सीपी राधाकृष्णन होंगे भारत के अगले उपराष्ट्रपति
प्रकाशित ९ सितम्बर २०२५आखिरी अपडेट ९ सितम्बर २०२५सीपी राधाकृष्णन होंगे भारत के अगले उपराष्ट्रपति
एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की है. वे देश के 15वें उपराष्ट्रपति होंगे. उन्हें चुनाव में प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले, जबकि इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 वोट ही मिले. राज्यसभा के महासचिव और उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने मीडिया को यह जानकारी दी.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए हुए मतदान में 788 में से 767 सांसदों ने अपना वोट डाला था. इनमें से राधाकृष्णन को 452 और रेड्डी को 300 वोट मिले. 15 वोटों को अवैध माना गया. इस तरह सीपी राधाकृष्णन ने 152 वोटों से यह चुनाव जीत लिया. 21 जुलाई को पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के चलते यह पद खाली हुआ था.
नेपाल में राष्ट्रपति और सेना ने की शांति की अपील
नेपाल में प्रधानमंत्री केपी ओली के इस्तीफा देने के बाद भी विरोध-प्रदर्शन बंद होते नहीं दिख रहे हैं. न्यूज एजेंसी एपी के मुताबिक, देर शाम तक हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर जमे रहे. उन्होंने संसद समेत कई सरकारी इमारतों में घुसकर उनमें आग लगा दी और कई नेताओं पर भी हमला किया. सेना के हेलिकॉप्टरों से कई मंत्रियों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया.
नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक तौर पर अपील की है कि वे बातचीत के लिए आगे आएं ताकि एक शांतिपूर्ण समाधान खोजा जा सके और स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके. नेपाल की सेना ने भी एक बयान जारी कर शांति बनाए रखने और राजनीतिक बातचीत शुरू करने का आग्रह किया है.
बाढ़ग्रस्त पंजाब को 1,600 करोड़ की आर्थिक मदद देगी केंद्र सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को घोषणा की कि पंजाब को 1,600 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि हम पंजाब में बाढ़ से प्रभावित हुए प्रत्येक व्यक्ति को राहत पहुंचाने और हर संभव सहायता करने के लिए तत्परता से काम कर रहे हैं.
इससे पहले, उन्होंने पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे भी किया. उन्होंने बाढ़ की वजह से हुए नुकसान को समझने के लिए पंजाब के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की. उन्होंने पंजाब में बाढ़ से प्रभावित हुए परिवारों से भी मुलाकात की.
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, किसानों को मदद की विशेष जरूरत को देखते हुए, उनके लिए अतिरिक्त सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत, ट्यूबवेल बनाने में मदद की जाएगी. ग्रीमाण इलाके में जिन घरों को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है, उन्हें दोबारा बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आर्थिक मदद दी जाएगी.
दोहा में इस्राएल ने किया हमास नेताओं के ठिकानों पर हमला
कतर की राजधानी दोहा में मंगलवार को कई धमाकों की आवाज सुनी गई. धमाके की जिम्मेदारी लेते हुए समाचार एजेंसी एपी को नाम ना बताने की शर्त पर इस्राएली सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इस हमले का मकसद कतर में मौजूद हमास के नेताओं को निशाना बनाना था.
अभी तक इस हमले में किसी के हताहत होने की पुष्टि नहीं की गई है. कतर ने हमले की निंदा करते हुए इसे इस्राएल की कायराना हरकत और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है.
खाने की बर्बादी और फास्ट फैशन को काबू करने के लिए ईयू ने बनाया कानून
यूरोपीय संघ ने खाने की बर्बादी और पर्यावरण पर फास्ट फैशन के असर को कम करने के लिए आखिरकार एक नए कानून पर मुहर लगा दी है. नए कानून के तहत अब यूरोपीय देशों को 2030 तक खाने की बर्बादी 30 फीसदी तक कम करने का लक्ष्य दिया गया है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी देश अपने हिसाब से कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं.
