एससीओ समिट में बोले मोदी, आतंकवाद पर दोहरा पैमाना नहीं चलेगा
प्रकाशित १ सितम्बर २०२५आखिरी अपडेट १ सितम्बर २०२५भारत में जीएसटी दरों में कटौती से सस्ते हो सकते हैं ये सामान
भारत सरकार गुड्स और सर्विसेज टैक्स (GST) में सुधार करने जा रही है और इसी के साथ जीएसटी की दरों में कटौती होने वाली है. दो सूत्रों ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि सरकार 175 से अधिक उत्पादों पर टैक्स में कटौती करेगी, जिनमें शैंपू से लेकर हाइब्रिड कार और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स तक शामिल हैं.
भारत में जीएसटी की दरें जीएसटी काउंसिल तय करती है और 3-4 सितंबर को काउंसिल की अहम बैठक है. सरकार ने 12 और 28 फीसदी स्लैब वाले दो दरों को हटाने और इनकी जगह सिर्फ 5 व 18 प्रतिशत वाले स्लैब रखने का प्रस्ताव रखा है.
वीजा मिलने के बाद कई अफगान परिवार पाकिस्तान से जर्मनी पहुंचे
पाकिस्तान में शरणार्थियों के रूप में रह रहे कई अफगान परिवार वीजा मिलने के बाद जर्मनी पहुंच गए हैं. समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार सोमवार, 1 सिंतबर को 47 अफगान नागरिक एक व्यावसायिक उड़ान से इस्तांबुल होते हुए हनोवर हवाई अड्डे पर उतरे. उन्होंने अपनी यात्रा इस्लामाबाद से शुरू की थी.
तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से कई अफगान परिवार अपना देश छोड़कर लंबे समय से इस्लामाबाद में जर्मनी जाने के लिए वीजा का इंतजार कर रहे थे. इस्लामाबाद हवाई अड्डे पर एक महिला ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया कि उन्हें वीजा के लिए 14 महीने तक इंतजार करना पड़ा और अब वह जर्मनी में स्वतंत्रता और सुरक्षा भरे जीवन की उम्मीद कर रही हैं.
जर्मनी ने पहले जर्मन संस्थानों के पूर्व कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों के अलावा वकीलों, पत्रकारों या मानवाधिकार रक्षकों जैसे पेशे वाले अन्य अफगानों को भी शरण देने की इच्छा जताई थी, जिन्हें उत्पीड़न का खतरा है. हालांकि, प्रवास के स्तर को कम करने की कोशिश में, चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स के नए प्रशासन ने सैकड़ों अफगानों को फिर से बसाने के कार्यक्रमों को रोक दिया है.
एक अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया कि जर्मन सरकार को वीजा जारी करने पर रोक लगाने का अधिकार है. माना जाता है कि 47 अफगान नागरिकों को मुकदमे दायर करने के बाद वीजा मिल गया था. यह मुद्दा तब और भी जरूरी हो गया जब पाकिस्तानी अधिकारियों ने उन लोगों को वापस अफगानिस्तान भेजना शुरू कर दिया जो जर्मनी में प्रवेश की उम्मीद कर रहे थे.
महिला वर्ल्ड कप के लिए आईसीसी ने रिकॉर्ड पुरस्कार राशि का एलान किया
30 सितंबर से खेले जाने वाले महिला विश्व कप क्रिकेट के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने प्राइज मनी का एलान कर दिया है. यह टूर्नामेंट 30 सितंबर से 2 नवंबर तक खेला जाएगा और इसका उद्घाटन मुकाबला श्रीलंका और भारत के बीच होगा. आईसीसी ने इस बार महिला वर्ल्ड कप की कुल इनामी राशि को 13.88 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 122 करोड़ रुपये) तय की है.
2022 के विश्व कप में कुल प्राइज मनी 35 लाख डॉलर थी. उसकी तुलना में इस बार 297 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह इनाम राशि 2023 में भारत में हुए पुरुष विश्व कप की कुल पुरस्कार राशि 10 मिलियन डॉलर से भी अधिक है. महिला वर्ल्ड कप 2025 का 13वां संस्करण भारत और श्रीलंका में खेला जाएगा.
आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने कहा, "यह घोषणा महिला क्रिकेट की यात्रा में एक ऐतिहासिक मोड़ है. इनामी राशि में चार गुना वृद्धि यह दर्शाती है कि हम महिला क्रिकेट के दीर्घकालिक विकास को लेकर कितने प्रतिबद्ध हैं." उन्होंने कहा, "हमारा साफ संदेश है कि महिला खिलाड़ियों को पुरुषों के बराबर माना जाएगा, अगर वे यह खेल पेशेवर करियर के रूप में चुनती हैं."
पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में तुर्की की भूमिका की सराहना की
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीनी शहर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के मौके पर तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोआन से मुलाकात के दौरान यूक्रेन युद्ध में तुर्की के मध्यस्थता प्रयासों की प्रशंसा की. पुतिन ने कहा, "मुझे विश्वास है कि इन मामलों में तुर्की की विशेष भूमिका की मांग आगे भी बनी रहेगी."
तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय के अनुसार, एर्दोआन ने पुतिन से कहा कि तुर्की यूक्रेन में एक निष्पक्ष और स्थायी शांति चाहता है. उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि इस्तांबुल में हुई युद्धविराम वार्ता शांति में योगदान दे रही है. तुर्की ने यूक्रेन और रूस के बीच तीन दौर की वार्ताओं की मेजबानी की है. हालांकि इन बैठकों से कोई शांति समझौता या युद्धविराम तो नहीं हुआ, लेकिन दोनों पक्ष युद्धबंदियों की अदला-बदली और मारे गए सैनिकों के शवों को लौटाने पर सहमत हुए.
पुतिन ने द्विपक्षीय सहयोग, खासकर ऊर्जा क्षेत्र में तुर्की को एक रणनीतिक भागीदार बताया. रूसी सरकारी मीडिया के अनुसार पुतिन ने कहा, "हमारा ध्यान मध्य पूर्व, उत्तरी अफ्रीका और ट्रांसकॉकेशिया जैसे साझा हित के विषयों पर भी है. इन सभी क्षेत्रों में रूस-तुर्की सहयोग सुस्थापित, ठोस, उपयोगी और, मैं कहूंगा, भरोसेमंद है."
यूरोपीय संघ प्रमुख के विमान में रूसी जीपीएस जैमिंग का संदेह
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला फॉन डेय लाएन को लेकर जा रहे एक विमान में सोमवार को बुल्गारिया जाते समय रूसी जीपीएस जैमिंग का संदेह हुआ. आयोग की प्रवक्ता एरियाना पोडेस्टा ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि हस्तक्षेप के बावजूद विमान सुरक्षित रूप से उतर गया. यूरोपीय संघ प्रमुख ने रूस और बेलारूस से सटे यूरोपीय संघ के देशों के अपने निर्धारित दौरे को जारी रखा.
यूरोपीय संघ को बुल्गारियाई अधिकारियों से जानकारी मिली कि उन्हें "संदेह है कि यह स्पष्ट हस्तक्षेप रूस द्वारा किया गया था." आयोग की प्रवक्ता ने कहा कि धमकियां और डराना-धमकाना रूस की शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों का एक नियमित घटक हैं. इस घटना के बाद यूरोपीय संघ ने रक्षा खर्च और यूरोप की तैयारी में और अधिक निवेश करने का संकल्प लिया है.
बुल्गारिया के एक अलग बयान में पुष्टि की गई कि जब विमान प्लोवडिव हवाई अड्डे के पास पहुंच रहा था, तो विमान के जीपीएस नेविगेशन के लिए उपयोग किए जाने वाले उपग्रह सिग्नल में बाधा डाली गई थी. द फाइनेंशियल टाइम्स ने बताया कि जीपीएस की खराबी के कारण विमान को निर्धारित समय से लगभग एक घंटा अधिक हवा में रहना पड़ा. पायलट ने कथित तौर पर पारंपरिक एनालॉग नक्शों का उपयोग करके प्लोवडिव शहर में मैन्युअल रूप से विमान को उतारने का फैसला किया.
अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए कर नहीं बढ़ाएगी जर्मन सरकार: मैर्त्स
जर्मन चांसलर फ्रीडरिष मैर्त्स ने कहा है कि उनकी सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और देश के वित्तीय हालात को ठीक करने के लिए काम करेगी, लेकिन इसके लिए करों को नहीं बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि उनकी गठबंधन सरकार के सहयोगियों के बीच टैक्स नहीं बढ़ाने पर सहमति बनी है
जर्मनी की अर्थव्यवस्था लगातार दो साल की मंदी से जूझ रही है, जिसकी वजह उच्च ऊर्जा कीमतें, श्रमिकों की कमी, विदेशी प्रतिस्पर्धा और अमेरिका के नए टैरिफ हैं. इन चुनौतियों के कारण सरकार को 2027 के बजट में अनुमानित 30 अरब यूरो से अधिक के घाटे का सामना करना पड़ रहा है. इस घाटे को भरने के लिए, सरकार ने कर बढ़ाने की बजाय अन्य उपायों पर ध्यान केंद्रित किया है.
इसी क्रम में, श्रम मंत्री ने एक नई पेंशन योजना का मसौदा पेश किया है, जिसे 'एक्टिव पेंशन' कहा जा रहा है. इस योजना के जरिए, सेवानिवृत्त श्रमिक अपनी पेंशन के अलावा हर महीने 2,000 यूरो तक कर-मुक्त कमा सकेंगे. मैर्त्स ने उम्मीद जताई कि यह योजना 1 जनवरी तक शुरू हो जाएगी.
किन मुद्दों के साथ भारत आ रहे हैं जर्मन विदेश मंत्री
जर्मनी के विदेश मंत्री योहान वाडेफुल मंगलवार से भारत की यात्रा पर रहेंगे. विदेश मंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा होगी. नई दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले वाडेफुल ने कहा कि जर्मनी भारत के साथ रिश्तों को और व्यापक बनाना चाहता है. उन्होंने कहा, "हमारे लिए, भारत दुनिया भर में केंद्रीय भागीदारों में से एक है."
वाडेफुल ने कहा कि आर्थिक मामलों, सुरक्षा और रक्षा पर सहयोग दोनों देशों के लिए पारस्परिक रूप से लाभकारी है. जर्मन विदेश मंत्री अपनी दो दिवसीय यात्रा की शुरूआत बेंगलुरू से करेंगे, जहां भारत की बड़ी टेक कंपनियां स्थित हैं. बेंगलुरू यात्रा के दौरान वह यह जानने की कोशिश करेंगे भारत की इनोवेशन पावर इतनी शक्तिशाली कैसे है.
दिल्ली में बुधवार को वह कई वार्ताओं में शामिल होंगे. जर्मनी में विदेशी छात्रों का सबसे बड़ा समूह भारतीय है और अत्यधिक मांग वाले स्किल वर्कस यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए एक जरूरी स्तंभ हैं.
वोट चोरी का मतलब अधिकार और लोकतंत्र की चोरी: राहुल गांधी
बिहार में 16 दिन चली इंडिया गठबंधन की "वोटर अधिकार यात्रा " सोमवार को पटना में समाप्त हो गई. इस यात्रा की शुरूआत 17 अगस्त को रोहतास जिले से हुई थी. इंडिया गठबंधन इस यात्रा के जरिए कथित "वोट चोरी" के मुद्दे के साथ साथ बिहार में वोटर्स के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने को लेकर बीजेपी सरकार और चुनाव आयोग पर निशाना साधना था.
सोमवार को पटना में हुई रैली में कई विपक्षी नेता शामिल हुए. कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने "वोटर अधिकार यात्रा " को संबोधित करते हुए कहा, "ये डबल इंजन की सरकार 6 महीने के बाद नहीं रहेगी और जो नई सरकार आएगी वह गरीबों की सरकार होगी, महिलाओं, दलितों और पिछड़ों की सरकार होगी."
