बगदाद में दूतावास पर हमले के बाद अमेरिकी रणनीति
१ जनवरी २०२०मंगलवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर हमला कर दिया था. कई घंटों तक प्रदर्शनकारी दूतावास परिसर में विरोध प्रदर्शन करते रहे. इस दौरान उन्होंने दूतावास की बाहरी दीवार को भी तोड़ दिया हालांकि वह आखिरी दीवार तक पहुंचने में नाकाम रहे. रविवार को अमेरिकी वायुसेना ने हिजबुल्लाह समर्थकों पर हवाई हमले किए थे इसी से नाराज होकर प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाया.
प्रदर्शनकारियों ने उन चौकियों से होते हुए मार्च किया जो उच्च सुरक्षा वाले ग्रीन जोन तक पहुंच को प्रतिबंधित करती हैं. अमेरिकी दूतावास पर हमले के बाद अमेरिका के रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने मध्य पू्र्व में 750 सैनिक भेजने की घोषणा की है.
अमेरिकी सेना की तैनाती उस हमले के खिलाफ सीधी कार्रवाई मानी जा रही है जो मंगलवार को दूतावास परिसर में हुआ. मार्क एस्पर ने कहा, "यह तैनाती अमेरिकी कर्मियों और प्रतिष्ठानों पर बढ़ते खतरों के बाद उचित और एहतियाती कदम हैं. अमेरिका दुनिया में हर जगह अपने लोगों और उनके हितों की रक्षा करेगा." ऐसा बताया जा रहा है कि अमेरिकी सैनिकों की तैनाती अगले कुछ दिनों में हो जाएगी.
ट्रंप की ईरान को चेतावनी
एस्पर ने ट्वीट कर कहा कि सेना की तैनाती अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के सीधे आदेश पर हो रही है. 750 सैनिक जिनकी तैनाती हो रही है वह खाड़ी क्षेत्र में पहले से ही मौजूद 14 हजार अमेरिकी सैनिकों के साथ मिलकर काम करेंगे.
दूसरी तरफ अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि इराक दूतावास की सुरक्षा के लिए अपनी सेना का इस्तेमाल करेगा." ट्रंप ने हमले के लिए ईरान को दोषी ठहराया और चेतावनी दी कि तेहरान को जवाबदेह ठहराया जाएगा. उन्होंने ट्वीट किया, "अब ईरान इराक में अमेरिकी दूतावास पर हमले की साजिश रच रहा है. वे इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होगा."
अमेरिकी दूतावास पर हमले के बाद अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी अधिकारी सुरक्षित हैं और उनकी सुरक्षा व्यवस्था को भेदा नहीं जा सका है. साथ ही प्रवक्ता ने यह भी कहा कि बगदाद स्थित दूतावास को खाली कराने की कोई योजना नहीं है.
अमेरिकी दूतावास पर हमले के बाद कई जानकारों का मानना है कि ईरान ने यह दर्शाने की कोशिश की है कि वह अमेरिकी हितों को निशाना बनाने में सक्षम है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ईरान पर दबाव बनाने के लिए आर्थिक दबान बनाना शुरू किया है. मंगलवार को ट्रंप ने ट्वीट किया, "अगर अमेरिकी ठिकानों में जान-माल का नुकसान होता है, तो ईरान को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी."
साथ ही ट्रंप ने इराकी अधिकारियों का धन्यवाद किया जिन्होंने हमले के दौरान हालात को संभाला. बाद में ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि वह, "ईरान के साथ युद्ध का अनुमान नहीं लगा सकते हैं." वहीं अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो ने कहा है कि दूतावास पर आतंकियों ने हमले की साजिश रची है.
एए/आरपी (डीपीए, एएफपी)
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