खाने की बर्बादी रोकने के पीछे ईयू का उद्देश्य पानी, खाद और ऊर्जा व्यय में कटौती करना है,जिनका इस्तेमाल खाद्य पदार्थों को स्टोर करने के लिए किया जाता है जो अंत में जाकर कचरे के ढेर का हिस्सा बन जाते हैं. इसके साथ ही फूड प्रोसेसिंग के दौरान पैदा होने वाले कचरे में भी 10 फीसदी कटौती का लक्ष्य रखा गया है.
यही तरकीब फास्ट फैशन इंडस्ट्री पर भी लागू की गई है. उदाहरण के तौर पर ईयू ने कहा है कि कॉटन की एक टीशर्ट बनाने में 2700 लीटर ताजे पानी का इस्तेमाल होता है. एक व्यक्ति औसतन इतने पानी की खपत तकरीबन ढाई साल में करता है. कई कोशिशों और बदलावों के बाद ईयू ने इस नए कानून को हरी झंडी दिखाई है. इस प्रस्ताव पर रेस्तरां और होटल बिजनस से जुड़े लोगों ने कड़ा एतराज जताया था.
दक्षिण कोरिया की बुजुर्ग महिलाओं ने अमेरिकी सेना पर क्यों किया मुकदमा
अमेरिकी सेना के खिलाफ की करीब 100 महिलाओं ने एक ऐतिहासिक मुकदमा दायर किया है. ये वे महिलाएं हैं जिन्हें 1950 से 1980 तक दक्षिण कोरिया में तैनात अमेरिकी सैनिकों के लिए सेक्स वर्कर के तौर पर काम करना पड़ा था.
इतिहासकारों और एक्टिविस्टों के मुताबिक, उस दौरान हजारों की संख्या में दक्षिण कोरियाई महिलाओं को उन सैनिकों के लिए ऐसा करना पड़ा था. उस दौरान 28 हजार से अधिक अमेरिकी सैनिक उत्तर कोरिया से दक्षिण कोरिया का बचाव करने के लिए तैनात किए गए थे. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, 117 महिलाओं ने यह मुकदमा दायर किया है और अमेरिकी सेना से माफी की मांग की है.
2022 में दक्षिण कोरिया की उच्च अदालत ने फैसला सुनाया था कि सरकार ने अमेरिकी सैनिकों के लिए उस दौर में अवैध तरीके से महिलाओं से सेक्स वर्क करवाया. तब अदालत ने ऐसी ही 120 महिलाओं को मुआवजा देने का आदेश भी दिया था. अब इस नए मुकदमे के तहत, पीड़ितों ने प्रति व्यक्ति 7200 डॉलर मुआवजे की मांग की है. हालांकि, उनका मुख्य मकसद अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सरकार की जबावदेही तय करना है.
एएफपी से बातचीत के दौरान एक महिला ने बताया कि वह कभी भी अमेरिकी सैनिकों की हिंसा नहीं भूल सकती, जब उन्हें महज इसलिए थप्पड़ मारा गया था क्योंकि उन्होंने शराब परोसते वक्त अपना सिर झुका लिया था. एक और महिला ने कहा कि उन्हें क्यों इन यातनाओं से गुजरना पड़ा? साथ ही उन्होंने कहा कि मरने से पहले वह इसका जवाब चाहती हैं और चाहती हैं कि उनसे माफी मांगी जाए.
व्यापार वार्ता में मतभेद सुलझाने की कोशिश करेंगे भारत और यूरोपीय संघ
भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) इस हफ्ते दिल्ली में व्यापार वार्ता करेंगे. दोनों पक्षों ने इस साल के अंत तक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने का लक्ष्य रखा है, इसलिए इस वार्ता में कृषि, डेयरी और नॉन-टैरिफ बैरियर्स से संबंधित मतभेदों को सुलाझने की कोशिश होगी. भारत सरकार और ईयू से नाता रखने वाले सूत्रों ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के बाद भारत अब अपनी वैश्विक साझेदारियों को मजबूत करना चाहता है. ईयू के साथ समझौता होने से भारत पश्चिमी देशों के भी करीब आ सकता है. भारत और ईयू के बीच समझौते के लिए बातचीत 2022 में फिर से शुरू हुई थी लेकिन ट्रंप के दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के बाद इसने गति पकड़ी है.
