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क्या फॉग हार्वेस्टिंग से दूर हो पाएगी पानी की किल्लत

टिम शाउएनबेर्ग
२५ मार्च २०२५

कोहरा यानी फॉग ताजे पानी का सस्ता और आसान स्रोत है, खासकर दूरदराज के सूखे इलाकों में. यह शहरों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है. जानते हैं कि फॉग को कैसे इकट्ठा किया जाता है और इसका इस्तेमाल कहां-कहां हो रहा है?

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फॉग कलेक्शन करता केप वेर्डे का एक व्यक्ति
फॉग कलेक्शन करता केप वेर्डे का एक व्यक्ति, जहां हर दिन ये समुदाय 700 लीटर से ज्यादा फॉग इकट्टा करता हैतस्वीर: Biflores

मोरक्को के रेगिस्तान के किनारे बसे ऐत बामराने के पहाड़ी इलाके में बारिश बहुत कम होती है, लेकिन जो चीज यहां भरपूर होती है और साल के छह महीने वह है पास के अटलांटिक महासागर से आने वाला घना कोहरा.

इस कोहरे की वजह से विजिबिलिटी कम हो सकती है, लेकिन यह कोहरा पानी की कमी को दूर करने का एक तरीका भी है. इसे दुनिया के सबसे बड़े फॉग कलेक्शन सिस्टम में जमा किया जाता है.

फॉग हार्वेस्टिंग के काम करने का तरीका

हवा पानी के वाष्प को सीधे खड़े जालियों में धकेलती है, जहां वह छोटी-छोटी बूंदों में बदल जाता है और जाली से नीचे गिरकर बड़े बर्तनों में जमा हो जाता है. ये जाल हर दिन लगभग 35,000 लीटर पानी इकट्ठा करते हैं. इससे 1,000 से ज्यादा लोगों की जरूरतें पूरी होती हैं और इस पानी का इस्तेमाल पौधों की सिंचाई के लिए भी किया जाता है.

जाली पर इकट्ठा हुई फॉग
जाली पर इकट्ठा हुई फॉग कंडेसेशन प्रक्रिया के कारण पानी में बदल जाती है जिसे जमा कर लिया जाता है तस्वीर: HR

फॉग को सिर्फ मोरक्को के पहाड़ों में ही नहीं, बल्कि घाना, इरिट्रिया, इथियोपिया, चिली, कैलिफोर्निया और दक्षिण अफ्रीका सहित अन्य जगहों पर भी इकट्ठा किया जाता है. वैश्विक स्तर पर भी फॉग से काफी ज्यादा पानी इकट्ठा किया जा सकता है. इसके लिए, हर जगह उपयुक्त स्थान है, खासकर समुद्र तट.

किसी जगह के आधार पर, 40 वर्ग मीटर का फॉग नेट यानी कोहरे वाले जाल से हर दिन करीब 200 लीटर पानी मिल सकता है. इस तरह के एक जाल की कीमत लगभग 1,500 डॉलर है.

क्या शहरों में इससे फायदा हो सकता है?

अब तक, फॉग से पानी इकट्ठा करने की प्रक्रिया को मुख्य रूप से दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक समाधान के रूप में देखा गया है, जहां लोगों को पानी उपलब्ध कराने के लिए सार्वजनिक व्यवस्था या बुनियादी ढांचा उपलब्ध नहीं है.

कितनी 'बिजली-पानी' चूसते हैं चैटजीपीटी जैसे एआई

हालांकि, हाल ही में वैज्ञानिक पत्रिका ‘फ्रंटियर्स इन एनवायरनमेंटल साइंस' में प्रकाशित एक अध्ययन से पता चला है कि इस तकनीक से शहरों को भी फायदा हो सकता है.

उत्तरी चिली का अटाकामा रेगिस्तान दुनिया के सबसे शुष्क स्थानों में से एक है. यहां प्रति वर्ष 1 मिलीमीटर से भी कम वर्षा होती है. इस इलाके के शहर पानी के लिए, जमीन के काफी नीचे मौजूद जल स्रोतों पर निर्भर हैं, जो 10,000 से 17,000 साल पहले भरे गए थे. ये पुराने स्रोत कभी भी खत्म हो सकते हैं और इन्हें दोबारा भरने में बहुत समय लगता है, इसलिए पानी के दूसरे उपाय बहुत जरूरी हैं.

चिली के अटाकामा रेगिस्तान में हवा से पानी इकट्ठा करने की व्यवस्था
दुनिया के सबसे सूखे इलाकों, जैसे चिली के अटाकामा रेगिस्तान, तक में हवा से पानी इकट्ठा करना संभव है तस्वीर: Virginia Carter Gamberini/Eurekalert/dpa/picture alliance

रेगिस्तान के किनारे बसे अल्तो होस्पिसियो शहर में लगभग 10,000 निवासियों में से कई लोग काफी गरीब हैं. पानी के लिए सार्वजनिक व्यवस्था न होने की वजह से, वे झुग्गी-झोपड़ियों में पानी की आपूर्ति करने वाले ट्रकों पर निर्भर रहते हैं.

शहर की जल समस्या को दूर करने के लिए, शोधकर्ताओं ने शहरी इलाके और आस-पास की पहाड़ियों पर फॉग नेट का इस्तेमाल किया. कुछ दिनों में वे प्रति वर्ग मीटर 10 लीटर तक पानी इकट्ठा करने में सक्षम थे. शोधकर्ताओं के मुताबिक, इतना पानी उन लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त है जिनके लिए पानी की सार्वजनिक व्यवस्था उपलब्ध नहीं है. साथ ही, इससे सिंचाई से जुड़ी जरूरत भी पूरी हो सकती है.

फॉग से झुग्गी-झोपड़ियों की पानी की जरूरतें पूरी करना

शोधकर्ताओं के अनुसार, प्रति दिन और प्रति वर्ग मीटर औसतन 2.5 लीटर पानी इकट्ठा किया जा सकता है. 17,000 वर्ग मीटर जाल का इस्तेमाल करके, अल्तो होस्पिसियो की झुग्गियों की पानी की जरूरत को पूरा किया जा सकता है. लगभग 110 वर्ग मीटर जाल पूरे साल शहर के हरे भरे इलाकों की सिंचाई के लिए पर्याप्त होगा.

इस तरह से इकट्ठा किए गए पानी को पाइप या ट्रक के जरिए आगे पहुंचाया जा सकता है. हालांकि, एक छोटी समस्या यह है कि फॉग से साल के कुछ ही महीने पानी की आपूर्ति की जा सकती है. इसलिए, निवासियों को गर्मियों के महीने में अन्य स्रोतों पर निर्भर रहना पड़ेगा.

पानी इकट्ठा करने के लिए धुंध कैद करते जाल