लक्षद्वीप के बारे में 7 बातें
इंटरनेट पर बहुत से लोग आजकल लक्षद्वीप के बारे में खोज रहे हैं. हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद लक्षद्वीप चर्चा में है. आइए, आपको बताते हैं इस जगह के बारे में कुछ बातें:
36 द्वीपों का समूह लक्षद्वीप
लक्षद्वीप का अर्थ होता है एक लाख द्वीपों का समूह. लेकिन भारत के दक्षिणपश्चिम में केरला के तट से दूर लक्षद्वीप 36 द्वीपों का समूह है. इनमें से कुछ ही पर लोग रहते हैं और वहां जाने के लिए परमिट लेना होता है.
कारावत्ती है केंद्र
कारावत्ती इस द्वीप समूह की प्रशासनिक राजधानी है और सबसे ज्यादा बसा हुआ इलाका. वहां बहुत सारी खूबसूरत और पुरानी मस्जिद हैं. सभी द्वीप कोच्चि से 220 से 440 किलोमीटर के दायरे में हैं.
छोटे-छोटे द्वीप
लक्षद्वीप समूह के द्वीप बहुत छोटे हैं. कोई भी 1.6 किलोमीटर से ज्यादा बड़ा नहीं है. समूह का कुल दायरा 32 वर्ग किलोमीटर है. वहां सारा साल तापमान 20 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है.
मालदीव के भी नजदीक
लक्षद्वीप के कुछ द्वीर मालदीव से करीब 750 किलोमीटर हैं. एक द्वीप मिनीकॉय पर रहने वाले लोगों का जीवन और संस्कृति मालदीव से बहुत मिलती-जुलती है. वहां के लोग मलयालम और माही भाषी हैं. माही सिंहली से मिलती जुलती है.
हिंदी और मलयालम
द्वीप समूह के अधिकतर लोग भारत के मालाबार तटीय इलाकों से वहां बसे लोगों की संतानें हैं. वहां अधिकतर लोग मलयालम और हिंदी बोलते हैं.
आना-जाना
लक्षद्वीप जाने के लिए अधिकतर लोग कोझिकोड या कोच्चि से जहाज लेते हैं. वैसे वहां एयरपोर्ट भी है और स्थानीय स्तर पर हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं.
लक्षद्वीप का इतिहास
लक्षद्वीप के बारे में सबसे पुराना जिक्र एक ग्रीक नाविक द्वारा मिलता है, जिसने पहली सदी में इसे कछुओं के खोल का स्रोत बताया था. सन 1100 के आसपास मालाबार के हिंदू राजाओं ने इस पर कब्जा किया.
इस्लामिक प्रभाव
वहां के लोगों का समुद्र से यात्रा करने वाले अरबी यात्रियों से काफी मेलजोल रहा और सन 700 के आसपास बड़ी संख्या में लोगों ने इस्लाम अपना लिया. हालांकि बाद में हिंदू राजाओं ने लक्षद्वीप को जीत लिया लेकिन लक्षद्वीप की संस्कृति पर इस्लामिक इतिहास का असर आज भी मौजूद है. वहां की 96 फीसदी आबादी इस्लाम को मानती है.