सूत्र ने बताया, अब तक की बातचीत में 23 में से 11 चैप्टर्स को अंतिम रूप दे दिया गया है. इनमें सीमा शुल्क, डिजिटल व्यापार, बौद्धिक संपदा, प्रतिस्पर्धा, सब्सिडी, विवाद निपटान और धोखाधड़ी विरोधी उपाय शामिल हैं. वहीं, भारत ने किसानों की आजीविका का हवाला देते हुए कृषि और डेयरी क्षेत्र में कोई भी छूट देने से इनकार कर दिया है. वहीं, ईयू चाहता है कि उसके ऑटोमोबाइल और अल्कोहल वाले पेय पदार्थों को भारत में अधिक पहुंच मिले.
पेरिस में मस्जिदों के बाहर मिले सुअरों के कटे हुए सिर
पेरिस और उसके आस पास के इलाकों में मौजूद कई मस्जिदों के बाहर सुअरों के कटे हुए कुल नौ सिर मिले हैं. पुलिस ने जानकारी दी है कि इस मामले की जांच की जा रही है और ऐसी घटिया हरकत करने वाले दोषियों की खोज में वह लगी हुई है. फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रतेयू ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि फ्रांस में रह रहे मुसलमान शांति से अपने धर्म का पालन कर सकें.
पेरिस ग्रांड मॉस्क के मुख्य मौलाना चेम्स एडिन हाफिज ने इसे मुस्लिम विरोधी हरकत करार देते हुए कहा कि यह मुसलमानों के खिलाफ नफरत का एक नया और बेहद निराश करने वाला दौर है. साथ ही उन्होंने इस खतरनाक स्थिति के खिलाफ जागरूकता और राष्ट्रीय एकता की भी अपील की.
अपने लाखों नागरिकों के फोन टैप कर रहा है पाकिस्तान: एमनेस्टी
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी ने अपनी नई रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तान फोन टैपिंग और चीन में बने सोशल मीडिया सेंसर करने वाले फायरवॉल की मदद से अपने लाखों नागरिकों की जासूसी कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अभिव्यक्ति की आजादी को काबू में करने के लिए चीन और पश्चिमी दोनों ही देशों में बनी तकनीक का सहारा लिया है.
एमनेस्टी के मुताबिक, पाकिस्तान की जासूसी एजेंसियां 'लॉ-फुल इंटरसेप्ट मैनेजमेंट सिस्टम' का इस्तेमाल कर एक बार में करीब 40 लाख फोनों को मॉनिटर कर सकती हैं. वहीं, डब्ल्यूडब्ल्यूएस 2.0 नाम के फायरवॉल की मदद से एक बार में 20 लाख एक्टिव इंटरनेट सेशन को ब्लॉक कर सकती हैं.
एमनेस्टी का दावा है कि जिन फोन को टैप किया जा रहा है उनकी असल संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है क्योंकि पाकिस्तान की चार बड़ी नेटवर्क कंपनियों को एलआईएमएस से जुड़ने का आदेश दिया गया है.
रॉयटर्स ने इस रिपोर्ट को लेकर पाकिस्तान के सूचना, तकनीक और गृह मंत्रालय से भी संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. पाकिस्तान में इस वक्त करीब 6.5 लाख वेबसाइटों पर बैन लगाया हुआ है.
पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 9 सितंबर को बाढ़ से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के लिए 1,500 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है. पीएम मोदी ने बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं की वजह से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने की भी घोषणा की. वहीं, गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को 50-50 हजार रुपये देने की बात कही.