वहीं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "महाराष्ट्र में एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना से चुनाव को चोरी किया गया था. तकरीबन 1 करोड़ नए मतदाता को लोकसभा चुनाव के बाद मतदाता सूची में जोड़े जाते हैं, हमारे गठबंधन को जितने मत लोकसभा चुनाव में मिले उतने ही विधानसभा में मिले लेकिन सारे के सारे नए मत भाजपा के खाते में गए...क्यों? क्योंकि चुनाव आयोग और भाजपा ने मिलकर वोट चोरी की. बिहार के युवाओं से मैं कहना चाहता हूं कि वोट चोरी का मतलब अधिकारों, आरक्षण, रोजगार, शिक्षा, लोकतंत्र और युवाओं के भविष्य की चोरी."
भारत में विनिर्माण क्षेत्र में 17 वर्षों में सबसे ज्यादा वृद्धि
एसएंडपी ग्लोबल द्वारा सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत का विनिर्माण क्षेत्र पिछले 17 वर्षों से अधिक समय में सबसे तेज गति से बढ़ा है. यह वृद्धि मजबूत मांग की स्थिति के कारण नए ऑर्डरों और उत्पादन में हुई है.
HSBC मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जुलाई में 59.1 से बढ़कर अगस्त में 59.3 हो गया. इस इंडेक्स में 50 से ऊपर का स्कोर वृद्धि को दर्शाता है. उत्पादन में वृद्धि पिछले पांच वर्षों में सबसे तेज थी, जिसका संबंध बेहतर आपूर्ति और मांग के तालमेल से था. नए ऑर्डर लगभग उसी स्तर तक बढ़े जितने जुलाई में बढ़े थे, जो 57 महीनों में सबसे तेज था, जिसका मुख्य कारण मांग में उछाल और सफल विज्ञापन थे.
भारतीय कंपनियों को एशिया, यूरोप, मध्य पूर्व और अमेरिका के ग्राहकों से नए ऑर्डर मिल रहे थे. HSBC में अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, "भारतीय सामानों पर अमेरिकी टैरिफ में 50% की वृद्धि ने नए निर्यात ऑर्डरों की वृद्धि में थोड़ी कमी ला दी होगी, क्योंकि अमेरिकी खरीदार टैरिफ की अनिश्चितता के बीच ऑर्डर देने से बच रहे हैं." सर्वे से पता चला कि आपूर्ति श्रृंखलाओं पर कोई दबाव नहीं था और बकाया व्यापार की मात्रा में केवल मामूली वृद्धि हुई थी.
इंडोनेशिया में सांसदों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी, राजधानी में सेना तैनात
सांसदों को दिए जाने वाले भत्तों के विरोध में इंडोनेशिया में हजारों लोग सोमवार को सड़कों पर उतरे, जिसके बाद राजधानी जकार्ता में सेना तैनात कर दी गई. ये विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए और इसमें छह लोगों की मौत हो गई. ये प्रदर्शन सांसदों के लिए उन आवासीय भत्तों के खिलाफ शुरू हुए थे, जो जकार्ता में न्यूनतम वेतन से लगभग दस गुना ज्यादा हैं.
सोमवार दोपहर जकार्ता में संसद के बाहर 300 से ज्यादा प्रदर्शनकारी जमा हुए. एक प्रदर्शनकारी ने एएफपी को बताया, "हमारा मुख्य लक्ष्य संसद में सुधार करना है. हम चाहते हैं कि संसद के नेता बाहर आकर हमसे मिलें. हम उनसे सीधे बात करना चाहते हैं, वे हमारे प्रतिनिधि हैं."
यह प्रदर्शन पिछले हफ्ते शुरू हुए थे, जो तब और हिंसक हो गए जब एक वीडियो में पुलिस की एक गाड़ी को 21 वर्षीय डिलीवरी ड्राइवर को टक्कर मारते हुए दिखाया गया. इसके बाद, प्रदर्शन जकार्ता से अन्य प्रमुख शहरों तक फैल गए.
