यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जर्मन सरकार ने देश की रक्षा नीति में ऐतिहासिक बदलाव का एलान किया था. तीन साल बीत जान के बाद भी देश की सेना में कम से कम 20,000 सैनिकों की कमी है. कुछ लोग अनिवार्य सैन्य सेवा की वकालत कर रहे हैं लेकिन युवा इसे लेकर बहुत उत्साहित नहीं है.