इससे पहले उन्होंने राज्य के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वे भी किया. इसके बाद, राहत और पुनर्वास उपायों की समीक्षा और नुकसान का आकंलन करने के लिए कांगड़ा में एक आधिकारिक बैठक की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करेगी और हर संभव सहायता उपलब्ध करवाएगी.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने प्रधानमंत्री कार्यालय के हवाले से बताया है कि हिमाचल के किसानों के लिए अतिरिक्त मदद मुहैया करवाई जाएगी. जिन घरों को आपदा में नुकसान पहुंचा है, उन्हें पीएम आवास योजना के तहत फिर से बनाया जाएगा. समग्र शिक्षा अभियान के तहत, क्षतिग्रस्त स्कूलों को मदद दी जाएगी. राज्य से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को भी बहाल किया जाएगा.
ट्रंप सलाहकार पीटर नवारो ने भारत को बताया “टैरिफों का महाराजा”
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है. इस बार उन्होंने भारत को “टैरिफों का महाराजा” कहा है. ‘रियल अमेरिकाज वॉइस’ शो के साथ एक इंटरव्यू में नवारो ने कहा कि अगर भारत, रूस और चीन के साथ बना रहता है तो भारत के लिए इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा.
इसी इंटरव्यू में उन्होंने ब्रिक्स समूह की भी आलोचना की, जिसमें भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका मुख्य सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका को सामान बेचे बिना, ब्रिक्स के सदस्य देशों का काम नहीं चल सकता है. उन्होंने ब्रिक्स देशों की एकजुटता पर संशय जताते हुए कहा कि ये सभी देश ऐतिहासिक रूप से एक-दूसरे से नफरत करते हैं.
उन्होंने कहा, “मुख्य बात यह है कि इनमें से कोई भी देश, अमेरिका को सामान बेचे बिना जीवित नहीं रह सकता है और जब वे अमेरिका को अपना सामान बेचते हैं तो वे अपनी अनुचित व्यापार प्रथाओं से हमारा खून चूसने वाले पिशाचों की तरह होते हैं.”
इस्राएल ने दिया गाजा सिटी को जल्द से जल्द खाली करने का आदेश
इस्राएली सेना ने मंगलवार को गाजा सिटी में रह रहे लोगों को चेतावनी जारी करते हुए जल्द से जल्द शहर खाली करने का आदेश दिया है. साथ ही कहा है कि अगर हमास ने बंधकों को जल्द ही रिहा नहीं किया तो वह अपनी सैन्य कार्रवाई और तेज करेगा. वहीं, इस्राएल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो में कहा कि गाजा सिटी में रह रहे लोग इस मौके का इस्तेमाल करें. साथ ही उन्हें वहां से निकल जाने की चेतावनी भी दी.
इस्राएली सेना के इस हुक्म के बाद गाजा में रह रहे करीब 10 लाख लोगों के लिए संकट पैदा हो गया है क्योंकि इस इलाके में पहले से जारी सैन्य कार्रवाई के बीच उनके पास अब सुरक्षित स्थानों के विकल्प बेहद कम हैं. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक इस्राएली सेना की तरफ से उन्हें अल राशिद एक्सिस की तरफ से पलायन करने का आदेश दिया गया है.
गाजा में रह रहे 36 साल के खालिद ने एएफपी से कहा कि हर तरफ बमबारी और मौत है इसलिए वह इस्राएल से पूछना चाहते हैं कि वे कहां जाएं. 7 अक्टूबर 2023 को इस्राएल पर हमास के हमले के बाद से गाजा में रहने वाले करीब बीस लाख लोग अब तक विस्थापित हो चुके हैं.
जर्मनी में बढ़ रही एंटीसेमिटिक अपराधों की तादाद: रिपोर्ट
बीते साल के मुकाबले 2025 में जर्मनी में एंटी सेमिटिक यानी यहूदियों के खिलाफ होने वाले अपराधों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जर्मन पुलिस के हालिया आंकड़ों के मुताबिक 2025 की दूसरी तिमाही में 2024 के मुकाबले अधिक एंटीसेमिटिक अपराध दर्ज किए गए.
