कोविड फंड के दुरुपयोग पर घिरी पोलैंड पीएम टुस्क की सरकार
२२ अगस्त २०२५पोलैंड में रूढ़िवादी विपक्ष ने प्रधानमंत्री डोनाल्ड टुस्क की सेंटर-लेफ्ट सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. विपक्ष का कहना है कि सरकार ने कोरोना महामारी के बाद होटल और रेस्तरां उद्योग में छोटे व्यवसायों की मदद के लिए मिले यूरोपीय संघ के फंड (कोविड-19 रिकवरी फंड) का गलत इस्तेमाल किया है. पोलैंड की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी ‘लॉ एंड जस्टिस (पीआईएस)' के नेता करीब दो हफ्तों से इस बारे में शिकायत कर रहे हैं. पीआईएस के अध्यक्ष यारोस्लाव काजिंस्की ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर लिखा, "यह एक बहुत बड़ा घोटाला है.”
इन गंभीर आरोपों के बाद, यूरोपियन पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ऑफिस (ईपीपीओ) ने जांच शुरू कर दी है. दरअसल, पोलैंड के लिए यूरोपीय संघ के रिकंस्ट्रक्शन और रेसिलियंस फंड से 255.8 अरब ज्लॉटी (59.8 अरब यूरो या 70 अरब डॉलर) की मंजूरी मिली. इस राशि में 25.3 अरब यूरो के अनुदान हैं यानी ये मदद के तौर पर मिले पैसे हैं जिन्हें लौटाना नहीं होगा. साथ ही, 34.5 अरब यूरो के कम ब्याज वाले कर्ज शामिल हैं.
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कथित रूप से दुरुपयोग की गई धनराशि कुल फंड का सिर्फ एक छोटा हिस्सा है. यह रकम करीब 1.2 अरब ज्लॉटी (पोलैंड की मुद्रा) है, जिसमें से अब तक 11 करोड़ ज्लॉटी का ही आवंटन किया गया है. ये फंड होटल और रेस्तरां उद्योग में छोटे कारोबारों को मजबूत बनाने के लिए थे, ताकि महामारी के दौरान हुई मुश्किलों के बाद वे भविष्य में आने वाली किसी भी महामारी या संकट का बेहतर सामना कर सकें.
स्विंगर क्लब के लिए खर्च किया गया ईयू फंड?
पीआईएस से जुड़े मीडिया संस्थानों के मुताबिक, इन फंड का इस्तेमाल असल मकसद के बजाय नाव खरीदने, सॉना और सोलारियम बनाने, नया फर्नीचर खरीदने, वर्चुअल शूटिंग रेंज बनाने और ऑनलाइन ब्रिज कोर्स कराने में किया गया. आरोप यह भी है कि एक स्विंगर्स क्लब को भी धन दिया गया था.
काजिंस्की ने एक्स पर लिखे अपने शिकायती पोस्ट में कहा, "आर्थिक प्रोत्साहन के बजाय एक बड़ा घोटाला: यॉट, टैनिंग सैलून, आउटडोर पार्टियां और मोबाइल कॉफी मशीनें. कुछ चुनिंदा लोगों को पैसा मिला, लेकिन हर नागरिक को कर्ज चुकाना होगा. इस धन का इस्तेमाल निवेश, नई खोज, और दवा सुरक्षा के लिए किया जाना चाहिए था, लेकिन अब किसी चीज के लिए पैसे नहीं हैं!”
दबाव में हैं टुस्क
पीआईएस नेताओं ने मांग की है कि इस घोटाले की जांच के लिए एक विशेष लोक अभियोजक का कार्यालय बनाया जाए. सांसद याचेक ससिन ने टुस्क के खिलाफ एक आपराधिक शिकायत भी दर्ज कराई है. ससिन का कहना है कि वह ‘यह दिखावा नहीं कर सकते कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है.'
आरोप मुख्य रूप से टुस्क पर लग रहे हैं. चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी नेता के तौर पर उन्होंने वादा किया था कि वह सुनिश्चित करेंगे कि पोलैंड को यूरोपीय संघ से मिलने वाले वे फंड मिलें जिन्हें यूरोपीय आयोग ने रोक दिया था. पीआईएस सरकार के कार्यकाल में कानून के उल्लंघन की वजह से सजा के तौर पर यूरोपीय आयोग ने यह रोक लगाई थी. हालांकि, टुस्क की सरकार अभी पोलैंड में पूरी तरह कानून का शासन बहाल नहीं कर पाई है, लेकिन ब्रसेल्स ने उन पर भरोसा जताते हुए पैसा जारी कर दिया.
रिकवरी फंड की बदौलत आर्थिक सफलता
रिकवरी फंड ने पिछले 18 महीनों में पोलैंड की आर्थिक सफलता में अहम योगदान दिया है. हालांकि, साप्ताहिक पोलिश समाचार पत्रिका ‘प्रोस्त' ने अपने संपादकीय में तर्क दिया कि ‘इस घोटाले ने टुस्क सरकार की छवि को धूमिल कर दिया है.' इसमें कहा गया है, "जो उनकी सबसे बड़ी ताकत मानी जा रही थी, वही अब उनके गले की फांस बन गई है.”
