भारत का दावा, इन "आतंकवादी कैंपों" पर किए हमले
भारत का दावा है कि उसने पाकिस्तान के भीतर नौ "आतंकवादी कैंपों" को निशाना बनाया है. एक नजर उन जगहों पर जिन्हें कैंप बताते हुए नई दिल्ली ने निशाना बनाने का दावा किया है.
मरकज तैयबा कैंप
भारत का दावा है कि नियंत्रण रेखा से 25 किलोमीटर भीतर, यह लश्कर ए तैयबा का मुख्यालय है. नई दिल्ली का आरोप है कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले का संबंध लश्कर ए तैयबा से है. भारत का आरोप है कि 2008 में मुंबई पर आतंकवादी हमला करने वालों में शामिल अजमल कसाब को भी मरकज तैयबा कैंप में ट्रेन किया गया.
मरकज सुभान कैंप
यह जगह भारत-पाकिस्तान के सीमा रेखा से 100 किलोमीटर दूर है. यह भारतीय सेना के निशाने पर आया पाकिस्तान का सबसे भीतरी इलाका है. भारत का दावा है कि मरकज सुभान में जैश ए मोहम्मद का कैंप है. नई दिल्ली के मुताबिक मरकज सुभान कैंप के जरिए जैश ए मोहम्मद भर्ती, ट्रेनिंग और प्रचार करता है.
महमूना जोया कैंप
भारत का आरोप है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले का प्लान इसी कैंप में बनाया गया. नियंत्रण रेखा के 12 किलोमीटर भीतर चलने वाले इस कैंप को भारत ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन का ट्रेनिंग सेंटर बताया है. इसी संगठन पर 2016 में भारतीय वायु सेना के अड्डे पर हमला करने का आरोप भी है.
गुलपुर कैंप
यह जगह, बॉर्डर से 30 किलोमीटर दूर है. भारत का कहना है कि जून में पुंछ में श्रद्धालुओं पर हुआ हमला इसी कैंप में ट्रेनिंग कर चुके हमलावरों ने किया. बतौर भारत, 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता जकी उर रहमान लखवी ने अकसर इस कैंप में जाकर प्रचार और भाषण अभियान चलाए हैं.
सरजाल कैंप
भारत का कहना है कि मार्च 2025 में जम्मू कश्मीर में चार पुलिसकर्मियों की जान लेने वाले हमलावरों ने इसी कैंप में ट्रेनिंग ली थी. पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर से चलने वाला यह कैंप नियंत्रण रेखा से छह किलोमीटर भीतर है.
अब्बास कैंप
नियंत्रण रेखा के 13 किलोमीटर भीतर मौजूद इस कैंप को भारत, लश्कर ए तैयबा का "नर्व सेंटर" करार दे रहा है. नई दिल्ली का आरोप है कि लश्कर ए तैयबा के आत्मघाती हमलावरों को यहीं ट्रेनिंग दी जाती है.
सईदना बेलाल कैंप
भारत का दावा है कि जैश ए मोहम्मद इस कैंप के जरिए हथियार और विस्फोटक मुहैया कराता है. भारतीय पक्ष के मुताबिक, कश्मीर में हमले के दौरान जिंदा बचे रहने की ट्रेनिंग भी यहीं दी जाती है.
बरनाला कैंप
भारत के मुताबिक जंगल में लड़ने और जिंदा रहने की तकनीक इसी कैंप में सिखाई जाती है. नई दिल्ली के मुताबिक, इस कैंप में हथियार चलाने, विस्फोटक डिवाइसें बनाने और उन्हें ऑपरेट करने की भी ट्रेनिंग दी जाती है.
सवाई नाला कैंप
नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर अंदर इस कैंप को भारत लश्कर ए तैयबा का अहम ट्रेनिंग सेंटर बताता है. (सोर्स: फैक्टबॉक्स, रॉयटर्स)