इस साल अप्रैल से जून के दौरान करीब 899 ऐसे मामले रिकॉर्ड किए गए. इनमें से 451 मामलों को पुलिस ने धुर-दक्षिणपंथ से प्रेरित बताया, वहीं 322 मामले विदेशी विचारधारा से जुड़े पाए गए. इनमें से कुछ मामलों में कुल 15 लोगों को मामूली चोटें भी आई. वहीं पिछले साल इसी अवधि में ऐसे अपराधों की संख्या 715 थी.
जर्मन सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में भी 2023 के मुकाबले एंटीसेमिटिक घटनाओं में 77 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. बीते साल एंटीसेमिटिज्म के कुल 8000 मामले सामने आए थे.
पिछले साल जर्मनी में एंटीसेमिटिज्म से निपटने के लिए एक विवादास्पद प्रस्तावको मंजूरी भी दी गई थी जिसका कड़ा विरोध भी हुआ था. 7 अक्तूबर 2023 को इस्राएल पर हमास के आतंकी हमले के बाद से ही जर्मनी में यहूदी विरोधी घटनाओं और भावनाएं बढ़ती दिखी हैं.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने दिया इस्तीफा
नेपाल में जारी हिंसक विरोध-प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि देश में जारी विषम परिस्थितियों को देखते हुए वे तुरंत प्रभाव से अपना पद छोड़ रहे हैं. उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि वे समस्या का समाधान करने और इसे राजनीतिक रूप से सुलझाने में मदद करने के लिए इस्तीफा दे रहे हैं.
इससे पहले पीएम ओली ने मंगलवार शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की थी. लेकिन प्रदर्शनकारियों का सरकार के खिलाफ गुस्सा थमता नहीं दिखा. प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए राजधानी काठमांडू में संसद और अन्य जगहों के सामने इकट्ठा हो गए थे. इस दौरान उनकी सुरक्षाबलों के साथ झड़पें भी हुईं.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, कई मंत्रियों को सेना के हेलिकॉप्टरों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, नेपाल के नागरिक विमानन प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि प्रदर्शनों के चलते काठमांडू के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया गया है.
जर्मनी: मौखिक यौन शोषण जल्द ही बन सकता है कानूनी अपराध
जर्मनी जल्द ही मौखिक रूप से होने वाले शोषण को अपराध घोषित कर सकता है. जर्मनी की न्याय मंत्री श्टेफनी ह्यूबिश ने कहा है कि उनके हिसाब से मौखिक यौन शोषण के खिलाफ कानून वास्तविकता बन सकता है. जर्मन अखबार राइनफालत्स को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जर्मनी की गठबंधन सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्या शोषण के खिलाफ मौजूदा कानून के दायरे को बढ़ाना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा, “महिलाएं और लड़कियां यौन शोषण के कारण सहम जाती हैं, उन्हें चोट पहुंचती है. मुझे इससे गुजरना बेहद मुश्किल लगता है, कई महिलाएं ऐसा ही महसूस करती हैं.”
हालांकि, यह पूछने पर कि क्या किसी असफल शिकायत और दंडनीय अपराध के बीच कोई रेखा खींची जाएगी तो उन्होंने कहा कि मौखिक रूप से किए गए हमले बेहद साफ और ठोस स्थितियों में होते हैं, यह करने वाले को भी पता होता है. उन्होंने यह भी कहा कि देश की कानून व्यवस्था ऐसे मामलों को संभालने में सक्षम है.
हालांकि, ऐसा करने वाला जर्मनी पहला देश नहीं होगा. नीदरलैंड में सार्वजनिक स्थानों में होने वाले मौखिक यौन शोषण को जुलाई 2024 में कानून अपराध घोषित किया गया था.