वहीं इन आरोपों को लेकर टुस्क कहते हैं कि वह धन की ‘किसी तरह की बर्बादी' की बात को स्वीकार नहीं करेंगे. शुरूआती जांच में किसी तरह के भ्रष्टाचार या गबन का पता नहीं चला है. उन्होंने कहा कि यह पैसे के ‘लापरवाही से इस्तेमाल' का मामला होने की अधिक संभावना है.
टुस्क ने यह भी घोषणा की थी कि कुछ मंत्रियों के पद पर असर पड़ेगा, लेकिन अब तक, विकास फंड और क्षेत्रीय नीति मंत्री कातारीना पेल्जिंस्का-नालेत्स अपने पद पर बनी हुई हैं. वह ‘पोल्स्का 2050' पार्टी की सह-नेता भी हैं, जो टुस्क की गठबंधन सरकार में शामिल है. इस पार्टी के साथ गठबंधन किए बिना टुस्क के पास संसद में बहुमत नहीं होता.
गठबंधन समझौते के मुताबिक, पेल्जिंस्का-नालेत्स सितंबर से नवंबर के बीच सरकार की उप-प्रमुख बनने वाली हैं. कथित तौर पर वह इन अनियमितताओं के बारे में महीनों से जानती थीं, लेकिन उन्होंने कहा कि वह इन्हें ‘बड़ा मुद्दा' नहीं बनाना चाहती थीं.
वहीं, टुस्क ने कहा कि वह इस स्पष्टीकरण से ‘कुछ हद तक संतुष्ट' हैं और उनका धैर्य ‘अब तक खत्म नहीं हुआ है.' अभी तक, उन्होंने इस मुद्दे पर किसी को भी बर्खास्त नहीं किया है. जबकि, वे इससे कम गंभीर मामलों में भी ऐसा करते हुए देखे गए हैं.
टुस्क ने विपक्षी नेताओं को दोषी ठहराया
टुस्क का मानना है कि इस मामले के लिए वास्तव में पीआईएस जिम्मेदार है. उन्होंने तर्क दिया है कि पिछली सरकार ने उनके मंत्रिमंडल को ‘पोलिश कंपनियों को धन आवंटित करने के लिए बहुत कम समय' दिया था. उन्होंने कहा कि समय सीमा तक काम पूरा करने के लिए ही पेल्जिंस्का-नालेत्स के मंत्रालय ने ‘प्रक्रियाओं में ढील दी ताकि लोगों को धन मिल सके.'
यूरोपीय आयोग ने पोलैंड की सरकार की ओर से कानून के उल्लंघन के कारण पोलैंड को मिलने वाली धनराशि दो साल तक रोक रखी थी. टुस्क के पदभार ग्रहण करने के बाद ही यह धनराशि जारी की गई.
फिलहाल, होटल और रेस्टोरेंट मालिकों को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है, क्योंकि पेल्जिंस्का-नालेत्स ने अगली सूचना तक सभी सब्सिडी निलंबित कर दी है. उनके मंत्रालय का कहना है कि वह सभी अनुबंधों की फिर से जांच करेगा, ताकि यह पक्का हो सके कि वे यूरोपीय संघ के मानदंडों का पालन करते हैं. मंत्रालय का यह भी कहना है कि अनियमितताएं पाए जाने पर, धनराशि वापस ली जा सकती है. अब तक, मंत्रालय ने 3,000 से ज्यादा अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए हैं.
यह रिकवरी फंड सिर्फ होटल और रेस्टोरेंट के लिए नहीं है. इन्हें तो फंड का बस एक छोटा हिस्सा मिलेगा. ज्यादातर पैसा जलवायु से जुड़ी परियोजनाओं, रेल परिवहन के आधुनिकीकरण, ऊर्जा आपूर्तिकर्ताओं और अस्पतालों के लिए आवंटित किया जाएगा. अब जब शहरी विकास कार्यक्रम के तहत धन को फिर से आवंटित किया गया है, तो इसका कुछ हिस्सा सुरक्षा परियोजनाओं के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा.
पोलैंड के नए राष्ट्रपति कारोल नावरोत्स्की ने भी ईयू के फंड के मुद्दे पर अपनी राय जाहिर की है. उन्होंने पोलसैट टीवी चैनल से कहा, "पोलैंड के लोगों ने जब यह सुना कि सरकारी पैसा सोलारियम, सॉना, और नाव पर खर्च किया जा रहा है, तो उनका गुस्सा होना जायज है. बेशक, इसके लिए मौजूदा सरकार जिम्मेदार है.”
दक्षिणपंथी इतिहासकार से नेता बने नावरोत्स्की ने यह बात कभी नहीं छिपाई कि उनका मकसद टुस्क सरकार को गिराना है और वे चाहते हैं कि यह काम 2027 के संसदीय चुनावों से पहले ही हो जाए.