पोलैंड में छुट्टियों में कड़ी सैन्य ट्रेनिंग करते युवा
२९ जुलाई २०२५बदन, पसीने से तरबतर और सांस जरा उखड़ती हुई, पोलैंड के कई युवा, सेना के एक प्रशिक्षण मैदान में ग्रेनेड फेंक रहे हैं और जख्मी सैनिकों को निकालने का अभ्यास कर रहे हैं. गर्मियों की छुट्टियों में समुद्र किनारे आराम करने या अंधाधुंध रील बनाने या देखने के बजाए, उन्होंने सेना की ड्रिल्स करने का फैसला किया है.
पोलिश सेना के इस कार्यक्रम को "वैकेशन विद द आर्मी" नाम दिया गया है. महीने भर होने वाली इस ट्रेनिंग के लिए करीब 10,000 लोग सामने आ चुके हैं. इनमें से ज्यादातर 18 से 20 साल के लड़के-लड़कियां हैं.
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से पोलैंड को अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है. पोलैंड, बेलारूस, रूस और यूक्रेन के साथ सीमा साझा करता है. पोलैंड भले ही नाटो का सदस्य हो, लेकिन यूक्रेन युद्ध ने उसकी चिंताएं बढ़ा दी हैं. ऐसी वॉलिंटियर आर्मी ट्रेनिंग के जरिए देश अपनी आत्मरक्षा की तैयारियों को और मजबूत करना चाहता है.
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सैन्य ट्रेनिंग में क्या क्या शामिल
पोलिश सेना की 10वीं कार रेजीमेंट की प्रवक्ता लेफ्टिनेंट पाट्रिशिया अडामस्का कहती हैं, "ट्रेनिंग में शूटिंग और रणनीति संबंधी कक्षाएं, फील्ड स्टडीज और जनरल एयर डिफेंस भी शामिल हैं. इसके रंगरुटों के पास एक सैनिक के जीवन के अनुशासन को अनुभव करने का मौका होता है."
इस दौरान प्रतिभागियों को 27 दिन तक एक सैन्य यूनिट में गुजारने पड़ते हैं. ट्रेनिंग के बाद उन्हें एक रैंक से सम्मानित किया जाता है और कुछ को सेना में ही करियर बनाने का अवसर भी दिया जाता है.
मिखाल पीकुट, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा की पढ़ाई कर रहे हैं. 29 साल के मिखाल, मास्टर्स के छात्र हैं. आज ट्रेनिंग के दौरान मिखाल के सीने पर एक बुलेटप्रूफ जैकेट है और उसमें कई विस्फोटक बंधे हैं. चेहरे पर छद्म आवरण पैदा करने वाला पेंट पुता है. अब उन्हें रेतीली जमीन को पार करना है. अपने बाकी साथियों की बात करते हुए मिखाल कहते हैं, "अभी तक कोई चकराकर गिरा नहीं है, लेकिन अभी तो दिन जवान ही है."
कितनी कड़ी है ट्रेनिंग
ट्रेनिंग के बाद कई शामें ऐसी आती हैं जब मिखाल के लिए अपने पैरों पर पूरी मजबूती से खड़े रहना मुश्किल हो जाता है. वह कहते हैं, "यह कोई छुट्टी नहीं बल्कि कड़ी सैन्य ट्रेनिंग है. मुझे लगा कि मैं यह पूरी नहीं कर पाऊंगा." लेकिन कुछ देर बाद आराम से बैठकर वह कहते हैं कि पोलैंड की सेना के लिए रिजर्व सैनिक के रूप में वह उपलब्ध रहेंगे.
27 दिन की कड़ी ट्रेनिंग पूरी करने वाले प्रतिभागियों को आखिर में 1,400 यूरो दिए जाएंगे. वारसॉ में पढ़ रहे 19 साल के अमेरिकी छात्र गोरान मेरेडिथ भी पैसे और छुट्टियों के कारण इस ट्रेनिंग में शामिल हैं. गोरान कहते हैं, "ज्यादातर व्यस्क इसे नहीं झेल पाते हैं. इसमें शारीरिक, मानसिक और अनुशासन के तौर पर बहुत ही कड़ी मांगें हैं. पहले ही हफ्ते में 10 प्रतिभागी ये छोड़कर चले गए. इसी से पता चलता है कि ये क्या है."