न्यू यॉर्क को मिल सकता है हिंदी बोलने वाला मेयर
२६ जून २०२५बीते साल अक्टूबर में जोहरान ममदानी ने जब न्यू यॉर्क के मेयर के लिए अपनी दावेदारी पेश की तो राज्य एसेंबली का यह सदस्य ज्यादातर शहरवासियों के लिए अनजाना था.
मंगलवार को 33 साल के ममदानी ने मेयर के चुनाव के लिए डेमोक्रैटिक पार्टी की प्राइमरी में बढ़त हासिल कर ली. उनके प्रतिद्वंद्वी एंड्रयू कुओमो ने हार स्वीकार कर ली. उनकी उम्मीदवारी की आधिकारिक पुष्टि 1 जुलाई को होगी और मेयर का चुनाव नवंबर में, लेकिन इससे पहले ही ममदानी ने देश और दुनिया में जबर्दस्त हलचल मचाई है.
पहली बार ऑस्ट्रेलिया में किसी काउंसिल का मेयर बना भारतीय
न्यू यॉर्क के पहले भारतीय अमेरिकी मेयर बनने की दौड़ में शामिल ममदानी पहले रैपर भी रह चुके हैं. अगर वे जीते तो न्यू यॉर्क को कई पीढ़ियों के बाद सबसे युवा मेयर मिलेगा. यूगांडा के कंपाला में जन्मे ममदानी की मां मशहूर फिल्ममेकर मीरा नायर हैं. भारतीय मां-बाप की संतान ममदानी ने कॉलेज से ग्रेजुएट होने के तुरंत बाद 2018 में अमेरिका की नागरिकता ली थी. 7 साल की उम्र में परिवार के साथ न्यू यॉर्क आने से पहले वह कुछ समय के लिए दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन में भी रहे हैं.
ममदानी की मां मीरा नायर ने मानसून वेडिंग, द नेमसेक और मिसिसिपी मसाला जैसी कई फिल्में बनाई हैं. उनके पिता महमूद ममदानी कोलंबिया यूनिवर्सिटी में एंथ्रोपोलॉजी के प्रोफेसर हैं. ममदानी ने इसी साल रामा दुवाजी से शादी की है जो सीरियाई अमेरिकी कलाकार हैं.
रैपर भी रहे हैं ममदानी
ममदानी ने ब्रॉन्क्स हाई स्कूल ऑफ साइंस से पढ़ाई की है जहां उन्होंने स्कूल की पहली क्रिकेट टीम बनाई थी. 2014 में वो माइने के बोडोइन कॉलेज से अफ्रीकाना स्टडीज में ग्रेजुएट हुए. वह कॉलेज छात्रों के जस्टिस इन पलेस्टाइन चैप्टर के सहसंस्थापक भी रहे हैं. कॉलेज के बाद उन्होंने क्वींस में उन लोगों के लिए सलाहकार के रूप में काम किया जिन पर शहर से निकाले जाने का खतरा था. ममदानी का कहना है कि इस काम ने उन्हें सार्वजनिक जीवन में उतरने की प्रेरणा दी.
ममदानी ने स्थानीय हिप हॉप समुदाय में भी काफी नाम कमाया है. पहली बार स्टेट एसेंबली के चुनाव में उतरने के दौरान वह पहले यंग कार्डमॉम और बाद में मिस्टर कॉर्डमॉम के नाम से जाने गए. ममदानी संगीत की दुनिया में अपने गुजरे समय के बारे में बताते हुए खुद को "बी-लिस्ट रैपर" कहते हैं. 2019 में अपनी नानी के सम्मान में उन्होंने एक गाना बनाया था "नानी." मेयर के लिए चुनावी अभियान शुरू होने के बाद यह गाना खूब सुना जा रहा है. हालांकि उनके आलोचक 2017 में उनके बनाए गाने "सलाम" का सहारा लेकर यह साबित करने में जुटे हैं कि उनके विचार किसी न्यू यॉर्कर के लिए जरूरत से ज्यादा उग्र हैं.
राजनीति का सफर
ममदानी ने स्थानीय राजनीति का स्वाद क्वींस और ब्रुकलिन में डेमोक्रैटिक उम्मीदवारों के लिए प्रचार अभियान में काम करके हासिल किया. न्यू यॉर्क की असेंबली के लिए वह पहली बार 2020 में चुने गए. तब उन्होंने क्वींस डिस्ट्रिक्ट में लंबे समय से असेंबली के सदस्य रहे शख्स को पछाड़ा था. उसके बाद वह ये चुनाव दो बार जीत चुके हैं.
स्लोवाकिया के मेयर ने पेश की मिसाल
असेंबली में ममदानी की बड़ी कामयाबी एक पायलट प्रोग्राम है जिसने शहर की कुछ बसों को एक साल के लिए मुफ्त करा दिया. उन्होंने लाभकारी संस्थाओं के इस्राइली बस्तियां बसाने का समर्थन करने पर भी रोक लगाने के कानून का भी प्रस्ताव दिया था. ममदानी के विरोधियों खासतौर से कुओमो ने यह कहकर उन्हें खारिज किया कि वह अमेरिका की सबसे बड़े शहर की जटिलताओं के संभालने में सक्षम नहीं हैं.
हालांकि ममदानी ने तुलनात्मक रूप से अपने कम अनुभव को ही अपना हथियार बनाने की कोशिश की है. मेयर की बहस में ममदानी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके पास कुओमो के "भ्रष्टाचार, विवाद और बदनामी का अनुभव नहीं है."
वायरल वीडियो और बड़े वादे
ममदानी ने अपना प्रचार अभियान क्वींस के बाहर के इलाके तक पहुंचाने के लिए कई भड़कीले वीडियो का इस्तेमाल किया है. इनमें से कई में वह बॉलीवुड और अपनी भारतीय विरासत का हवाला देते हैं. चुनावी दौड़ अब जब अपने अंतिम चरण में दाखिल हो रही है तो वह मैनहट्टन के लगभग 21 किलोमीटर लंबे रास्ते पर पैदल चले और इस दौरान लोगों से मिलने और रास्ते के अनुभवों की तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करते रहे. हिंदी बोलने वाले ममदानी ने टिकटॉक पर अपने प्रचार वीडियो में वोटरों से स्पैनिश, बांग्ला और दूसरी भाषाओं में भी वोट मांगा है.
ममदाननी ने अपराध और कानून-व्यवस्था की बात करने वाले कुओमो की तुलना में ज्यादा आशावादी नजरिया पेश किया है. उनका प्रचार बड़े वादों से भरा है जिसमें न्यू यॉर्क में रहने वालों की रोजमर्रा के खर्चे घटाने की बात है. इसमें बच्चों की मुफ्त देखभाल, मुफ्त बसें, मकाने किराये को बढ़ने से रोकने और नए किफायती घरों की बात है. इसके लिए अमीर लोगों पर टैक्स बढ़ाने की भी बात कही गई है. ममदानी का फलीस्तीन के लिए मुखर समर्थन मेयर के चुनाव में एक तनाव की वजह रहा है. कुओमो उन्हें इस्राएल और एंटीसेमिटिक बताने की कोशिश करते रहे हैं.