भारत का सबसे अफोर्डेबल शहर कौन सा है
प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक के अफोर्डेबिलिटी सूचकांक में 2030 तक भारत में अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग और संभावनाओं का ताजा मूल्यांकन किया गया है. जानिये भारत का कौन सा शहर है सबसे ज्यादा अफोर्डेबल.
सबसे महंगा शहर
इस सूचकांक में किसी शहर में एक परिवार की औसत आमदनी के मुकाबले वहां होम लोन की ईएमआई के लिए कितनी रकम चुकानी पड़ती है इस आधार पर शहरों की रैंकिंग की गई है. इस लिहाज से मुंबई को सबसे महंगा हाउसिंग मार्केट पाया गया.
जरा हट के, जरा बच के
मुंबई के लिए ईएमआई और आमदनी का अनुपात 55 प्रतिशत पाया गया, यानी शहर में एक औसत परिवार की कमाई का आधे से ज्यादा हिस्सा ईएमआई चुकाने में चला जाता है. 50 प्रतिशत से ऊपर के अनुपात को अनअफोर्डेबल माना जाता है, क्योंकि इससे ज्यादा अनुपात की स्थिति में बैंक लोन नहीं देते हैं.
दूसरा सबसे महंगा शहर
सूचकांक में हैदराबाद को दूसरे सबसे महंगे शहर का स्थान दिया गया है. यहां ईएमआई से आमदनी का अनुपात 31 प्रतिशत है. सूचकांक में होम लोन की अवधि 20 साल मानी गई है.
राजधानी की कहानी
तीसरे स्थान पर है दिल्ली एनसीआर, जहां आपको एक मकान का मालिक बनने के लिए ईएमआई पर अपनी आमदनी का 30 प्रतिशत खर्च करना पड़ता है. सूचकांक में माना गया है कि मकान के मूल्य के 80 प्रतिशत के बराबर लोन लिया गया होगा.
चेन्नई, पुणे, कोलकाता में थोड़ी राहत
28 प्रतिशत अनुपात के साथ सूचकांक में चौथे नंबर पर है चेन्नई. 26 प्रतिशत अनुपात के साथ पुणे और कोलकाता को पांचवां स्थान हासिल हुआ है. सूचकांक में सभी शहरों में मकानों का साइज एक जैसा ही माना गया है.
सबसे अफोर्डेबल शहर
इस सूचकांक में सबसे अफोर्डेबल शहर पाया गया अहमदाबाद. शहर में एक औसत परिवार को ईएमआई पर अपनी आय का 23 प्रतिशत खर्च करना पड़ता है, जो बाकी शहरों से काफी कम है.