधियां तेज कर दी है.
इस मामले से जुड़े सरकार के तीन सूत्रों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि इजुमो को अपग्रेड कराने के पीछे एक वजह यह भी है कि जापानी सरकार भविष्य में एफ 35 भी लड़ाकू विमानों को खरीदने के बारे में विचार कर रही है. ये विमान रनवे पर बिना लंबी दौड़ के भी उड़ान भरने और उतरने में सक्षम हैं.
248 मीटर लंबा डेक वाला इजुमो जापान का सबसे बड़ा समतल डेक वाला युद्धपोत है. इसके डेक और हैंगर को इस तरह से ही डिजाइन किया गया है ताकि उस पर एफ35 भी जहाज ले जाया जा सके. युद्धपोत की मरम्मत में इसके फ्लाइट डेक के एक सिरे पर एक घुमावदार रैम्प बनाया जा सकता है. इसके साथ ही डेक की गर्मी सहन करने की क्षमता को बढ़ाना होगा ताकि यह जेट बर्नर से निकलने वाली गर्मी को सहन कर सके. इसके साथ ही जहाज की एयर ट्रैफिक कंट्रोल की क्षमता को भी बढ़ाना होगा.
हालांकि जापान के रक्षा मंत्री ने इस बात से इनकार किया है कि सरकार इजुमो की मरम्मत के लिए कोई ठोस कदम उठा रही है. रक्षा मंत्री इत्सुनोरी ओनोडेरा ने पत्रकारों से कहा, "हमारी रक्षा की जो स्थिति है उसमें हम लगातार कई परीक्षण करते रहते हैं. फिलहाल एफ 35बी और इजुमो श्रेणी के विध्वंसक पोतों की मरम्मत करने के लिए कोई ठोस परीक्षण नहीं चल रहा है." जापान के पास इजुमो जैसा एक और युद्धपोत भी है जिसका नाम है कागा.
जापान ने अमेरिकी लड़ाकू विमानों के साथ हाल के महीनों में कई बार संयुक्त युद्धाभ्यास किया है ताकि उत्तर कोरिया के खिलाफ अपनी क्षमता को बढ़ा सके. सरकार से जुड़े सूत्रों में से एक ने कहा "इस तरह के अभ्यास हमारे लिए यह देखना के बड़े मौके होते हैं कि अमेरिकी सेना कैसे अपने विमानवाही युद्धपोतों का संचालन करती है" क्योंकि जापान सरकार इजुमो को विमानवाही युद्धपोत में बदलना चाहती है.
इसी साल सितंबर में उत्तर कोरिया के छठे परमाणु परीक्षण के बाद क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया है. उत्तर कोरिया ने इसके एक महीने बाद ही कहा कि उसने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल यानी आईसीबीएम का सफल परीक्षण किया है जो अमेरिका तक मार कर सकता है.
जापान चीन की लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों से भी चिंतित है. जापान चाहता है कि मिसाइलों की मार से रनवे क्षतिग्रस्त होने या फिर जापान की एयर सेल्फ डिफेंस फोर्स के विध्वंस की सूरत में विमानवाही युद्धपोत से लड़ाकू विमानों को उड़ाने का उसके पास पक्का इंतजाम हो.
जापान के संविधान में आर्टिकल 9 की अगर शब्दश: व्याख्या की जाए तो यह किसी तरह के सैन्य बलों की बनाए रखने पर प्रतिबंध लगाता है. हालांकि जापान की सरकारें इसकी व्याख्या को इस तरह से करती हैं कि वे आत्मरक्षा के लिए सेना रख सकें. विमानवाही युद्धपोत को रखना संवैधानिक सवालों को उठने का मौका देगा इसलिए सरकार इस मामले को नेशनल डिफेंस प्रोग्राम गाइडलाइंस के जरिए सुलझाने की कोशिश में है जो 2018 के आखिर में तैयार होगा.
एनआर/एके (रॉयटर्स)