प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रपति प्रबोवो और संसद के नेताओं ने इन उपायों को रद्द करने का फैसला किया है. इन प्रदर्शनों की वजह से प्रबोवो को इस हफ्ते चीन की अपनी यात्रा भी रद्द करनी पड़ी है.
इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कम से कम तीन लोग मारे गए, जिनमें से एक को पूर्वी शहर माकासर में प्रदर्शनकारियों द्वारा लगाई गई आग में जला दिया गया था. एक अन्य पीड़ित की मौत भीड़ द्वारा हुई गलत पहचान के मामले में हुई. अशांति की आशंका के चलते टिकटॉक ने शनिवार को इंडोनेशिया में अपनी लाइव सुविधा को कुछ दिनों के लिए निलंबित कर दिया, जहां इसके 10 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं.
बिहार में वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की समय-सीमा नहीं बढ़ेगी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार की मतदाता सूची संशोधन (SIR) मामले की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान भारत के चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मसौदा मतदाता सूची के संबंध में दावे या आपत्तियां 1 सितंबर की समय-सीमा के बाद भी दायर की जा सकती हैं. आयोग ने कहा नामांकन की अंतिम तारीख से पहले दायर किए गए सभी दावों या आपत्तियों पर विचार किया जाएगा.
चुनाव आयोग की इस दलील पर गौर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर की समय-सीमा बढ़ाने का कोई आदेश नहीं दिया. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच राजनीतिक दलों द्वारा दायर उन आवेदनों पर विचार कर रही थी, जिनमें समय सीमा को दो सप्ताह बढ़ाने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल पाठ्यक्रम में ट्रांसजेंडर-समावेशी यौन शिक्षा पर नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (1 सितंबर) को एक जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है. यह याचिका कक्षा 12 के एक छात्र ने दायर की है, जिसमें स्कूलों के पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में ट्रांसजेंडर-समावेशी व्यापक यौन शिक्षा को शामिल करने के निर्देश देने की मांग की गई है. ये पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) द्वारा तैयार किए जाते हैं.
याचिका में कहा गया है कि NCERT और अधिकांश SCERT ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 की धारा 2(d) और 13 के आदेशों के बावजूद, लिंग पहचान, लिंग विविधता और लिंग व यौन के बीच के अंतर पर संरचित या परीक्षा योग्य सामग्री को शामिल करने में विफल रहे हैं.
याचिका में UNESCO और WHO द्वारा प्रकाशित यौन शिक्षा पर अंतरराष्ट्रीय तकनीकी मार्गदर्शन (ITGSE) का भी उल्लेख किया गया है, जो व्यापक यौन शिक्षा के लिए एक ढांचा प्रदान करता है और जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 2024 के अपने फैसले में समर्थन दिया था. याचिका में यह भी बताया गया है कि 2019 से NCERT द्वारा नीति दस्तावेज और संसाधन सामग्री विकसित किए जाने के बावजूद, उन्हें मुख्य पाठ्यपुस्तकों में शामिल नहीं किया गया है.
याचिका में 7 मई, 2025 के एक RTI के जवाब का हवाला दिया गया है, जिसमें NCERT ने पुष्टि की है कि उसने ट्रांसजेंडर-समावेशी यौन शिक्षा पर शिक्षकों को प्रशिक्षित नहीं किया है. याचिका में NCERT, SCERTs और अन्य अधिकारियों को देश भर में वैज्ञानिक रूप से सटीक, आयु-उपयुक्त और ट्रांसजेंडर-समावेशी व्यापक यौन शिक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने E20 पेट्रोल नीति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (1 सितंबर) को केंद्र सरकार के इथेनॉल ब्लेंडिंग कार्यक्रम को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. इस कार्यक्रम के तहत 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) की बिक्री अनिवार्य है. मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता शादान फरासत ने कहा कि वे इथेनॉल-ब्लेंडिंग के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि केवल 2023 से पहले बने उन वाहनों के लिए इथेनॉल-मुक्त पेट्रोल का विकल्प चाहते हैं जो E20 के अनुकूल नहीं हैं. उन्होंने 2021 की नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें E20 के उपयोग से पुराने वाहनों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई गई थी. उन्होंने यह भी बताया कि E20 के इस्तेमाल से ईंधन दक्षता में 6% तक की कमी आ सकती है और E10 या E0 पेट्रोल के समानांतर विकल्प की अनुपलब्धता भी चिंता का विषय है.
भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता केवल एक "नाम मात्र का व्यक्ति" है और उसके पीछे एक बड़ी लॉबी काम कर रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही यह नीति बनाई है, जिससे देश के गन्ना किसानों को लाभ हो रहा है. उन्होंने सवाल किया कि क्या देश के बाहर के लोग यह तय करेंगे कि भारत को किस तरह के ईंधन का उपयोग करना चाहिए? अटॉर्नी जनरल की दलील के बाद, मुख्य न्यायाधीश ने याचिका को "खारिज" कर दिया.
भारत ने 2025 तक 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य तय किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ ऊर्जा योजना के तहत इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया. लेकिन हाल के हफ्तों में देशभर के लगभग 90,000 पेट्रोल पंपों पर अब केवल ई20 ही उपलब्ध है. पहले जिन पुराने मिश्रणों (ई5 और ई10) को पुराने वाहनों के लिए अधिक अनुकूल माना जाता था, उन्हें बंद कर दिया गया है.
रूसी तेल से भारत के 'ब्राह्मण' मुनाफा कमा रहे हैं: पीटर नवारो
फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में, अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर रूस-यूक्रेन युद्ध से मुनाफा कमाने के आरोपों में एक नया पक्ष जोड़ा है. उन्होंने दावा किया कि भारत रियायती दरों पर रूस से तेल खरीद रहा है, उसे रिफाइन कर रहा है और फिर यूरोप और अन्य जगहों पर ज्यादा कीमत पर बेच रहा है. नवारो ने भारत को "क्रेमलिन के लिए एक लॉन्ड्रोमैट" (रूस के पैसे को सफेद करने वाली मशीन) बताया और देश के 'अभिजात वर्ग' पर भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी करने का आरोप लगाया.
नवारो ने आरोप लगाया कि यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर हमले से पहले भारत रूस से ज्यादा तेल नहीं खरीदता था, लेकिन अब वह रूसी युद्ध मशीन को ईंधन दे रहा है. उन्होंने कहा, "भारत क्रेमलिन के लिए एक लॉन्ड्रोमैट के अलावा और कुछ नहीं है... ब्राह्मण भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं. हमें इसे रोकना होगा." उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रिफाइनर रियायती रूसी कच्चे तेल को खरीदकर, उसे प्रोसेस करके और प्रीमियम पर निर्यात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "यह यूक्रेन के लोगों को मार रहा है... और हमें, करदाताओं के रूप में, क्या करना होगा? हमें उन्हें और ज्यादा पैसा भेजना होगा." उन्होंने भारतीय निर्यात पर ट्रंप प्रशासन के दंडात्मक टैरिफ का भी बचाव किया और दावा किया कि मॉस्को और बीजिंग के साथ भारत के संबंध वैश्विक स्थिरता को कमजोर कर रहे हैं.
नवारो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक महान नेता बताते हुए उनके फैसलों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "जब वह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हैं, तो मुझे समझ नहीं आता कि वह (मोदी) पुतिन और शी जिनपिंग के साथ क्यों जा रहे हैं."
पाकिस्तान में बाढ़ का कहर जारी, पंजाब में 20 लाख लोग प्रभावित
पाकिस्तानी प्रांत पंजाब के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता मजहर चौधरी ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया कि तीन पूर्वी नदियों में आई बाढ़ ने 20.6 लाख लोगों के जीवन को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण ने प्रांत में स्थापित 511 राहत शिविरों में 76 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. चिनाब, सतलुज और रावी नदियों में बाढ़ के कारण 2,000 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, पिछले हफ्ते से पंजाब में कम से कम 33 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 26 जून से अब तक देश भर में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण मरने वालों की कुल संख्या 849 हो गई है.