कौन हैं सीरिया के 'आजाद' द्रुजे
सीरिया में द्रुजे अल्पसंख्यक हैं. लेकिन उनके पास अपने लड़ाके हैं और स्वशासन की लंबी परंपरा. जानिए द्रुजे समुदाय को.
शिया इस्लाम से निकले द्रुजे
द्रुजे लोग भी अरब के ही निवासी हैं. इतिहासकारों के मुताबिक, 10वीं-11वीं शताब्दी में अपने रीति रिवाजों के साथ ये समुदाय, शिया इस्लाम से अलग हो गया.
द्रुजे लोगों का धार्मिक विश्वास
द्रुजे पंथ में सत्य और सत्य को खोज को काफी अहमियत दी जाती है. यह पंथ दूसरों की देखभाल करने के साथ ही गलत विश्वासों को त्यागने पर जोर देता है.
इस्लाम से कितने अलग द्रुजे
द्रुजे निश्चित समय पर प्रार्थना नहीं करते हैं, वे तीर्थ यात्रा के लिए मक्का नहीं जाते हैं और रमजान के दौरान रोजा भी नहीं रखते हैं. साथ ही इस्लाम के उलट, ये लोग पुनर्जन्म में भी विश्वास रखते हैं.
द्रुजे समुदाय की बसावट
अनुमान के मुताबिक आज दुनिया भर में करीब 10 लाख द्रुजे लोग हैं. इनकी बड़ी आबादी दक्षिणी सीरिया में रहती है. यह समुदाय इस्राएल, गोलान पहाड़ियों, जॉर्डन और लेबनान में भी बसता है.
दक्षिणी सीरिया में स्वायत्त शासन
1921 में द्रुजे समुदाय ने द्रुजे देश की स्थापना का एलान किया. हालांकि 1936 में सीरिया के आजाद होने के साथ ही द्रुजे स्टेट का बड़ा हिस्सा सीरिया में शामिल कर दिया गया. इसके बाद भी द्रुजे समुदाय की बहुलता वाला दक्षिणी सीरिया काफी हद तक स्वायत्त शासन व्यवस्था वाला बना रहा.
अपना शासन, अपने लड़ाके
दक्षिणी सीरिया के स्वेइदा इलाके में बड़ी संख्या में बसने वाले द्रुजे समुदाय के पास अपने लड़ाके भी हैं. सीरिया में 14 साल लंबे गृह युद्ध के दौरान द्रुजे समुदाय ने भी पूर्व राष्ट्रपति बशर अल असद का विरोध किया.
असद के खिलाफ एकता के बाद बिखराव क्यों
असद के दिसंबर 2024 में देश छोड़ मॉस्को भागने के बाद सीरिया की सत्ता अहमद अल शरा के हाथ में आई. शरा की सरकार पर आरोप लगे कि वह सेना के जरिए स्वेइदा की इलाके में अपना अधिकार लागू करना चाहती है, द्रुजे इसका प्रतिरोध कर रहे हैं.
इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर
कुछ कट्टरपंथी सुन्नी और शिया मुसलमान द्रुजे समुदाय को विधर्मी या पंथ भ्रष्ट मानते हैं. द्रुजे समुदाय के खिलाफ हिंसा में इस सोच की भी बड़ी भूमिका है.
द्रुजे समुदाय के साथ इस्राएल
इस्राएल द्रुजे समुदाय को अपना साझेदार कहता है. द्रुजे समुदाय के लोग स्वेच्छा से इस्राएली सेना में काम करते हैं. यही वजह है कि मध्य जुलाई में स्वेइदा में हिंसा के दौरान इस्राएल ने द्रुजे अल्पसंख्यकों के समर्थन में सीरिया के रक्षा मंत्रालय और सैन्य मुख्यालय पर हवाई हमले किए.